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अगर आप होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं लेकिन कनफ्यूज हैं कि स्टेप अप होम लोन चुनें या टॉप अप होम लोन, फैसला करने से पहले यहां बताए गए दोनों के बीच अंतर समझ सकते हैं. (Image: freepik)
Step-Up vs Top-Up Home Loan: भारत में होम लोन बाजार का तेजी से विस्तार हो रहा है. हाउसिंग सेक्टर को दिया जाने वाला यह लोन संभावित घर के मालिकों की तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध कराता है. इन उपलब्ध विकल्पों में स्टेप अप होम लोन और टॉप अप होम लोन भी ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. अगर आप होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं और दोनों में किसे चुने इसे लेकर कनफ्यूज हैं तो यहां स्टेप अप होम लोन और टॉप अप होम लोन, दोनों विकल्पों के बीच अंतर के बारे में बताया गया है. इन दोनों लोकप्रिय विकल्पों के बीच फर्क समझकर आप सही होम लोन विकल्प चुन सकते हैं.
स्टेप-अप और टॉप-अप होम लोन अलग-अलग वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करते हैं. स्टेप-अप होम लोन उन युवा पेशेवरों लोगों के लिए उपयुक्त है जिनकी शुरुआती इनकम कम होती है, लेकिन उन्हें अपने करियर में महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद होती है. इसके उलट टॉप-अप होम लोन उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें बिना नए लोन के आवेदन करने की झंझट के पर्सनल या प्रोफेशनल कामों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग से फंड की जरूरत पड़ती है. ग्राहकों को होम लोन के इन दोनों विकल्पों के बीच अंतर की समझ होना बेहद जरूरी है.
स्टेप-अप होम लोन की क्या है खासियत
स्टेप-अप होम लोन उन लोगों की मदद के लिए डिजाइन किया गया है जो उम्मीद करते हैं कि उनकी इनकम समय के साथ बढ़ेगी. इस तरह का लोन विकल्प शुरुआती सालों में कम ईएमआई यानी किस्त के साथ आता है और गुजरते वक्त के साथ धीरे-धीरे यह बढ़ता जाता है. इस विकल्प के पीछे तर्क यह है कि पैसे उधार लेने वाले शख्स के आय में हर साल इजाफा होगा और ऐसे में उसकी लोन चुकाने की क्षमता भी बढ़ सकेगी.
मिसाल के लिए रोहन नाम का एक शख्स जिसकी उम्र 25 साल है और वह नौकरीपेशा वाला है. रोहन की अपनी पहली नौकरी 50,000 रुपये मंथली सैलरी के साथ शुरू की है और अब वह 50 लाख का होम लोन लेकर खुद के सपनों का घर खरीदने की प्लान कर रहा है. अगर वह फंड का इंतजाम करने के लिए स्टेप-अप होम लोन लेता है तो शुरु के पांच साल उसकी 25,000 रुपये से मंथली किस्त बनती है. साल दर साल रोहन की सैलरी में बढ़ोतरी होती है. होम लोन चुकाने के लिए किस्त में भी धीरे-धीरे इजाफा होता जाता है. एक समय के बाद वह 40,000 रुपये मंथली किस्त भरने के लिए सक्षम हो सकता है. इस तरह से वह लोन टेन्योर के भीतर नौकरी के साथ होम लोन चुका सकता है.
स्टेप-अप होम लोन उन नौकरीपेशा वालों के लिए फायदेमंद है जिनकी पहली नौकरी कम सैलरी पर शुरू होती है लेकिन समय के साथ उसमें बढ़ोतरी की उम्मीद होती है. यह विकल्प शुरूआत के सालों में फाइनेंशियल तौर पर मैनेज करने में सहूलियत देता है और सुनिश्चित करता है कि लोन टेन्योर के दौरान लोन अमाउंट चुकता हो जाए.
टॉप-अप लोन की खासियत
टॉप-अप होम लोन (top-up home loan) एक अतिरिक्त लोन अमाउंट (loan amount) है जो मौजूदा होम लोन पर ली जा सकती है. यह उन लोगों के लिए उपलब्ध है जिन्होंने पहले से होम लोन लिया है और जिनका अच्छा रिपेमेंट ट्रैक रिकॉर्ड है. इस अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल रिनोवेशन (home renovation), फर्निशिंग (furnishing), शिक्षा (education), मेडिकल खर्च (medical expenses) जैसे अन्य वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
मान लीजिए रोहन बीते 5 साल से होम लोन अमाउंट चुका रहा है. इस बीच उसे जरूरी काम के लिए फंड की जरूरत आ पड़ी. ऐसे में अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास दो विकल्प मौजूद हैं. फंड जुटाने के लिए वह टॉप-अप होम लोन की मदद ले या नए लोन के लिए अप्लाई करे. हालांकि आसान तरीके से फंड जुटाने के लिए नए लोन की बजाय वह अपने मौजूदा होम लोन पर टॉप-अप लोन हासिल कर सकता है.
शुरूआत में रोहन का होम लोन अमाउंट 50 लाख रहा है तो उसने 5 साल के दौरान 10 लाख चुकाएं हैं. अब वह चुकाए गए रकम और प्रापर्टी वैल्यू के आधार पर टॉप-अप लोन के लिए अप्लाई कर सकता है. अगर बैंक 10 लाख के टॉप-अप की अनुमति देता है, तो रोहन को जरूरी फंड हासिल करने के लिए अतिरिक्त डाक्युमेंट की जरूरत नहीं होगी.
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बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी (Adhil Shetty) बताते हैं कि टॉप-अप लोन आमतौर पर कम ब्याज दर के साथ आते हैं, जो अक्सर पर्सनल लोन से सस्ते होते हैं. यही वजह है कि पहले से होम लोन लिये शख्स की नजर में टॉप-अप लोन अतिरिक्त फंड जुटाने का एक बेहतर और आसान विकल्प बन जाता है. इसका अप्रूवल और डिसबर्सल यानी बैंक द्वारा लोन पास करना भी आसान होता है, खासकर उन परस्थितियों में जहां फंड की जरूरत तत्काल पड़ती है. हालांकि होम लोन पर टॉप-अप लोन के लिए अप्लाई करने से पहले तमाम बैंक और वित्तीय संस्थानों के ब्याज दर और शर्तों की तुलना कर लेना चाहिए. ऐसा करने पर सही डील हासिल कर सकते हैं.
पैसे उधार लेने के दोनों विकल्पों के बीच चयन करते समय लोगों को अपनी वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए. दरअसल दोनों लोन विकल्पों को समझ लेने पर घर खरीदने की प्रक्रिया पर अहम प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए सभी उपलब्ध विकल्पों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद ही यह फैसला लेना अहम है.