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Investing for Child Education : बच्चों के एजुकेशन के लिए सही ढंग से इनवेस्टमेंट प्लानिंग करना जरूरी है. (Image : Freepik)
Where and How to Invest for Your Child's Education : हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे को अच्छा एजुकेशन मिले. लेकिन अच्छा एजुकेशन लगातार महंगी होता जा रहा है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए सही इनवेस्टमेंट प्लानिंग करना जरूरी है ताकि आगे चलकर पैसों की जरूरत पड़ने पर आपको परेशानी न हो. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए कैसे सही निवेश करें, चाहे वह शॉर्ट टर्म हो या लॉन्ग टर्म.
शॉर्ट टर्म के लिए कहां करें निवेश?
अगर आपको अगले दो-तीन साल में अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसे की जरूरत है, तो इक्विटी में निवेश करने से बचना चाहिए. इस अवधि के लिए फिक्स्ड इनकम विकल्प बेहतर रहते हैं क्योंकि इनमें रिस्क नहीं होता या बेहद कम होता है. इसके लिए आप बैंक में एक रिकरिंग डिपॉजिट (RD) खोल सकते हैं, जिससे एक तय समय के बाद अच्छी रकम मिल जाएगी.
इसके अलावा आप किसी हाई क्वॉलिटी शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश शुरू कर सकते हैं. इन फंड्स पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम पड़ता है और तुलनात्मक रूप से स्टेबल रिटर्न मिलता है. इस तरह के इनवेस्टमेंट ऑप्शन आपके बच्चे की पढ़ाई के लिए सुरक्षित फंड बनाने में मदद करेंगे.
लॉन्ग टर्म के लिए क्या है सही विकल्प
अगर आपको अपने बच्चे के हायर एजुकेशन के लिए फंड तैयार करना है और आपका इनवेस्टमेंट होराइजन यानी निवेश का टाइम पीरियड 10-15 साल बाद का है, तो इक्विटी में इनवेस्ट करना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. लॉन्ग टर्म इक्विटी इनवेस्टमेंट के लिए फ्लेक्सी-कैप फंड या टैक्स-सेवर इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) अच्छे ऑप्शन हो सकते हैं. ELSS में निवेश करने से आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलता है.
अगर आप निवेश के मामले में नए हैं और पहले कभी इक्विटी में पैसा नहीं लगाया है, तो आप शुरुआत एक एग्रेसिव हाइब्रिड फंड से कर सकते हैं. ये फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स दोनों में निवेश करते हैं, जिससे रिस्क कम रहता है और आपको बाजार के उतार-चढ़ाव की आदत भी हो जाती है. एक बार जब आपको इक्विटी की समझ आ जाए, तो आप फ्लेक्सी-कैप या टैक्स-सेवर फंड में निवेश बढ़ा सकते हैं.
SIP की रकम बढ़ाते रहें
अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए निवेश की योजना जितनी जल्दी शुरू की जाए, उतना ही बेहतर होता है. कंपाउंडिंग का लाभ लेने के लिए शुरुआत से ही रेगुलर SIP करना एक स्मार्ट मूव हो सकता है. एक और बेहद जरूरी बात. अपनी SIP को कभी पूरी तरह बंद न करें. अगर आपको कभी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, तो उस महीने में एसआईपी स्किप भले ही कर लें, लेकिन निवेश को पूरी तरह रोकने से बचें. साथ ही अगर आप एसआईपी की रकम को हर साल बढ़ाते रहेंगे, तो बड़ा फंड तैयार करना और भी आसान हो जाएगा. इसे स्टेप-अप एसआईपी या एसआईपी टॉप अप भी कहते हैं. इस बात को आप नीचे दिए उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं.
उदाहरण से समझें स्टेप-अप SIP का फायदा
मान लीजिए कि आप हर महीने 2,000 रुपये की SIP शुरू करते हैं और इसे अगले 15 साल तक जारी रखते हैं और इस पर आपको 12% का सालाना रिटर्न मिलता है. ऐसे में आपका निवेश 10.09 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. लेकिन अगर आप हर साल अपनी SIP में 10% का इजाफा करते हैं (जैसे पहले साल 2,000 रुपये, दूसरे साल 2,200 रुपये, तीसरे साल 2,420 रुपये), तो आपको 15 साल बाद लगभग 17.36 लाख रुपये का फंड मिलेगा. एसआईपी में इस तरह बढ़ोतरी करने को स्टेप-अप एसआईपी भी कहते हैं.
कुल मिलाकर, बच्चों के एजुकेशन के लिए सही इनवेस्टमेंट प्लान बनाना बेहद जरूरी है. ये प्लानिंग करते समय, इस बात का ध्यान रखें कि आपको पैसे की जरूरत कब पड़ने वाली है. अगर फंड 2-3 साल में ही चाहिए तो बैंक RD या शॉर्ट ड्यूरेशन फंड सही हैं. लेकिन अगर आपके पास 10-15 साल का वक्त है, तो फ्लेक्सी-कैप फंड या ELSS फंड में एसआईपी करना बेहतर तरीका हो सकता है.