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SIP portfolio is not growing : 1 साल में निगेटिव या फ्लैट रिटर्न वाले कई फंड ऐसे हें, जो लंबी अवधि में हाई रिटर्न जेनरेट कर रहे हैं. Photograph: (Freepik)
Why your SIP portfolio is not growing : म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करना बेहद पॉपुलर होता जा रहा है. देश में SIP फोलियो की संख्सा में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. लेकिन बीते 1 साल में इसके प्रदर्शन ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है. अब कई तरह के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ निवेशकों ने यह चिंता जताई है कि उन्हें निवेश करते तकरीबन 12 से 15 महीने हो गए, लेकिन उनका पोर्टफोलियो या तो निगेटिव (Negative Return) है, या जस का तस (SIP returns still zero after a year) है. सलाह भी पूछ रहे हें कि क्या करना चाहिए.
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वैसे बीते एक साल का रिटर्न चार्ट उठाकर देखें तो यह बात सही साबित होती है. इक्विटी म्यूचुअल फंड की प्रमुख कैटेगरी में कम से कम 60 म्यूचुअल फंड स्कीम ऐसी हैं, जिनका रिटर्न निगेटिव है. वहीं जीरो से 1 फीसदी के बीच में ग्रोथ वाले फंड की संख्या भी डबल डिजिट में है. यानी एक साल में नुकसान झेलने वाले हजारों या लाखों निवेशक हो सकते हैं. अब सवाल उठता है कि आपको क्या करना चाहिए. आप ऐसा क्या कर सकते हैं (Common SIP investing mistakes, How to improve SIP return) कि आपका पोर्टफोलियो रिटर्न की पटरी पर लौट आए.
पोर्टफोलियो के निगेटिव या फ्लैट रहने की वजह
इसकी प्रमुख वजह यह है कि शेयर बाजार में सितंबर 2024 से ही अस्थिरता देखने को मिल रही है. अब 2025 भी तकरीबन खत्म होने वाला है, लेकिन बाजार की दिशा को लेकर कुछ क्लेरिटी नहीं है. इसका एक बड़ा कारण दुनिया भर में ट्रेड वार या टैरिफ वार है. बाजार पर जियो पॉलिटिकल अस्थिरता का भी बहुत ज्यादा असर पड़ा है. बाजार में इस अस्थिरता का असर निवेशकों के म्यूचुअल फंड एसआईपी पोर्टफोलियो पर भी पड़ रहा है. ऐसे में कई निवेशक अपना पैसा गंवा रहे हैं.
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एक साल के SIP का प्रदर्शन देखना कितना सही?
1 साल के रिटर्न चार्ट देखने के बाद जब हमने उन्हीं फंड का 3 साल या 5 साल का प्रदर्शन देखा तो कहानी कुछ और थी. 1 साल में निगेटिव या फ्लैट रिटर्न वाले कई फंड ऐसे हें, जो लंबी अवधि में हाई रिटर्न जेनरेट कर रहे हैं.
जैये Tata Small Cap Fund का एक साल का रिटर्न निगेटिव 4 फीसदी है. लेकिन 3 साल और 5 साल में इस फंड ने 21.41 फीसदी और 31 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न दिया है. इसी तरह एक साल में निगेटिव प्रदर्शन वाले Shriram Flexi Cap Fund ने 3 साल और 5 साल में 13 फीसदी और 16 फीसदी सालाना रिटर्न दिया है.
HDFC NIFTY200 Momentum 30 ETF ने 3 साल में 17.5 फीसदी सालाना, Motilal Oswal Focused Fund ने 3 साल और 5 साल में 10.96 फीसदी और 13.81 फीादी सालाना रिटर्न, जबकि Kotak Small Cap Fund ने 3 और 5 साल में 18 फीसदी और 28 फीसदी सालाना रिटर्न दिए हैं. ऐसे और भी कई फंड हैं, जिनका शॉर्ट टर्म रिटर्न खराब है, लेकिन लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
इसलिए ध्यान रखें कि रिटर्न बनाना है तो लंबी अवधि का लक्ष्य बनाकर बाजार में आएं. फिर भी कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है. खासतौर से तब जब आपका एसआईपी पोर्टफोलियो सही काम न कर रहा हो.
सिर्फ डरकर निवेश न निकालें
आप गिर रहे बाजार में म्यूचुअल फंड में छोटी अवधि के दौरान नुकसान उठा सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह है कि आपको अपना निवेश भुना लेना चाहिए. कोई भी फैसला लेने के पहले एडवाइजर से बात करें और उस फंड का खुद से रिव्यू करें. निवेश से एक साल पहले भुनाए जाने वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड पर ज्यादातर मामलों में 1% का एक्जिट लोड लगता है. SIP आपको बाजार के टाइमिंग से मुक्त कर देता है. जब बाजार नीचे होता है तो यह आपके लिए अधिक यूनिट खरीदने के लिए रुपये की औसत लागत का भी लाभ उठाता है.
कितना रिस्क ले सकते हैं?
निवेश के पहले आपको अपने रिस्क लेने की क्षमता का आकलन करना चाहिए. अगर आप ‘हाई-रिस्क’ लेने की क्षमता रखते हें तो प्योर इक्विटी पोर्टफोलियो बनाना सही है और निवेश का लक्ष्य कम से कम 5 साल होना चाहिए. लेकिन मॉडरेट इन्वेस्टर हैं तो डेट फंड या अन्य सरकारी योजनाओं के साथ पोर्टफोलियो बैलेंस करें. ऐसे निवेशकों के लिए एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स बेहतर विकल्प हैं.
पोर्टफोलियो कंपेयर करें
निगेटिव रिटर्न आने पर अपने म्यूचुअल फंड स्कीम की उसी कैटेगरी में और अन्य कैटेगरी में दूसरे म्यूचुअल फंड स्कीम के साथ तुलना करें. अगर आप देखते हैं कि बेस्ट रेटिंग वाले फंडों की तुलना में आपके म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन थोड़ा ही खराब है, तो स्विच करना आवश्यक नहीं होगा. अगर प्रदर्शन में बहुत ज्यादा अंतर है तो स्विच करने के पहले एडवाइजर की सलाह लें. ध्यान रखें कि सफल निवेश के लिए डाइवर्सिटी भी बहुत जरूरी है.
SIP पॉज सही फैसला है?
लगातार नुकसान को देखते हुए या बाजार में लंबी गिरावट आने पर बहुत से निवेशक अपनी SIP पॉज (SIP Pause) यानी रोक देते हैं. उनके मन में होता है कि इससे नुकसान कम होगा और जब वापस बाजार पटरी पर आएगा तो SIP शुरू करेंगे. लेकिन यह नुकसान कराने वाली स्ट्रैटेजी है. बाजार नीचे होता है, तब वही रकम आपको ज्यादा यूनिट्स दिलाती है और जब मार्केट ऊपर जाता है, तो वही सस्ते में खरीदी गई यूनिट्स बड़ा मुनाफा देती हैं.
डाइवर्सिटी है जरूरी
सफल निवेश के लिए डाइवर्सिटी भी बहुत जरूरी है. इसी वजह से म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय हमेशा पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड करने पर जोर देना चाहिए. इसके लिए अलग अलग कैटेगरी के फंड पर विचार कर सकते हें. मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप को भी पोर्टफोलियो में रखने पर विचार कर सकते हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि पोर्टफोलियो में जरूरत से ज्यादा फंड शामिल करें. 8-10 फंड्स में SIP बांटने से निवेश बिखर जाता है.
(Source : value research, financial blogs of AMC and brokerages)
(नोट : किसी भी इक्विटी फंड में पुराना रिटर्न आगे भी जारी रहेगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है. यह भविष्य में कायम भी रह सकता है और नहीं भी. बाजार में जोखिम होती है, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)
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