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Investors Alert: म्यूचुअल फंड की रिडेम्प्शन टाइमिंग में बदलाव का मकसद निवेशकों के फंड की सुरक्षा और बाजार में पारदर्शिता को बढ़ाना है. (Image: FE File)
Overnight Mutual Funds to See Cut-Off Timing Changes Starting June 1: निवेशकों के पैसों की सुरक्षा अब और मजबूत होने जा रही है. SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक बड़ा बदलाव करते हुए 1 जून 2025 से ओवरनाइट और लिक्विड म्यूचुअल फंड स्कीम्स में रिडेम्प्शन के लिए नए कट-ऑफ टाइम लागू करने का ऐलान किया है. इन नए नियमों का मकसद निवेशकों के फंड की सुरक्षा और बाजार में पारदर्शिता को बढ़ाना है.
SEBI ने म्यूचुअल फंड्स में लागू किए नए कट-ऑफ टाइम नियम
SEBI ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि 1 जून 2025 से ओवरनाइट और लिक्विड म्यूचुअल फंड योजनाओं में रिडेम्प्शन के लिए नई कट-ऑफ टाइमिंग लागू की जाएंगी. इसका उद्देश्य निवेशकों के फंड की सुरक्षा और बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना है
मार्केट रेगुलेट ने ओवरनाइट और लिक्विड म्यूचुअल फंड स्कीम्स में रिडेम्प्शन के नियमों को बदलते हुए कट-ऑफ टाइमिंग्स को दो भागों में बांट दिया है - ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के लिए अब अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है. पहले सभी निवेशकों के लिए एक ही समयसीमा थी, लेकिन अब SEBI ने इसे अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संशोधित किया है.
कल से क्या अहम बदलाव नजर आएगा
पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में कट-ऑफ टाइमिंग समान होती थी, लेकिन अब SEBI ने दोनों के लिए अलग-अलग कट-ऑफ टाइम तय किए हैं.
ऑफलाइन (फिजिकल) रिडेम्प्शन
दोपहर 3 बजे तक सबमिट करने पर अगले कारोबारी दिन का पिछले दिन का NAV मिलेगा.
दोपहर 3 बजे के बाद सबमिट करने पर अगले कारोबारी दिन का NAV मिलेगा.
ऑनलाइन रिडेम्प्शन (केवल ओवरनाइट स्कीम्स)
शाम 7 बजे तक सबमिट करने पर उसी दिन का NAV मिलेगा.
शाम 7 बजे के बाद सबमिट करने पर अगले कारोबारी दिन का NAV मिलेगा.
ध्यान देने वाली बात है कि कारोबारी दिन में वे दिन शामिल नहीं होते जब मनी मार्केट बंद होते हैं (जैसे छुट्टियां या वीकेंड).
ऑफलाइन और ऑनलाइन रिडेम्प्शन के लिए अलग-अलग कट-ऑफ टाइमिंग
ऑफलाइन यानी फिजिकल फॉर्म भरकर रिडेम्प्शन करने वाले निवेशकों को अब दोपहर 3 बजे तक अपनी रिक्वेस्ट जमा करनी होगी, ताकि उन्हें अगले कारोबारी दिन का पिछला NAV मिल सके. वहीं, 3 बजे के बाद दी गई रिक्वेस्ट पर सीधे अगले दिन का NAV लागू होगा. दूसरी ओर, ऑनलाइन मोड से ओवरनाइट स्कीम्स में निवेश करने वालों को थोड़ी राहत दी गई है. वे शाम 7 बजे तक अपनी रिडेम्प्शन रिक्वेस्ट दर्ज कर सकते हैं और उस दिन का NAV प्राप्त कर सकते हैं. 7 बजे के बाद की गई रिक्वेस्ट अगले कारोबारी दिन के NAV के अनुसार मानी जाएगी. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि 'बिजनेस डे' का मतलब सिर्फ वही दिन है जब बाजार खुले रहते हैं—छुट्टियों और वीकेंड को इसमें शामिल नहीं किया जाता.
‘अपस्ट्रीमिंग फ्रेमवर्क’ से बढ़ेगी फंड सुरक्षा और पारदर्शिता
SEBI का यह फैसला दरअसल ‘अपस्ट्रीमिंग फ्रेमवर्क’ के तहत आया है, जो दिसंबर 2023 से प्रभाव में है. इस फ्रेमवर्क के अनुसार, सभी ब्रोकर्स और क्लियरिंग मेंबर्स को दिन के अंत तक अपने क्लाइंट्स के फंड्स क्लियरिंग कॉरपोरेशन को ट्रांसफर करना जरूरी होता है, जिससे म्यूचुअल फंड सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे और निवेशकों के पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. इनमें नकद राशि के साथ-साथ फिक्स्ड डिपॉजिट की गारंटी और ओवरनाइट फंड्स की गिरवी रखी यूनिट्स भी शामिल होती हैं.
निवेशकों को समय का ध्यान रखकर सही NAV पाने की जरूरत
इन बदलावों का सीधा असर उन निवेशकों पर पड़ेगा जो नियमित रूप से लिक्विड या ओवरनाइट फंड्स में निवेश करते हैं. उन्हें अब रिडेम्प्शन करते समय समय का विशेष ध्यान रखना होगा ताकि सही दिन का NAV मिल सके और निवेश पर असर न पड़े. कुल मिलाकर, SEBI का यह कदम म्यूचुअल फंड सिस्टम को और अधिक मजबूत, पारदर्शी और निवेशक हितैषी बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है.