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MF AUM : म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम सितंबर 2024 के अंत तक बढ़कर 67.1 लाख करोड़ रुपये हो गया. (Pixabay)
Mutual Fund Stock Market Strategy : निवेश के विकल्प के रूप में इक्विटी म्यूचुअल फंड देश में दिनों दिन पॉपुलर हो रहा है. इसमें मिलने वाला हाई रिटर्न इसके पीछे प्रमुख वजह है. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट सितंबर 2024 के अंत तक बढ़कर 67.1 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह बताता है कि निवेशकों का भरोसा किस तरह से म्यूचुअल फंड पर बढ़ रहा है. इक्विटी म्यूचुअल फंड लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन का एक बेहतर विकल्प है, जहां सीधे स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने की तुलना में सुरक्षा मिलती है. म्यूचुअल फंड किसी एक स्टॉक पर फोकस नहीं करते, बल्कि उनकी एक स्कीम के पोर्टफोलियो में कई कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं. उस स्कीम का रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक का प्रदर्शन कैसा है.
इसी वजह से म्यूचुअल फंड समय समय पर अपने पोर्टफोलियो का आकलन करते हैं और इस आधार पर किसी स्टॉक में वेटेज बढ़ाते हैं या कम करते हैं. या पोर्टफोलियो में कोई नया स्टॉक शामिल करते हैं और पहले से मौजूद किसी स्टॉक को बाहर करते हैं. यह निर्णय वे बाजार के मौजूद मूड व माहौल, किसी कंपनी के फंडामेंटल और आउटलुक के बारे में रिसर्च कर लेते हैं. इससे पोर्टफोलियो के बेहतर प्रदर्शन करने के चांस बढ़ जाते हैं. हमने ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल की लेटेस्ट रिपोर्ट के आधार पर म्यूचुअल फंड की हालिया स्ट्रैटेजी की जानकारी दी है.
MF AUM बढ़कर 67.1 लाख करोड़ रुपये
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट सितंबर 2024 के अंत तक मंथली बेसिस पर 0.6 फीसदी बढ़कर 67.1 लाख करोड़ रुपये हो गया. सितंबर में इक्विटी फंड का एयूएम (1074 बिलियन रुपये), बैलेंस्ड फंड का एयूएम (167 बिलियन रुपये) और अन्य ETF का एयूएम (159 बिलियन रुपये) इस दौरान बढ़ा है. हालांकि लिक्विड फंड और इनकम फंड के एयूएम में इस दौरान गिरावट आई है.
घरेलू म्यूचुअल फंड (ELSS और इंडेक्स फंड सहित) का इक्विटी एसेट अंडर मैनेजमेंट सितंबर 2024 में मंथरली बेसिस पर 3.3 फीसदी बढ़कर 33.8 लाख करोड़ रुपये हो गया. मार्केट इंडेक्स में ग्रोथ (निफ्टी 2.3% MoM ऊपर) और इक्विटी योजनाओं की बिक्री में ग्रोथ (3.7 ऊपर) के कारण घरेलू म्यूचुअल फंड के एयूएम में ग्रोथ देखने को मिली. हालांकि, रिडेम्पशन की गति बढ़कर 474 बिलियन रुपये (20.6% MoM तक) हो गई. जिसके चलते सितंबर 2024 में नेट इनफ्लो 12.3 फीसदी घटकर 364 बिलियन रुपये हो गया.
किस सेक्टर में बढ़ाया निवेश, किसमें घटाया
सितंबर 2024 की बात करें तो म्यूचुअल फंड ने मंथली बेसिस पर प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर, मेटल्स, रिटेल सेक्टर, ऑटोमोबाइल्स, कंज्यूमर सेक्टर, यूटिलिटीज और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में अपना निवेश बढ़ाया है. जबकि टेक्नोलॉजी, ऑयल एंड गैस, कैपिटल गुड्स, हेल्थकेयर और पीएसयू बैंक सेक्टर में निवेश मंथली बेसिस पर घटाया है.
प्राइवेट बैंक में म्यूचुअल फंड का वेटेज सितंबर 2024 के अंत तक 16.1% (+20bp MoM, -260bp YoY) हो गया.
मेटल सेक्टर में म्यूचुअल फंड का वेटेज सितंबर 2024 के अंत तक बढ़कर 2.7% (+20bp MoM, 40bp YoY) हो गया.
टेक्नोलॉजी सेक्टर में म्यूचुअल फंड का वेटेज सितंबर 2024 के अंत तक घटकर 8.8% (-40bp MoM, -60bp YoY) रह गया.
ऑयल एंड गैस में म्यूचुअल फंड का वेटेज सितंबर 2024 के अंत तक घटकर 6.2% (-30bp MoM, +40bp YoY) रह गया.
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