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SBI Contra Fund 5 Year Return : एसबीआई म्यूचुअल फंड की इस स्कीम ने 5 साल में वन टाइम इनवेस्टमेंट को करीब 5 गुना कर दिया है. (Image : Pixabay)
SBI Mutual Fund Scheme With Best Returns: एसबीआई म्यूचुअल फंड की एक इक्विटी स्कीम ने 5 साल पहले किए गए लंपसम इनवेस्टमेंट को करीब 5 गुना करके दिखाया है. इतना ही नहीं, इस स्कीम ने सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये किए गए निवेश पर भी पिछले 5 साल में सालाना 27% की दर से रिटर्न दिया है. शानदार प्रदर्शन दिखाने वाली SBI म्यूचुअल फंड की इस स्कीम का नाम है एसबीआई कॉन्ट्रा फंड (SBI Contra Fund), जिसने 5 साल के प्रदर्शन में अपनी कैटेगरी के बाकी सभी फंड्स को पीछे छोड़ दिया है. इस स्कीम की कुछ अलग और खास निवेश रणनीति की चर्चा आगे करेंगे, लेकिन पहले एक नजर डाल लेते हैं इस स्कीम के पिछले प्रदर्शन पर.
5 साल में करीब 5 गुना कैसे हुए निवेशकों के पैसे
अगर आपने 5 साल पहले SBI कॉन्ट्रा फंड में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होता, तो यह रकम बढ़कर 4,94,420 रुपये हो जाती. वहीं, अगर आपने हर महीने 5,000 रुपये की SIP की होती, तो 5 साल में सालाना 27% का रिटर्न के साथ आपकी फंड वैल्यू 5,83,551 रुपये हो गई होती. जबकि इस दौरान आपका कुल निवेश कुल 3 लाख रुपये ही होता. SBI कॉन्ट्रा फंड के डायरेक्ट प्लान के रिटर्न की तुलना बेंचमार्क इंडेक्स के रिटर्न से करें, तो पता चलता है कि 3 साल और 5 साल में SBI म्यूचुअल फंड की इस स्कीम का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है.
SBI कॉन्ट्रा फंड का पिछला प्रदर्शन
स्कीम में एकमुश्त निवेश पर 5 साल का रिटर्न : 37.64% (CAGR)
बेंचमार्क इंडेक्स (BSE 500 TRI) का 5 साल का रिटर्न : 26.33%
स्कीम में एकमुश्त निवेश पर 3 साल का रिटर्न : 22.56% (CAGR)
बेंचमार्क इंडेक्स (BSE 500 TRI) का 3 साल का रिटर्न : 13.77%
SBI कॉन्ट्रा फंड का SIP रिटर्न
मंथली SIP : 5000 रुपये
निवेश की अवधि : 5 साल
5 साल बाद फंड वैल्यू : 5,83,551 रुपये
5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 27% (एन्युलाइज्ड)
(Source : SBI MF Website, Value Research)
SBI कॉन्ट्रा फंड की निवेश रणनीति में क्या है खास?
SBI Contra Fund एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जो 'कॉन्ट्रैरियन इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी' को फॉलो करती है. इसका मतलब है कि फंड मैनेजर ऐसे स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो मौजूदा समय में अंडरपरफॉर्म कर रहे हैं, लेकिन उनकी फंडामेंटल्स मजबूत हैं. ये कंपनियां बाजार में अस्थायी रूप से कमज़ोर दिख सकती हैं, लेकिन लंबे समय में ये बड़ा रिटर्न देने की क्षमता रखती हैं. इस स्कीम के कॉर्पस का कम से कम 65% हिस्सा ऐसे ही शेयरों में निवेश किया जाता है, जबकि बाकी 35% हिस्सा अन्य इक्विटी, डेट या मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाया जा सकता है.
SBI कॉन्ट्रा फंड की बड़ी बातें
फंड लॉन्च: 5 जुलाई 1999
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 44,135 करोड़ रुपये (23 अप्रैल 2025 तक)
एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio): डायरेक्ट प्लान 0.64%, रेगुलर प्लान 1.51%
फंड मैनेजर: दिनेश बालाचंद्रन (मई 2018 से)
टॉप होल्डिंग्स और सेक्टर अलोकेशन
HDFC Bank Ltd. – 8.76%
Reliance Industries Ltd. – 4.24%
Kotak Mahindra Bank – 3.29%
Bank of India – 2.33%
GAIL (India) Ltd. – 2.25%
Torrent Power Ltd. – 2.17%
प्रमुख सेक्टर्स में निवेश
Financial Services – 29.97%
Oil, Gas & Consumable Fuels – 9.6%
Derivatives – 9.52%
Information Technology – 7.7%
Healthcare – 7.2%
Sovereign (सरकारी सिक्योरिटीज) – 5.04%
फंड की रेटिंग और जोखिम
SBI Contra Fund को वैल्यू रिसर्च ने 5 स्टार और क्रिसिल ने 4 स्टार की रेटिंग दी है, जो इसकी मजबूती की तरफ इशारा करती है. लेकिन इक्विटी में एक्सपोजर और कॉन्ट्रैरियन इनवेस्टमेंट फिलॉसफी की वजह से यह स्कीम रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) कैटेगरी में रखी गई है. निवेश से पहले इस बात को गंभीरता से समझना जरूरी है.
किन्हें करना चाहिए निवेश?
SBI Contra Fund उन निवेशकों के लिए सही विकल्प हो सकता है, जो लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ और हाई रिटर्न के लिए हाई रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं. अगर आप लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न के लिए बाजार के आम ट्रेंड से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं, तो SBI म्यूचुअल फंड की इस स्कीम में निवेश पर विचार कर सकते हैं.
सोच-समझकर करें निवेश
SBI Contra Fund ने भले ही बीते 5 साल में आकर्षक रिटर्न दिए हों, लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड के पिछले प्रदर्शन का भविष्य में जारी रहना जरूरी नहीं होता. साथ ही, इसका रिस्क लेवल बहुत अधिक है. ऐसे में इसमें निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले अपने फाइनेंशियल गोल्स और रिस्क बर्दाश्त करने की क्षमता को जरूर परख लें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है,किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं है. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)