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RBI की नीतिगत दर में कटौती के बाद बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट रेट में कमी की उम्मीद है. 31 मार्च 2025 तक छोटी बचत योजनाएं बेहतर रिटर्न दे रही हैं, लेकिन बाद में इसमें बदलाव किए जाने आशंका है. Photograph: (Reuters)
Small savings schemes likely to see a rate cut in Q1 FY26: लगभग 5 साल के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार 7 फरवरी को ब्याज दरों में कटौती करके हलचल मचा दी है. अब, ऐसा लग रहा है कि इस हलचल का असर आपकी छोटी बचत योजनाओं पर भी पड़ने वाला है! खबर है कि सरकार भी पोस्ट ऑफिस जैसी योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज को कम कर सकती है. हालांकि, महिला सम्मान बचत योजना फिलहाल सुरक्षित है.
छोटी बचत योजनाओं पर कम हो सकती हैं ब्याज दरें
अगर ऐसा होता है, तो यह पिछले 5 सालों में पहली बार होगा जब सरकार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को कम करेगी. एक अधिकारी के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस ने जानकारी दी कि RBI की इस कटौती के बाद ब्याज दरों में कमी का एक नया दौर शुरू हो सकता है, जिससे आने वाले महीनों में फिक्स्ड डिपॉजिट और छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरें कम हो सकती हैं.
विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा होती है और अगली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2025 के लिए दरों की घोषणा इस साल मार्च के अंत तक की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि RBI के ब्याज दर घटाने के बाद बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज कम होने की उम्मीद है. इसलिए, सरकार PPF, SSY, SCSS, NSC जैसे तमाम छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दर कम करेगी. ऐसा इसलिए ताकि लोग बैंकों से पैसे निकालकर पोस्ट ऑफिस में ज्यादा जमा न करने लगें, क्योंकि पोस्ट ऑफिस में ज्यादा ब्याज मिलेगा तो लोग उधर ही भागेंगे.
छोटी बचत योजनाओं पर मिल रहा है बेहतर रिटर्न
अधिकारी ने कहा - RBI की नीतिगत दर में कटौती के बाद आपको अपने बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट दर में कमी की उम्मीद करनी चाहिए. 31 मार्च तक छोटी बचतें सबसे अच्छी ब्याज दरें दे रही हैं, लेकिन बाद में इसमें बदलाव हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक ने जब ब्याज दरें बढ़ानी शुरू की थीं, तो सरकार ने भी वित्त वर्ष 2022-2023 (FY23) की तीसरी तिमाही से छोटी बचत योजनाओं (जैसे पोस्ट ऑफिस की स्कीम) पर ब्याज 70 से 250 बेसिस पॉइंट तक बढ़ा दिया था. ऐसा इसलिए किया गया था ताकि बचत करने वालों को, खासकर सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिकों) को महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों से बचाया जा सके.
हर तीन महीने में रिवाइज की जाती है दरें
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें हर तीन महीने में रिवाइज की जाती है. ये बदलाव आमतौर पर सरकारी बॉन्ड की ब्याज दरों के हिसाब से होते हैं. हालांकि, बीते कुछ सालों में सरकारी बॉन्ड की दरों में जितना बदलाव हुआ है, उस हिसाब से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें पूरी तरह से नहीं बदली गई हैं.
कहां कितना मिल रहा है रिटर्न
निवेशकों के लिए बचत के कई विकल्पों में, छोटी बचत योजनाएं सबसे ज़्यादा ब्याज देती हैं. जैसे कि सुकन्या समृद्धि योजना में 8.2 फीसदी ब्याज मिलता है, जो कि सबसे ज़्यादा है. वहीं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में अप्रैल 2020 से 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. महिला सम्मान बचत योजना में ब्याज दर 7.5 फीसदी है. पोस्ट ऑफिस की किस स्मॉल सेविंग स्कीम पर कितना रिटर्न मिल रहा यहां डिटेल देखें.
स्मॉल सेविंग स्कीम -ब्याज दर - कंपाउंडिंग फ्रीक्वेंसी
1 Year Time Deposit (Post Office FD Scheme) - 6.9% - Quarterly
2 Year Time Deposit​​ (Post Office FD Scheme) - 7.0% - Quarterly
3 Year Time Deposit​​ (Post Office FD Scheme) - 7.1% - Quarterly
5 Year Time Deposit (Post Office FD Scheme) - 7.5% - Quarterly
5 Year Recurring Deposit Scheme​​ (Post Office RD Scheme) - 6.7% - Quarterly
Senior Citizen Savings Scheme​​ (SCSS) - 8.2% - Quarterly and Paid
Monthly Income Account​​ (Post Office MIA) - 7.4% - Monthly and paid
National Savings Certificate (NSC)- 7.7% - Annually
Public Provident Fund Scheme​​ (PPF) - 7.1% - Annually
Kisan Vikas Patra​​ (KVP) - 7.5% - Annually
Sukanya Samriddhi Account Scheme​ (SSY) -​ 8.2% -​ Annually
Mahila Samman Savings Certificate (MSSC)​​ - 7.5% - Quarterly
बजट में यह नहीं बताया गया है कि महिला सम्मान योजना को आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं, लेकिन सरकार को 31 मार्च से पहले निवेश करने वालों को अगले दो सालों तक 7.5 फीसदी ब्याज देना होगा. जिन्होंने 1 अप्रैल 2023 से शुरू हुई इस योजना में पहले निवेश किया था, उन्हें 31 मार्च के बाद पैसा मिलना शुरू हो जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि "अगले साल से, हमें उन लोगों को पैसा वापस करना होगा जिन्होंने जमा किया है. जिन्होंने पहले साल में जमा किया है, उन्हें अगले साल पैसा वापस मिलेगा".
RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने शुक्रवार को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है, जिससे यह 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है. यह लगभग 5 सालों में पहली बार है जब रेपो रेट कम किया गया है. नेशनल स्मॉल सेविंग फंड (NSSF) केंद्र सरकार के वित्तीय घाटे यानी फिस्कल डेफिसिट (Centre’s fiscal deficit) को पूरा करने का एक अहम स्रोत है. सरकार ने वित्त वर्ष 2024-2025 (FY25) में NSSF से 4.11 लाख करोड़ रुपये लेने का लक्ष्य रखा है. वित्त वर्ष 2025-2026 में लगभग 3.43 लाख करोड़ रुपये लेने की योजना है, जिसमें महिला सम्मान योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये का भुगतान (redemption) भी शामिल है.