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पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता न केवल blood sugar को स्थिर करता है, बल्कि metabolism को भी ठीक करता है Photograph: (Gemini)
अदिति जब पहली बार मेरे पास आई, तो वह अधिक नहीं खा रही थी — बल्कि breakfast ठीक से नहीं कर रही थी। फिर भी, उसका वजन बढ़ रहा था। उसका सामान्य नाश्ता एक कप चाय के साथ बिस्कुट होता था, या कभी-कभी सिर्फ कॉफ़ी। कभी-कभी वह नाश्ता पूरी तरह छोड़ देती थी। दोपहर तक, वह थकान महसूस करने लगती, उसे भूख लगने लग जाती और sugar की cravings होने लगती — यह insulin spikes के बाद energy crash होने का का क्लासिक पैटर्न था। इसके बाद वो कुछ भी खाने लग जाती। इस वजह से उसका शरीर calories को सही से प्रोसेस नहीं कर पा रहा था।
मैंने उसे नया नाश्ता सुझाया। उसने अपने दिन की शुरुआत एक गिलास जीरा-नींबू पानी से करनी शुरू की, इसके बाद प्रोटीन युक्त नाश्ता जैसे पनीर, भरवां मूँग दाल का चिल्ला या दही और nuts के साथ vegetable oats लेने लगी। ज्यादा व्यस्त दिनों में वह उबले अंडे के साथ ओवरनाइट ओट्स या पनीर सैंडविच और हल्की तली हुई सब्ज़ियाँ खाती थी।
एक छोटे से बदलाव से changes आने लगे। केवल एक हफ्ते में उसने दोपहर के खाने में खुद को controlled महसूस किया, शाम के 5 बजे की चाय और नमकीन snacks की आदत को छोड़ दिया और लगातार energetic रहने का मज़ा लेने लगी। जैसे-जैसे हफ्ते बीतते गए, उसकी waistline और thighs घटने लगीं — भूखे रहकर नहीं, बल्कि दिन की शुरुआत में शरीर को सही तरीके से ऊर्जा देकर।
पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता न केवल उसके blood sugar को stable रखता है, बल्कि उसके मेटाबॉलिज़्म को भी ठीक रखता है। उसका शरीर स्वाभाविक रूप से fats को अधिक कुशलता से burn करने लगा, जिससे दिखाई देने वाला इंच लॉस हुआ। अदिति ने सिर्फ वजन ही नहीं घटाया, बल्कि उसके मूड, digestion और skin health में भी सुधार हुआ। उसकी “before and after” की तस्वीरें सारी कहानी खुद ही बताती हैं। वो यह साबित करती हैं कि सही नाश्ता वास्तव में आपके मेटाबॉलिज़्म को रीसेट कर सकता है और आपके शरीर को भीतर से आकार दे सकता है।
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आप जो खाते हैं, वही आप बनते हैं
अगर आप सोचते हैं कि नाश्ता छोड़ने से आपकी फिटनेस बनी रहेगी, तो यह असल में उल्टा असर डाल सकता है। हम सुबह क्या, कैसे और कब खाते हैं, यह appetite regulation, energy level, metabolism और हफ्तों या महीनों में body composition को तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। लेकिन “परफेक्ट नाश्ता” हर किसी के लिए एक जैसा नहीं होता और कई आम गलतियाँ अच्छे इरादों को बिगाड़ देती हैं।
वजन घटाने के लिए “अच्छा नाश्ता” (good breakfast) तीन मुख्य चीज़ों पर आधारित होना चाहिए:
•प्रोटीन (~20–25 ग्राम) — मांसपेशियों को बनाए रखने और तृप्ति बढ़ाने के लिए
• जटिल कार्बोहाइड्रेट/फाइबर — slower digestion और blood sugar को स्थिर रखने के लिए
• healthy fats — micronutrient के absorption और metabolic flexibility बढ़ाने के लिए
नाश्ते के विकल्प
1. ओट्स + Greek Yogurt + seeds + बेरीज़
यह कॉम्बिनेशन ओट्स से बीटा-ग्लूकन फाइबर, yogurt से प्रोबायोटिक्स और बेरीज़ से एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करता है। seed ओमेगा-3 फैट और क्रंच जोड़ते हैं।
2. अंडे + whole grain toast + एवोकाडो
अंडे प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं, जबकि एवोकाडो में स्वस्थ monounsaturated fats होते हैं। Whole grains धीरे-धीरे energy release करते हैं।
3.बेसन चिल्ला + Vegetable Stir + छाछ
एक पारंपरिक भारतीय कॉम्बिनेशन, जो प्रोटीन में उच्च और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट में कम है ,पचाने में आसान और लंबे समय तक full रखता है।
4.पोहा + मूँगफली + एक उबला अंडा
एक हल्का, संतुलित नाश्ता जो फाइबर, प्रोटीन और healthy fat का सही संतुलन देता है, ऊर्जा बनाए रखता है और भूख को नियंत्रित करता है।
पोहा अपने आप में हल्का होता है, लेकिन मूँगफली और अंडा इसमें फैट और प्रोटीन जोड़ते हैं, जिससे यह एक complete, satiating meal बन जाता है।
5. पनीर या Tofu Scramble + Millets+ ग्रीन टी
यह एक प्लांट-प्रोटीन से भरपूर शुरुआत है जो weight control और muscles के रखरखाव दोनों में मदद करती है।
वजन घटाने में आम गलतियाँ
1. बिल्कुल नाश्ता न करना: कई लोग सोचते हैं कि नाश्ता छोड़ने से वजन कम होगा, लेकिन यह असल में मेटाबॉलिज़्म को धीमा कर सकता है, cravings बढ़ा सकता है और शुगर लेवल में गिरावट ला सकता है। अंततः इससे ज्यादा खाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
2. चाय या कॉफ़ी को ‘नाश्ता’ कहना: केवल कैफीन से brain alert होता है, लेकिन शरीर की cells को real energy नहीं मिलती। यह cortisol बढ़ाता है, मेटाबॉलिज़्म को धीमा करता है और अक्सर एसिडिटी या पेट में फुलापन बढ़ा देता है।
3. नाश्ते के विकल्प चुनना: जल्दी नाश्ता करने के नाम पर flavoured yoghurt या ब्रेड जैम लेना अक्सर hidden sugars और पोषक तत्वों के असंतुलन के कारण नुकसानदेह हो सकता है।
4. “स्वस्थ” भोजन का ओवरलोड करना: हनी के साथ ओट्स, peanut butter के साथ smoothie, या dry fruits के साथ granola bowls धीरे-धीरे 600+ कैलोरी वाले डेज़र्ट में बदल सकते हैं। ये ingredients स्वस्थ हो सकते है लेकिन मात्रा सही न होने पर वजन बढ़ सकता है।
5. यह मानना कि “Liquid = Light”: फ्रूट जूस, स्मूदी या मिल्कशेक अक्सर छिपे कैलोरी बम होते हैं। liquids जल्दी पचते हैं, इसलिए जल्दी भूख लगती है — और बाद में आप ज्यादा खा लेते हैं। इसके बजाय, प्रोटीन पाउडर डालें या smoothie को गाढ़ा बनाएं।
(बतरा एक न्यूट्रिशनिस्ट और फिटनेस कोच हैं)
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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Source: The Indian Express