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ITR Filing Deadline: अगर वक्त पर रिटर्न फाइल करने से चूक जाते हैं, तो 31 दिसंबर तक बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल का मौका मिलेगा. (Image: Freepik)
जैसे-जैसे इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख करीब आ रही है, कई टैक्सपेयर्स इस बात को लेकर चिंतित होंगे कि अगर वे असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने से चूक गए तो क्या होगा? आपकी जानकारी में लाना चाहते हैं कि हर साल लाखों टैक्सपेयर्स तमाम कारणों से वक्त पर रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं.
अगर आप 31 जुलाई तक ITR फाइल नहीं करते हैं तो क्या होगा?
जैसा कि आप जानते हैं, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है. यानी आईटीआर फाइल करने के लिए अब सिर्फ 3 दिन बचे हैं. अगर आप इस समय सीमा से चूक जाते हैं, तो आपको 31 दिसंबर तक बिलेटेड टैक्स रिटर्न (belated tax return) फाइल करने का मौका मिलेगा, लेकिन इसमें देय कर और ब्याज के अलावा पेनाल्टी के रूप में एक्स्ट्रा चार्ज भी देना पड़ेगा.
हालांकि, सबसे बड़ा नुकसान ओल्ड टैक्स रिजीम वाले उन लोगों को होगा जिन्होंने पहले ही टैक्स जमा कर दिया है. साथ ही इस रिजीम के मुताबिक इनवेस्टमेंट्स और इनकम प्रूफ भी जमा कर दिए हैं.31 जुलाई तक टैक्स रिटर्न भरने से चूक जाने पर ओल्ड टैक्स रिजीम से जुड़े बेनिफिट जब्त हो सकते हैं और ऐसे टैक्सपेयर्स अपने आप न्यू टैक्स रिजीम में ट्रांसफर हो जाएंगे. न्यू रिजीम एक डिफॉल्ट विकल्प है.
रिजीम में इस तरीके से बदलाव 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल न करने वालों का भारी नुकसान करा सकता है. दरअसल जो करदाता डिडक्शन और एग्जम्प्शन जैसे टैक्स बेनिफिट के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम को चयन किए थे वे न्यू रिजीम के तहत इन टैक्स बेनिफिट का लाभ नहीं ले सकेंगे.
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बिलेटेड रिटर्न क्या है और इसके लिए कितना लगेगा जुर्माना?
जो लोग 31 जुलाई तक ITR फाइल नहीं कर पाते हैं उनके मन में सवाल आएगा कि अंतिम तारीख निकल जाने के बाद भी रिटर्न फाइल किया जा रहा है लेकिन उसे बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न के रूप में जाना जाता है. बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न क्या है और देर से आईटीआर फाइल करने पर कितना पेनाल्टी लगता है? आइए जानते हैं इसके बारे में.
करदाताओं को अपने खातों का ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं है, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2024 है. अगर वक्त पर रिटर्न फाइल करने से चूक जाते हैं, तो करदाता 31 दिसंबर, 2024 तक बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
हालांकि, बिलेटेड रिटर्न यानी 31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल करने पर देरी के लिए इनकम टैक्स की धारा 234A और 234B के तहत ब्याज लगाया जाता है. यह ब्याज किसी भी तरह की अनपेड टैक्स देनदारी (unpaid tax liability) और पेनाल्टी पर भी लगेगा.
धारा 234A टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी के लिए लागू होती है. बकाया टैक्स रकम पर 1% प्रति महीने के हिस्से की दर से ब्याज लगाया जाता है. वहीं धारा 234B एडवांस टैक्स इंस्टालमेंट के जमा में चूक पर लागू होती है और बकाया एडवांस टैक्स इंस्टालमेंट पर 1% प्रति महीने के हिस्से की दर से ब्याज लगाया जाता है.
आईटीआर फाइल करने में देरी के लिए कितनी है लेट फीस और पेनाल्टी?
अगर आप आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख चूक गए हैं तो भी आप देर से रिटर्न जमा कर सकते हैं. इनकम टैक्स की धारा 234F के तहत 5000 रुपये का लेट फाइलिंग चार्ज किया जा सकता है हालांकि, अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो लेट फाइलिंग चार्ज घटकर 1,000 रुपये हो जाता है.
धारा 234A टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी के लिए लागू होती है. बकाया टैक्स रकम पर 1% प्रति महीने के हिस्से की दर से ब्याज लगाया जाता है. स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान करने में विफलता या कम भुगतान के परिणामस्वरूप धारा 140A(3) के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जुर्माना एरियर के टैक्स अमाउंट से अधिक नहीं हो सकता.
अगर कोई टैक्सपेयर्स बिलेटेड रिटर्न फाइल करने से भी चूक जाता है तो क्या होगा?
अगर बिलेटेड रिटर्न फाइल करने से भी चूक गए, तो करदाताओं के पास अभी भी अपडेटेड टैक्स रिटर्न फाइल करने का विकल्प होता है. अपडेटेड टैक्स रिटर्न संबंधित असेसमेंट ईयर बीत जाने के बाद दो साल के भीतर फाइल किया जा सकता है. मिसाल के लिए, वित्त वर्ष 2021-2022 (FY22) यानी असेसमेंट ईयर 2022-23 (AY23) के लिए अपडेटेड रिटर्न 31 मार्च, 2025 तक जमा किया जा सकता है. अगर आप असेसमेंट ईयर के बीत जाने के बाद एक साल के भीतर अपडेटेड रिटर्न दाखिल करते हैं, तो कुल टैक्स और ब्याज पर 25% एक्स्ट्रा टैक्स लगेगा. अगर अपडेटेड रिटर्न एक साल बाद लेकिन दो साल के भीतर फाइल किया जाता है, तो कुल टैक्स और ब्याज पर 50% एक्स्ट्रा टैक्स लगेगा.