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Lowest Expense Ratio Mutual Funds: बाजार के मौजूदा हालात में, जहां इक्विटी फंड लगातार दबाव का सामना कर रहे हैं, एक्सपेंस रेशियो एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है. (Financial Express)
Top Equity Funds with Lowest Expense Ratio and Highest Returns: म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय हम आम तौर पर सबसे पहले यह देखते हैं कि उस खास स्कीम ने अलग-अलग अवधि में कितना रिटर्न दिया है, फंड हाउस का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है और फंड मैनेजर का अनुभव कैसा है, साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी देखते हैं. यह सब करना सही भी है, क्योंकि आखिरकार हमें अपने पैसे का सही इस्तेमाल करना होता है. लेकिन एक छोटी सी बात अक्सर हमारे दिमाग से निकल जाती है, वह है 'एक्सपेंस रेशियो' (Expense Ratio). यह वह फीस है जो फंड हाउस आपसे आपके निवेश को मैनेज करने के बदले में हर साल लेता है. यह देखने में छोटी रकम लगती है, लेकिन असल में यह धीरे-धीरे आपकी कमाई को खा सकती है.
उदाहरण के लिए, अगर किसी फंड का एक्सपेंस रेशियो 1% है, तो इसका मतलब है कि हर 100 रुपये के निवेश पर सालाना 1 रुपया फीस के रूप में काटा जाएगा. यह फीस सीधे फंड के नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) में एडजस्ट की जाती है - यानी, निवेशक को इसे अलग से नहीं देना होता है.
अगर हम पिछले 7 महीनों में बाजार की स्थिति के बारे में बात करें, तो वैश्विक स्तर पर इक्विटी लगातार दबाव में रही. घरेलू बाजार में, प्रमुख इक्विटी इंडेक्स में काफी गिरावट आई, और इक्विटी फंडों का प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ. ऐसे समय में, हर एक प्रतिशत का महत्व बढ़ जाता है. आपकी कमाई पर सबसे पहले असर डालने वाला खर्च एक्सपेंस रेशियो ही होता है.
जरा सोचिए - अगर किसी फंड की फीस ज़्यादा है, तो उसे उसके अनुसार ज़्यादा कमाना होगा. लेकिन जब बाजार ही सुस्त हो, तो ऐसे फंड के लिए बेहतर रिटर्न देना आसान नहीं होता है.
अस्थिर बाजार में एक्सपेंस रेशियो महत्वपूर्ण क्यों
जब बाजार अस्थिर होता है, तो हर छोटा खर्च आपके कुल रिटर्न को प्रभावित करता है. ऐसी स्थिति में, अधिक एक्सपेंस रेशियो वाले फंडों को उस खर्च को पूरा करने के लिए उतना ही अच्छा प्रदर्शन करना होता है.
अब बात करते हैं उन फंडों की जिनका एक्सपेंस रेशियो कम है और जिन्होंने बेहतर रिटर्न भी दिया है. जिन फंडों को हमने यहां चुना है, वे दो मापदंडों पर आधारित हैं: कम एक्सपेंस रेशियो और पिछले 5 वर्षों में सबसे अच्छा रिटर्न. इसलिए हमने रैंकिंग (सबसे कम एक्सपेंस रेशियो वाले टॉप 5 फंड) के लिए केवल उन योजनाओं पर विचार किया है जो कम से कम 5 वर्षों से बाजार में मौजूद हैं. नीचे उल्लिखित इन सभी फंडों ने पिछले 5 वर्षों में 20% से लेकर 26% तक का रिटर्न दिया है.
सबसे कम एक्सपेंस रेशियो और 5 साल में बेस्ट रिटर्न वाले 5 इक्विटी फंड
पीजीआईएम इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड – डायरेक्ट प्लान (PGIM India Flexi Cap Fund – Direct Plan)
एक्सपेंस रेशियो: 0.43%
5 साल का रिटर्न: 25.86%नावी फ्लेक्सी कैप फंड – डायरेक्ट प्लान (Navi Flexi Cap Fund – Direct Plan)
एक्सपेंस रेशियो: 0.43%
5 साल का रिटर्न: 21.94%बड़ौदा बीएनपी परिबा फोकस्ड फंड – डायरेक्ट प्लान (Baroda BNP Paribas Focused Fund – Direct Plan)
एक्सपेंस रेशियो: 0.48%
5 साल का रिटर्न: 21.87%एडेलवाइस फ्लेक्सी कैप फंड – डायरेक्ट प्लान (Edelweiss Flexi Cap Fund – Direct Plan)
एक्सपेंस रेशियो: 0.49%
5 साल का रिटर्न: 26.46%केनरा रोबेको फ्लेक्सी कैप फंड – डायरेक्ट प्लान (Canara Robeco Flexi Cap Fund – Direct Plan)
एक्सपेंस रेशियो: 0.56%
5 साल का रिटर्न: 22.63%
(डेटा: वैल्यू रिसर्च)
इन बातों पर ध्यान देना भी जरूरी है
एक्सपेंस रेशियो के अलावा, अगर आप एक नए निवेशक हैं, तो केवल फीस देखकर ही निवेश न करें. आपको फंड के दीर्घकालिक प्रदर्शन, फंड मैनेजर के अनुभव, फंड के जोखिम प्रोफाइल, प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति, फंड की श्रेणी और निवेश के उद्देश्य आदि जैसी बातों पर भी ध्यान देना चाहिए. कुल मिलाकर बाजार के मौजूदा हालात में, जहां इक्विटी फंड लगातार दबाव का सामना कर रहे हैं, एक्सपेंस रेशियो एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है. अगर आप एक समझदार निवेशक हैं और हर बाजार की चाल को ध्यान में रखते हुए फंड चुनते हैं, तो कम खर्च वाले म्यूचुअल फंड लंबे समय में आपके पोर्टफोलियो के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
Article : Mithilesh Jha
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड्स में पिछले रिटर्न के भविष्य में भी जारी रहने की कोई गारंटी नहीं होती. निवेश के फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)