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NFO Alert: मोतीलाल ओसवाल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बेंचमार्क के तौर पर निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर टोटल रिटर्न इंडेक्स (Nifty Infrastructure TRI) को फॉलो करेगा. (Image : Pixabay)
Motilal Oswal Infrastructure Fund NFO: देश के प्रमुख म्यूचुअल फंड हाउस में शामिल मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड एक नया फंड ऑफर (NFO) लेकर आया है. मोतीलाल ओसवाल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Motilal Oswal Infrastructure Fund) के नाम से पेश इस स्कीम में सब्सक्रिप्शन 23 अप्रैल 2025 से 7 मई 2025 तक खुला है. यह एक ओपन एंडेड इक्विटी फंड है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर थीम पर आधारित है. इसका उद्देश्य लंबे समय में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है, जिसके लिए खासतौर पर उन कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया जाएगा, जो किसी न किसी रूप से देश की इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ से जुड़ी हुई हैं.
क्या है इस NFO की खासियत?
इस स्कीम का उद्देश्य इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी से हो रही ग्रोथ का फायदा निवेशकों को दिलवाना है. इसके लिए फंड मैनेजर मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़ी कंपनियों में निवेश पर फोकस करेंगे. यह फंड बेंचमार्क के तौर पर निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर टोटल रिटर्न इंडेक्स (Nifty Infrastructure Total Return Index) को फॉलो करेगा. फंड की पोर्टफोलियो स्ट्रैटजी भी इसी थीम पर आधारित है, जिसमें सरकार की ओर से हो रहे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट का फायदा उठाने पर जोर दिया जाएगा. FY26 के बजट अनुमानों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान सरकार के कुल खर्च में 7.4% इजाफा होने की उम्मीद है, जिसमें 22.1% खर्च सिर्फ कैपिटल एक्सपेंडिचर पर होगा.
देश में इंफ्रास्ट्रक्चर की बदलती तस्वीर
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर की तस्वीर तेजी से बदल रही है. सड़कों, रेलवे, हाउसिंग और डिफेंस जैसे सेक्टर्स में सरकार ने बीते कुछ सालों में कई गुना ज्यादा खर्च किया है. FY13-19 में जहां लगभग 57 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं FY20-25 में यह आंकड़ा 111 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. इस तरफ ध्यान दिलाते हुए मोतीलाल ओसवाल एएमसी (Motilal Oswal AMC) के एमडी एवं सीईओ प्रतीक अग्रवाल ने कहा,"भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ अब रफ्तार पकड़ चुका है. यह नया फंड ऑफर निवेशकों को इस ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बनने का मौका देता है. हम मानते हैं कि यह फंड इंफ्रास्ट्रक्चर की विकास यात्रा में निवेश का बेहतरीन मौका मुहैया कराता है."
लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन की कोशिश
ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में भारत की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है और मेक इन इंडिया (Make in India) और PLI जैसी सरकारी योजनाएं इसे और सपोर्ट कर रही हैं. इस बात की तरफ ध्यान खींचते हुए मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड के एसोसिएट फंड मैनेजर भालचंद्र शिंदे ने कहा कि "भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर बड़े बदलाव के मुहाने पर है – सड़क, रेलवे, पावर, पोर्ट्स और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में जबरदस्त विकास हो रहा है. ऐसे में यह नया फंड इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों में निवेश करके लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन की कोशिश करेगा."
NFO के फंड मैनेजर और ऑप्शन
मोतीलाल ओसवाल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Motilal Oswal Infrastructure Fund) को 5 अनुभवी मैनेजर्स मिलकर संभालेंगे – अजय खंडेलवाल, अतुल मेहता, भालचंद्र शिंदे (इक्विटी), राकेश शेट्टी (डेट) और सुनील सावंत (ओवरसीज सिक्योरिटीज). यह फंड दो विकल्पों में उपलब्ध होगा – IDCW (पेआउट/रीइन्वेस्टमेंट) और ग्रोथ (Growth).
निवेश से जुड़े फैसले सोच-समझकर लें
अगर आप देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा रखते हैं और थीमैटिक इक्विटी फंड्स में निवेश करना चाहते हैं, तो इस NFO में पैसे लगाने पर विचार कर सकते हैं. लेकिन निवेश से पहले, स्कीम डॉक्युमेंट्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए. यह बात भी ध्यान में रखें कि इक्विटी म्यूचुअल फंड के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा रहता है. उसमें भी थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स में यह जोखिम फ्लेक्सी कैप या मल्टीकैप जैसे ज्यादा डायवर्सिफाइड फंड्स की तुलना में अधिक रहता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए इस एनएफओ को रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) की रेटिंग दी गई है. इसलिए निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर ध्यान में रखें. साथ ही यह भी समझ लें कि इक्विटी फंड्स में निवेश हमेशा लंबी अवधि यानी 7 से 10 साल के लिए करना बेहतर होता है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश के बारे में कोई भी फैसला स्कीम से जुड़े दस्तावेजों को अच्छी तरह पढ़ने-समझने और अपने निवेश सलाहकार की सलाह लेने के बाद ही करें.)