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Infosys Mass Layoffs: इंफोसिस से निकाले जाने के बाद भावुक हुए ट्रेनी, आंखों से छलके आंसू, इंटरनेट पर लोगों ने जाहिर की नाराजगी

Mass Layoffs : एक्स पर एक यूजर ने लिखा - ये बहुत दुख की बात है. इन फ्रेशर्स ने इंफोसिस से नौकरी का ऑफर मिलने के बाद 2 से 2.5 साल तक इंतजार किया. सितंबर 2024 में ज्वॉइन की और अब यानी सिर्फ 6 महीने के बाद कर्मचारी छंटनी के शिकार हो गए.

Mass Layoffs : एक्स पर एक यूजर ने लिखा - ये बहुत दुख की बात है. इन फ्रेशर्स ने इंफोसिस से नौकरी का ऑफर मिलने के बाद 2 से 2.5 साल तक इंतजार किया. सितंबर 2024 में ज्वॉइन की और अब यानी सिर्फ 6 महीने के बाद कर्मचारी छंटनी के शिकार हो गए.

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FE Hindi Desk
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Infosys Layoff

Photograph: (Reuters)

इंफोसिस में अचानक हुई छंटनी ने कई लोगों को हिलाकर रख दिया. सोचिए कोई ग्रेजुएशन खत्म करने बाद दो-ढाई साल तक नौकरी का इंतजार करे, फिर उसे इंफोसिस में करियर शुरू करने का मौका मिले और फिर उसे अगले सिर्फ छह महीने बाद ही कंपनी कह दे कि हमें अब आपकी जरूरत नहीं है. अचानक घर लौटने की कड़ी में बस और टैक्सी ढूंढते कर्मचारियों के दिमाग में यही सवाल घूम रहा होगा कि वे अपने घरवालों से आखिर क्या कहेंगे? अपने परिवार वालों को क्या बताएंगे?

इसी 7 फरवरी को छंटनी का शिकार हुई मध्य प्रदेश की एक ट्रेनी इंफोसिस के अधिकारियों से गुहार लगाते हुए भावुक हो गई. उसने कहा - प्लीज मुझे रात भर यहां रुकने दीजिए. मैं कल चली जाऊंगी. मैं अभी कहां जाऊंगी? एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वह उन सैकड़ों फ्रेशर्स में से एक थी जिन्हें अचानक नौकरी से निकाले जाने के बाद मैसूरु कैंपस खाली करने के लिए कहा गया था.

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बताया जा रहा है कि नौकरी से निकालने का काम सख्त सुरक्षा के बीच किया गया. सुबह 9:30 बजे से, ट्रेनी को 50-50 के बैच में बुलाया गया, उन्हें अपने साथ लैपटॉप भी लाने के लिए कहा गया, और उन्हें एक कमरे में इकट्ठा किया गया जिसके बाहर सुरक्षा गार्ड और अंदर बाउंसर तैनात थे. छंटनी का शिकार हुए एक अन्य ट्रेनी ने बताया कि कैसे इंफोसिस ने बड़ी संख्या में लोगों की छंटनी को गोपनीय रखने के लिए सावधानी बरती. उसने कहा कि जब कंपनी ऐसा कर रही थी तो सीनियर कर्मचारी और अमेरिकी क्लाइंट भी कैंपस में मौजूद थे. ट्रेनी ने मीडिया को बताया कि जब हमें एक-एक करके बुलाया गया और निकाला गया तो बसों का इस्तेमाल व्यू को ब्लॉक करने के लिए किया गया. हमें इस तरह से बाहर निकाला गया ताकि किसी का ध्यान न जाए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईटी कंपनी इंफोसिस ने हाल ही में अपने मैसूर कैंपस से 300 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया. बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वे कई अंदरूनी टेस्ट पास नहीं कर पाए. एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंफोसिस से जिन ट्रेनी को निकाला गया, उन्हें उसी दिन कैंपस छोड़ने के लिए कहा गया. रात भर रुकने की उनकी गुहार किसी ने नहीं सुनी.

इंफोसिस से निकाली गई एक ट्रेनी ने बताया कि उसकी एक महिला सहकर्मी आंसू बहाते हुए मैनेजमेंट से कैंपस में रात बिताने देने की गुहार लगा रही थी. मैसूर कैंपस तुरंत खाली करने के लिए कहे जाने के बाद 7 फरवरी को उसने आंसू बहाते हुए कहा कि प्लीज़ मुझे रात भर रुकने दीजिए. मैं कल चली जाऊंगी. मैं अभी कहां जाऊंगी? रिपोर्ट के मुताबिक इंफोसिस ने उसकी बार-बार की गुहार पर ध्यान देने से इनकार कर दिया. उसके एक सहकर्मी के मुताबिक, इंफोसिस अधिकारी ने ट्रेनी से कहा - हमें नहीं पता. अब आप कंपनी का हिस्सा नहीं हैं. शाम 6 बजे तक जगह खाली कर दीजिए. समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, इंफोसिस से निकाले गए ट्रेनी ने मैसूर कैंपस में शुरुआती ट्रेनिंग ली थी, लेकिन तीन कोशिशों के बाद भी अंदरूनी टेस्ट पास नहीं कर सके.

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इंटरनेट पर लोगों ने जाहिर की नाराजगी 

इंफोसिस से बड़ी संख्या में लोगों की छंटनी के बाद लोगों ने इंटरनेट पर अपनी नाराजगी जाहिर की. एक यूजर ने एक्स पर लिखा कि यह वाकई दिल दहला देने वाला है. इन फ्रेशर्स ने इन्फोसिस (Infosys) से ऑफर लेटर पाने के लिए करीब 2 से 2.5 साल तक इंतजार किया. सितंबर 2024 में ज्वाॉइनिंग और सिर्फ छह महीने बाद, उनमें से लगभग 700 को निकाल दिया गया. कई लोगों ने इसके लिए दूसरे मौकों को ठुकरा दिया होगा. सिर्फ इस विनाशकारी हकीकत का सामना करने के लिए."

एक यूजर ने X पर कहा कि छंटनी लोगों के जीवन पर एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालती है, "कई युवा कॉलेज ग्रेजुएट और पेशेवरों को छंटनी का सामना करना पड़ेगा. 2025 एक मुश्किल आर्थिक वर्ष होने वाला है. छंटनी का लोगों के जीवन, आय और यहां तक कि शादियों पर भी बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है." जैसे ही इंफोसिस सामूहिक छंटनी पर चुप है, इन फ्रेशर्स का संकट ऑनलाइन चर्चा को बढ़ावा दे रहा है, जिससे आईटी सेक्टर में नौकरी की सुरक्षा और नैतिक भर्ती प्रथाओं के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं.

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इंफोसिस में भर्ती की प्रक्रिया है काफी सख्त

बेंगलुरु स्थित आईटी कंपनी ने कहा कि इंफोसिस में भर्ती प्रक्रिया सख्त है. मैसूर कैंपस में शुरुआती ट्रेनिंग लेने के बाद सभी फ्रेशर्स से अंदरूनी टेस्ट पास करने की उम्मीद की जाती है. कंपनी ने कहा कि सभी फ्रेशर्स को टेस्ट पास करने के लिए तीन मौके मिलते हैं, जिसमें फेल होने पर वे कंपनी के साथ आगे नहीं बने रह पाएंगे. कंपनी ने जोर देकर कहा कि यह शर्त उनके कॉन्ट्रैक्ट में भी लिखी है.

छंटनी पर कर्मचारी संगठन ने कही ये बात

हालांकि, आईटी कर्मचारी यूनियन NITES ने कहा कि इस कदम से प्रभावित फ्रेशर्स की संख्या बहुत ज्यादा है, और कंपनी के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप और सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कर्मचारी यूनियन ने श्रम और रोजगार मंत्रालय से शिकायत करने की बात कही है. नौकरी से निकाले गए कई कर्मचारियों ने इंफोसिस से ऑफर लेटर मिलने और कंपनी में शामिल होने से पहले ग्रेजुएशन के बाद दो साल से ज़्यादा इंतज़ार किया था. उन्हें कुछ महीनों बाद ही निकाल दिया गया.

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