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Biggest 10 IPO : साइज के मामले में टॉप 10 आईपीओ में Zomato सिर्फ अकेला आईपीओ है, जिसने मीनिंगफुल एडिशनल रिटर्न दिया है. (Pixabay)
Biggest IPO Performance in India : इन दिनों आईपीओ मार्केट में सबसे ज्यादा चर्चा हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के आईपीओ को लेकर हो रही है. यह ट्रेंडिंग आईपीओ इसलिए है क्योंकि यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ है, जिसका साइज 27870 करोड़ रुपये है. एक और बात देखने वाली है कि इस आईपीओ से निवेशक पूरी तरह से अलर्ट हैं और आखिरी दिन दोपहर 1 बजे तक भी यह 100 फीसदी भर नहीं पाया है. असल में इसके पहले भी देश में जो बिग आईपीओ आए हैं, उनका हाल बहुत अच्छा नहीं रहा है. ज्यादातर अच्छा रिटर्न देने में फेल रहे और कई तो अपने आईपीओ प्राइस से भी नीचे ट्रेड कर रहे हैं.
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60 फीसदी बिग आईपीओ फेल रहे
कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने ऑफर साइज के आधार पर टॉप 30 आईपीओ और उसमें आईपीओ प्राइस पर निवेश करने वाले निवेशकों को मिलने वाले रिटर्न की स्टडी की है. स्टडी के अनुसार ऐसे 30 आईपीओ में 18 निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने में फेल रहे हैं. इसमें डिविडेंड के प्रभाव और यह मानना भी शामिल है कि उन्होंने स्टॉक में रीइन्वेस्ट किया था.
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8 ने दिए निगेटिव रिटर्न
कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज की स्टडी के अनुसार, साइज के हिसाब से टॅप 30 आईपीओ में से 18 सीएनएक्स 500 इंडेक्स के रिटर्न की तुलना में एडिशनल रिटर्न जेनरेट करने में फेल रहे हैं. इन 30 आईपीओ में से 8 ने निगेटिव नकारात्मक रिटर्न दिया है. निगेटिव रिटर्न वालों में रिलायंस पावर सबसे हाई-प्रोफाइल आईपीओ था.
टॉप 10 में से 2 ने CNX500 से अधिक रिटर्न जेनरेट किया है. 14 साल में कोल इंडिया की शेयर की कीमत आईपीओ प्राइस से डबल हो गई है. डिविडेंड के मामले में कोल इंडिया सका प्रदर्शन काफी बेहतर है. फिर भी, यह रिटन देने में इंडेक्स के ही आस पास है.
Zomato ने किया बेहतर प्रदर्शन
साइज के मामले में टॉप 10 आईपीओ में Zomato सिर्फ अकेला आईपीओ है, जिसने मीनिंगफुल एडिशनल रिटर्न दिया है. टॉप 30 में से अन्य बड़े विनर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics), इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्प (Indian Railway Finance Corp), सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स (Sona BLW Precision Forgings) और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (ICICI Lombard) हैं.
टॉप 10 आईपीओ में से 5 तो पिछले 2 साल में आए हैं. उनमें से अधिकांश ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिनमें बजाज हाउसिंग फाइनेंस (Bajaj Housing Finance), भारती हेक्साकॉम (Bharti Hexacom) और ब्रेनबीज (First Cry) शामिल हैं.
क्यों फेल होते हैं बिग आईपीओ
कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज के इन्वेस्टमेंट एंड हेड आफ रिसर्च, अनूप विजयकुमार का कहना है कि कुल मिलाकर, बड़े आईपीओ ने निवेशकों के लिए एडिशनल रिटर्न देने के लिए स्ट्रगल किया है. पिछले दिनों बाजार में तेजी के चलते कई आईपीओ आए हैं, क्योंकि उन्हें आप्टिमिस्टिक वैल्युएशन मिलता है. जब उन वैल्युएशन को उचित ठहराने के लिए अर्निंग में ग्रोथ ब्रॉडर मार्केट में मीन-रिवर्सन के साथ संयुक्त नहीं हो पाती है, तो हाई-प्रोफाइल आईपीओ उम्मीद से कम रिटर्न देते हैं.
किस सेक्टर से ज्यादा आईपीओ
इंडस्ट्री में, फाइनेंशियल सेक्टर परंपरागत रूप से पबिल्क मार्केट में फंड रेजिंग यानी धन जुटाने पर हावी रहा है. यहां तक कि 2024 में भी 27 फीसदी फंड, फाइनेंशियल सेक्टर द्वारा जुटाया गया था. हालांकि, कंज्यूमर कंपनियां (साइक्लिक और नॉन-साइक्लिक) 2024 में अब तक की सबसे बड़ी इंडस्ट्री कैटेगरी के रूप में उभरी हैं. कंज्यूमर कंपनियों का 2024 में जुटाए गए फंड में 34 फीसदी योगदान है, इसके बाद फाइनेंशियल्स कंपनियों ने 27 फीसदी और इंडस्ट्रियल्स ने 14 फीसदी योगदान दिया है.