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Stocks Alert : कई बार मजबूत प्रदर्शन कर रही कुछ कंपनियों के सामने भी शॉर्ट टर्म या मिड टर्म के लिए चुनौतियां आ सकती हैं. Photograph: (AI Generated)
Stocks Alert : किसी शेयर में तेजी या गिरावट कंपनी के ग्रोथ आउटलुक पर निर्भर होता है, साथ ही शेयर का वैल्युएशन भी इसमें महत्वपूर्ण है. कई बार मजबूत प्रदर्शन कर रही कुछ कंपनियों के सामने भी शॉर्ट टर्म या मिड टर्म के लिए चुनौतियां आ सकती हैं. ऐसे में उनके शेयरों पर भी असर होता है और उनमें कुछ दिनों के लिए गिरावट आ सकती है. ब्रोकरेज हाउस ने ऐसे ही कुछ शेयरों की रेटिंग डाउनग्रेड कर दी है, जिनके फंडामेंटल हाल फिलहाल में कुछ कमजोर हुए हैं या जिनका वैल्युएशन ज्यादा हो चुका है.
Tata Motors
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस जेपी मॉर्गन ने अपनी हालिया रिपोर्ट में टाटा मोटर्स के शेयर की रेटिंग को 'ओवरवेट' से घटाकर 'न्यूट्रल' कर दिया है. साथ ही, शेयर का टारगेट प्राइस भी 1,250 से घटाकर 740 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज ने इसके पीछे कंपनी के पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में आ रही नई चुनौतियों का हवाला दिया है. जेपी मॉर्गन का कहना है कि टाटा मोटर्स वित्त वर्ष 2026 तक फिर से एक कर्ज वाली कंपनी बन सकती है, जो मुश्किल साबित हो सकता है.
हालांकि, 2027 और 2028 में स्थिति सुधरने की उम्मीद है, जो टैरिफ एडजस्टमेंट, नए इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च और भारत के कमर्शियल व्हीकल मार्केट में सुधार से संभव होगा. भारत में पैसेंजर व्हीकल मार्जिन बढ़ाने और मार्केट शेयर को स्थिर करने से कंपनी के बैलेंस शीट में सुधार होने की संभावना है. प्रमुख जोखिम में टैरिफ का दबाव, जेएलआर का पुराना पोर्टफोलियो और भारत में मार्केट शेयर की चुनौती है. टाटा मोटर्स का मुनाफा मार्च तिमाही में 51% की गिरावट के साथ 17,552 करोड़ से घटकर 8,470 करोड़ रुपये हो गया.
Home First Finance Company
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने होम फर्स्ट फाइनेंस के स्टॉक की रेटिंग Buy से घटाकर ADD कर दी है और टारगेट प्राइस 1,375 रुपये दिया है. ब्रोकरेज के अनुसार कंपनी के पास क्रेडिट देने के लिए बड़े मौके हैं और यह बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अच्छी स्थिति में है. कंपनी की टेक्नोलॉजी इस लक्ष्य को पाने में अहम भूमिका निभा रही है. अपनी FY25 की सालाना रिपोर्ट में कंपनी ने बताया कि पिछले 10 सालों में उसने एक मजबूत आधार बनाया है.
टेक्नोलॉजी आधारित समाधान देकर उसने पारंपरिक तरीकों को चुनौती दी है और अब वह अपनी ग्रोथ को तेज करने के लिए तैयार है. जहां कंपनी को 100 अरब रुपये का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट तक पहुंचने में 14 साल लगे, वहीं अब वह अगले 3 साल में 100 अरब रुपये जोड़कर FY27 तक एयूएम को 200 अरब रुपये तक और फिर अगले तीन साल में FY30 तक इसे 350 अरब रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है. इसका मतलब है कि FY30 तक 20% से ज्यादा की सालाना ग्रोथ रेट रहेगी.
Bharti Hexacom (BHL)
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने भारती हेक्साकॉम के स्टॉक पर रेटिंग घटाकर न्यूट्रल कर दी है. ब्रोकरेज का मानना है कि BHL को एयरटेल की तुलना में प्रीमियम मिलना चाहिए क्योंकि इसकी ग्रोथ थोड़ी बेहतर है, RoCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड) बेहतर है, और पूंजी के गलत उपयोग की चिंताएं कम हैं. ब्रोकरेज ने BHL के वायरलेस बिजनेस को DCF (डिस्काउंटेड कैश फ्लो) के आधार पर जून 2027 तक EV/EBITDA का 14.5x मल्टीपल दिया है, जो एयरटेल के भारत वायरलेस बिजनेस के 13x मल्टीपल से 10% अधिक है.
हालांकि, हालिया तेजी के बाद BHL अब एक साल के फॉरवर्ड EV/EBITDA पर 19x पर ट्रेड कर रहा है. यह भारती के भारत बिजनेस के अनुमानित EV/EBITDA से 37% अधिक है. भारती एयरटेल के अधिक डाइवर्सिफाइड बिजनेस की तुलना में 40% प्रीमियम बहुत अधिक है. इसलिए रिस्क-रिवार्ड का संतुलन अनुकूल नहीं लगता.
(Disclaimer: स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)