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Withdraw Cash Without ATM : अभी फिलहाल यूपीआई से कैश निकालने की सुविधा केवल कुछ चुनिंदा एटीएम और दुकानों पर है. (AI Image)
UPI Cash Withdrawal via QR Code : जल्द ही लोग पूरे भारत में 20 लाख से ज्यादा बिजनेस करेसपॉन्डेंट्स (BC) आउटलेट्स से यूपीआई (UPI) के जरिए कैश निकाल सकेंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से मंजूरी मांगी है. बिजनेस करेसपॉन्डेंट्स, स्थानीय एजेंट होते हैं, जो बैंक की ब्रॉन्च से दूर इलाकों में बैंकिंग सुविधाएं लोगों तक पहुंचाते हैं. ये किराना दुकानदार या छोटे व्यापार केंद्र हो सकते हैं, जो QR कोड के माध्यम से ग्राहक को नकद निकालने की सेवा देंगे.
अभी फिलहाल यूपीआई से कैश निकालने की सुविधा केवल कुछ चुनिंदा एटीएम (ATM) और दुकानों पर है. अभी शहरों और कस्बों में प्रति ट्रांजैक्शन 1,000 रुपये और गांवों में 2,000 रुपये लिमिट है. नए प्रस्ताव के तहत बीसी आउटलेट से एक बार में 10,000 रुपये तक निकाले जा सकेंगे. इसके लिए एटीएम जाने की जरूरत भी नहीं होगी.
सरकार का लक्ष्य : रोज 1 बिलियन UPI ट्रांजैक्शन
आज भारत में होने वाले सभी डिजिटल पेमेंट्स में से लगभग 85 फीसदी पेमेंट UPI से होते हैं. दुनिया भर के रियल-टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन्स में भी आधे से ज्यादा भारत के UPI से ही होते हैं.
2 अगस्त को एक दिन में 707 मिलियन (70.7 करोड़) ट्रांजैक्शन हुए, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है.
जुलाई महीने में UPI पर 19.5 बिलियन (1950 करोड़) ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी वैल्यू 25 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा थी.
सरकार ने लक्ष्य रखा है कि रोजाना 1 बिलियन ट्रांजैक्शन हों. NPCI का मानना है कि मौजूदा स्पीड से यह लक्ष्य अगले साल तक पूरा हो सकता है. अभी UPI से कैश निकालने की सुविधा सिर्फ प्लानिंग स्टेज में है और RBI की मंजूरी का इंतजार है.
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क्या सुरक्षा को लेकर है कोई चिंता
नया सिस्टम उन ग्राहकों के लिए मददगार हो सकता है जिन्हें फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन में दिक्कत आती है या डेबिट कार्ड इस्तेमाल नहीं करना चाहते.
लेकिन इसमें सुरक्षा को लेकर चिंता भी है.
पहले कई मामलों में बिजनेस करस्पॉन्डेंट (BCs) चोरी या गलत पैसे (मनी लॉन्ड्रिंग) में पकड़े गए हैं.
UPI से कैश निकालने में अकाउंट होल्डर की फिजिकल प्रेजेंस जरूरी नहीं होगी, इसलिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि गलत इस्तेमाल का खतरा बढ़ सकता है.
UPI नियमों में हुआ बदलाव
वहीं, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई के नियमों में बड़ा बदलाव किया है.अब इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट, ट्रैवल, क्रेडिट कार्ड बिल और ऐसे ही कई सेक्टर में ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाई जाएगी. इसका मकसद है बड़े डिजिटल पेमेंट्स को आसान और ज्यादा सुलभ बनाना.
क्या बदल रहा है?
इंश्योरेंस और निवेश (Insurance & Investments) : कैपिटल मार्केट निवेश और इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट की लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. लेकिन डेली लिमिट अभी भी 10 लाख रुपये ही है.
सरकारी पोर्टल (GEM) : पहले 1 लाख रुपये की लिमिट थी, अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है.
ट्रैवल बुकिंग्स (Travel Bookings) : लिमिट 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. डेली कैप 10 लाख रुपये रहेगा.
ज्वेलरी खरीद (Jewellery Purchases) : लिमिट 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है. डेली लिमिट 6 लाख रुपये तय की गई है.
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट : एक ट्रांजैक्शन की लिमिट 5 लाख रुपये है. डेली लिमिट 6 लाख रुपये है.
पर्सन-टू-पर्सन (P2P) पेमेंट : यहां कोई बदलाव नहीं हुआ है. डेली लिमिट अब भी 1 लाख रुपये है.