/financial-express-hindi/media/media_files/2025/09/01/suzlon-energy-stock-price-2025-09-01-12-16-43.jpg)
Buy Suzlon : भारत में मैन्युफैक्चरिंग निवेश बढ़ेगा, सप्लाई चेन मजबूत होगी और सुजलॉन एनर्जी जैसी भारतीय कंपनियों को बड़ा फायदा मिलेगा. (AI Image)
Suzlon Energy Stock Price : एनर्जी सेक्टर का स्टॉक सुजलॉन एनर्जी आगे निवेशकों को 42 फीसदी रिटर्न दे सकता है. स्टॉक का करंट प्राइस 56 रुपये के आस पास है. वहीं इसके मजबूत फंडामेंटल को देखते हुए ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर में 80 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ निवेश की सलाह दी है. शेयर प्राइस भले ही सस्ता है, लेकिन ये स्टॉक अभी बहुत ज्यादा वैल्युएबल बना हुआ है. कई ऐसे फैक्टर हैं, जो सुजलॉन एनर्जी में मजबूत ग्रोथ का संकेत देते हैं.
RIL का स्टॉक दे सकता है 29% रिटर्न, AGM के किन एलानों से दिख रहा है मजबूत भविष्य
बड़े स्तर पर स्वदेशीकरण की शुरुआत
ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि सरकार ने ALMM (विंड) लागू करके साफ संकेत दिया है कि वह घरेलू मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाना चाहती है. भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से प्रोडक्ट की क्वालिटी सुधारना चाहती है, भारत को वैश्विक विंड एक्सपोर्ट हब बनाना चाहती है और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना चाहती है.
खास बात यह है कि WTG (विंड टरबाइन जेनरेटर) मैन्युफैक्चरिंग में ALMM लाना, भारत की विदेशी निर्भरता कम करने की लंबी योजना का पहला कदम हो सकता है. मिस्टर चलसानी ने उदाहरण दिया कि सोलर सेक्टर में पहले सोलर मॉड्यूल्स के लिए ALMM लागू हुआ, फिर सोलर सेल्स के लिए ALCM. अब मार्केट को उम्मीद है कि भविष्य में इनगॉट्स / वेफर तक लोकलाइजेशन होगा.
Multibagger Stocks : 8 महीने में 1 लाख को 33 लाख बनाने वाले 3 स्टॉक, इस साल 3062% तक दिया रिटर्न
इसी तरह सरकार आने वाले सालों में विंड सेक्टर के अहम पुर्जों और कच्चे माल पर भी लोकलाइजेशन लागू कर सकती है. ऐसे कदम से भारत में मैन्युफैक्चरिंग निवेश बढ़ेगा, सप्लाई चेन मजबूत होगी और सुजलॉन एनर्जी जैसी भारतीय कंपनियों को बड़ा फायदा मिलेगा.
FY28 तक EPC का हिस्सा बढ़कर 50% होगा
ब्रोकरेज के अनुसार मैनेजमेंट को भरोसा है कि आने वाले सालों में कंपनी के पास कम से कम 5 GW का ऑर्डर बैकलॉग बना रहेगा और नए ऑर्डर की स्थिति मजबूत रहेगी. अभी EPC (इंजीनियरिंग, प्रॉक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) का हिस्सा कुल ऑर्डर बुक में 22% है. कंपनी का लक्ष्य है कि FY28 तक इसे 50% तक बढ़ाया जाए.
EPC से मुनाफा कम होता है, लेकिन यह प्रोजेक्ट के सही तरीके से पूरा होने और ऑर्डर बुक बढ़ाने के लिए जरूरी है. मैनेजमेंट का मानना है कि विंड OEMs (मूल उपकरण निर्माता) ही जमीन अधिग्रहण, राइट-ऑफ-वे और ग्रिड कनेक्टिविटी जैसी बड़ी चुनौतियों से सबसे बेहतर तरीके से निपट सकते हैं.
मजबूत बैंकिंग स्टॉक की है तलाश? मोतीलाल ओसवाल ने ICICI Bank, HDFC Bank और SBI पर लगाया दांव
मिडिल ईस्ट और यूरोप को उपकरण सप्लाई की तैयारी
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार कंपनी इंटरनेशनल मार्केट में प्रवेश की तैयारी कर रही है. उम्मीद है कि FY26 के अंत तक ऑर्डर मिलना शुरू होंगे और FY27 की दूसरी छमाही में सप्लाई शुरू होगी. शुरुआती फोकस मार्केट होंगे मिडिल ईस्ट और यूरोप। वहीं, अमेरिकी बाजार में टैरिफ से जुड़ी दिक्कतों के कारण अनिश्चितता बनी हुई है. कंपनी की निर्यात रणनीति सिर्फ उपकरण सप्लाई पर केंद्रित होगी, EPC शामिल नहीं होगा. इससे एग्जीक्यूशन रिस्क कम रहेगा.
(Disclaimer: स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)