/financial-express-hindi/media/media_files/2025/04/08/XLjlgqRLE3AJNcaEjP3o.jpg)
SEBI mutual fund rules change : अतिरिक्त 5 बेसिस प्वॉइंट एग्जिट लोड हटाने का प्रस्ताव, इससे AMC पर असर पड़ सकता है, खासकर छोटे फंड हाउस पर. Photograph: (Image : Freepik)
SEBI’s New Mutual Fund Regulations : SEBI ने म्यूचुअल फंड रेगुलेशन्स 1996 की समीक्षा के लिए नया ड्राफ्ट जारी किया है. इसमें एक्सिट लोड में बदलाव, टोटल एक्सपेंस रेश्यो में सुधार, ब्रोकरेज चार्ज कम करने और निवेशकों के लिए पारदर्शिता बढ़ाने के कई सुझाव दिए गए हैं. प्रस्तावित बदलावों का सीधा असर AMC इंडस्ट्री, खासकर छोटे फंड हाउसों पर पड़ सकता है. फिलहाल इसके बाद आज के कारोबार में एचडीएफसी एएमसी, नुवामा, मोतीलाल ओसवाल फानेंशियल सर्विसेज समेत ज्यादातर एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के स्टॉक 5 से 7 फीसदी तक टूट गए हैं.
आज HDFC एएमसी (HDFC Mutual Fund) के स्टॉक में 7 फीसदी तक गिरावट आई, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में 8 फीसदी गिरावट आई है. निप्पॉन इंडिया एएमसी (Nippon India Mutual Fund) का स्टॉक 3 फीसदी तक कमजोर हुआ तो नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट में 5 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई.
SIP करते हो गए 12 से 15 महीने लेकिन रिजल्ट मिला जीरो, आप कहां कर रहे हैं गलती? कैसे ठीक करें
क्या है डेवलपमेंट और क्या होगा असर
SEBI ने म्यूचुअल फंड नियमों में सुधार के लिए ड्राफ्ट जारी किया
नियमों को सरल, पारदर्शी और निवेशक-हित में बनाने का लक्ष्य
अतिरिक्त 5 बेसिस प्वॉइंट एग्जिट लोड हटाने का प्रस्ताव, इससे AMC पर असर पड़ सकता है, खासकर छोटे फंड हाउस पर.
असर कम करने के लिए कुछ फंड्स में टोटल एक्सपेंस रेश्यो 5 बेसिस प्वॉइंट बढ़ाने का सुझाव
स्टेचुअरी चार्जेज और अन्य खर्च टोटल एक्सपेंस रेश्यो से अलग दिखाने का प्रस्ताव, ताकि निवेशकों को असली खर्च पता चले
परफॉर्मेंस बेस्ड टोटल एक्सपेंस रेश्यो की अनुमति, इससे बेहतर प्रदर्शन वाले फंड्स को फायदा
नॉन पूल्ड फंड्स एडवाइजरी मॉडल की अनुमति, जिससे अधिक लचीलापन आएगा.
ब्रोकरेज चार्ज में बड़ी कटौती
कैश मार्केट : 12bps से 2bps
डेरिवेटिव्स : 5bps से 1bps
बदलावों से पारदर्शिता बढ़ेगी, लागत कम होगी, लेकिन छोटे AMCs पर दबाव संभव है.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस दे सकता है 22% रिटर्न, 5 प्रमुख वजह जिसके चलते शेयर पर लगा सकते हैं दांव
सेबी के कदम से क्या होगा
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि SEBI ने म्यूचुअल फंड में लगने वाले अतिरिक्त 5bps एग्जिट लोड को हटाने का सुझाव दिया है. इससे पूरी AMC इंडस्ट्री पर असर हो सकता है, क्योंकि इसका भार अभी सभी पक्षों द्वारा साझा किया जाता है.
हालांकि पहले दो स्लैब में एक्सपेंस रेश्यो (Total Expense Ratio) को 5bps बढ़ाने का प्रस्ताव है ताकि असर कम किया जा सके, फिर भी यह छोटे AMCs के लिए ज्यादा प्रभाव डाल सकता है. SEBI ने सुझाव दिया है कि सरकारी शुल्क और अनुमत खर्चे को TER से अलग दिखाया जाए. यह कदम निवेशकों के लिए खर्च की वास्तविक तस्वीर स्पष्ट करेगा.
/financial-express-hindi/media/agency_attachments/PJD59wtzyQ2B4fdzFqpn.png)
/financial-express-hindi/media/member_avatars/RsG3L7DqXrOWG11NtQsz.jpeg )
 Follow Us
 Follow Us