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UPI payment with face, fingerprint : अब चेहरा या फिंगरप्रिंट बनेगा पासवर्ड, लेकिन कितनी सुरक्षित है ये नई सुविधा. (AI Generated Image)
UPI payment with face, fingerprint : डिजिटल पेमेंट के दौर में अब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के इस्तेमाल में हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया गया है. अब यूजर्स को हर बार UPI PIN डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने फेस और फिंगरप्रिंट जैसे बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को भी UPI पेमेंट्स के लिए मंजूरी दी है. यानी अब यूजर अपने चेहरे या फिंगरप्रिंट से ही ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर सकेंगे. लेकिन क्या यह सुविधा पूरी तरह सुरक्षित है?
1. क्या है नया ऑन-डिवाइस बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन?
यह नई सुविधा आपके स्मार्टफोन के फेस अनलॉक या फिंगरप्रिंट सिस्टम का उपयोग करके UPI पेमेंट को अप्रूव करने की परमिशन देती है. अब हर बार 4 या 6 अंकों का UPI PIN डालने की जरूरत नहीं होगी. यूजर चाहें तो इस फीचर को एक्टिवेट कर सकते हैं या पुराने तरीके यानी PIN से पेमेंट करना जारी रख सकते हैं.
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2. आधार से जुड़ा फेस ऑथेंटिकेशन भी होगा शुरू
NPCI ने आधार लिंक्ड खातों के लिए फेस रिकग्निशन के जरिए UPI PIN सेट या रीसेट करने की सुविधा भी दी है. यानी अब आपका चेहरा आपकी पहचान और ऑथेंटिकेशन दोनों का काम करेगा. इससे उन लोगों को आसानी होगी जिन्हें PIN याद रखने में दिक्कत होती है.
3. ट्रांजैक्शन लिमिट और सेफ्टी प्रोटोकॉल
शुरुआत में इस फीचर के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की सीमा 5,000 रुपये तक रखी गई है. बाद में इसे रिव्यू करने के बाद बढ़ाया जा सकता है. NPCI ने यह भी साफ कर दिया है कि सभी बैंक और UPI ऐप्स को कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने होंगे, जैसे –
ग्राहक की साफ-साफ सहमति लेना.
यह फीचर केवल उन्हीं डिवाइस पर काम करेगा जो सेफ हैं.
हर 90 दिन में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन दोबारा कन्फर्म करना जरूरी होगा.
4. पेमेंट एक्सपीरियंस में क्या होगा सुधार?
बिलकुल. बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से पेमेंट प्रक्रिया तेज और सुविधाजनक होगी. जहां पहले PIN डालने में समय लगता था, वहीं अब सिर्फ एक टच या चेहरे की पहचान से पेमेंट हो जाएगा. इससे ट्रांजैक्शन फेल्योर के मामले भी घट सकते हैं, जो अक्सर गलत PIN डालने या भूल जाने के कारण होते हैं.
5. क्या हैं नई सुविधा के बड़े फायदे?
हर बार PIN डालने का झंझट खत्म.
PIN याद रखने की जरूरत नहीं, जो बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए मददगार साबित होगा.
PIN चोरी होने का खतरा खत्म, क्योंकि फिंगरप्रिंट या चेहरा कॉपी करना लगभग असंभव है.
सुरक्षा का मजबूत स्तर, जिससे फ्रॉड के मामले कम होंगे.
गलत PIN डालने या भूलने की वजह से फेल ट्रांजैक्शन में कमी आएगी.
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6. क्या हैं इससे जुड़े रिस्क?
हालांकि इस नई सुविधा के फायदों के अलावा प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी से जुड़े रिस्क की बात भी हो रही है. इस बारे में ये बातें जानना जरूरी है:
बायोमेट्रिक डेटा बेहद संवेदनशील होता है. अगर यह किसी गलत हाथ में चला जाए, तो उसका गलत इस्तेमाल संभव है.
यूजर्स के चेहरे और फिंगरप्रिंट से जुड़ी जानकारी के सुरक्षित स्टोरेज और इस्तेमाल की गारंटी होना बेहद जरूरी है.
डेटा लीक होने या हैकिंग होने पर नुकसान गंभीर का खतरा हो सकता है क्योंकि फिंगरप्रिंट को बदला नहीं जा सकता.
जानकारों का मानना है कि इस फीचर को सफल बनाने के लिए सरकार और रेगुलेटर को इसके लिए सख्त गाइडलाइन बनाने के साथ ही ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही तय करनी होगी.
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7. बायोमेट्रिक UPI कैसे होगा एक्टिवेट
अगर आपका बैंक और UPI ऐप इस सुविधा को सपोर्ट करता है, तो इसे ऑन करना काफी आसान है.
स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस:
Step 1: अपने बैंक या UPI ऐप को अपडेट करें.
Step 2: ऐप खोलकर “Settings” या “Security” सेक्शन में जाएं.
Step 3: “Enable Biometric Authentication for UPI” विकल्प चुनें.
Step 4: ऐप आपके डिवाइस के फिंगरप्रिंट या फेस डेटा की परमिशन मांगेगा.
Step 5: परमिशन देने के बाद बायोमेट्रिक से ट्रांजैक्शन करने का विकल्प एक्टिव हो जाएगा.
Step 6: अगर कभी आप PIN पर वापस लौटना चाहें, तो “Disable Biometric” पर क्लिक करके ऐसा कर सकते हैं.
कुल मिलाकर देखें, तो फेस और फिंगरप्रिंट आधारित UPI पेमेंट से डिजिटल ट्रांजैक्शन और भी आसान हो जाएंगे. यह तकनीक आम यूजर्स के लिए सुरक्षा और सुविधा दोनों का बेहतर मेल है. हालांकि डेटा सुरक्षा और यूजर की प्राइवेसी को लेकर चौकसी जरूरी है.