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Union Budget : यह बजट 2047 तक "विकसित भारत" की कहानी को मजबूत करेगा. जिस पर मोदी सरकार का खास फोकस भी है. (reuters)
Viksit Bharat : भारत की फाइनेंस मिनिस्ट 23 जुलाई 24 को FY24-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी. पिछले कुछ साल में इक्विटी बाजार पर केंद्रीय बजट का प्रभाव कम हो गया है, क्योंकि सरकार ने ज्यादातर रिफॉर्म बजट के दायरे से बाहर कर दिए हैं. मोदी 3.0 सरकार के गठन के बाद पहला फुल ईयर बजट है, इसलिए मार्केट पार्टिसिपेंट इसे भारतीय अर्थव्यवस्था और इस प्रकार भारतीय बाजारों की ग्रोथ को प्रोत्साहित करने वाले एक महत्वपूर्ण कैटलिस्ट के रूप में देखते हैं.
"विकसित भारत" का नैरेटिव होगा मजबूत
ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि, यह बजट 2047 तक "विकसित भारत" की कहानी को मजबूत करेगा. जिस पर मोदी सरकार का खास फोकस भी है. एनडीए सरकार के गठन के बाद, कैपेक्स स्पेंडिंग में कुछ कटौती के साथ-साथ, ग्रामीण चुनौतियों का समाधान करने के लिए निचले तबके के लिए कुछ आवंटन की दिशा में बाजार की उम्मीदें बढ़ रही हैं. मौजूदा समय में, बजट के जरिए कैपेक्स और ग्रामीण चुनौतियों के समाधान के बीच संतुलन बनाने की संभावना है.
कुछ नए वेलफेयर स्कीम की उम्मीद
बहरहाल, उम्मीद से अधिक आरबीआई डिविडेंड ने वेलफेयर स्कीम की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कुछ राहत प्रदान किया है. वर्तमान में, बाजार कैपिटल गेंस टैक्स की दिशा में डेवलपमेंट पर उत्सुकता से नजर रख रहा है. बाजार की उम्मीदों से हटकर कोई भी एलान शॉर्ट टर्म में कुछ निगेटिव रिएक्शन को अट्रैक्ट कर सकता है. हालांकि, ऐसा होने की संभावना कम दिखती है.
बजट में हो सकते हैं ये एलान (Pre Budget Expectations)
1. कैपेक्स प्लान जारी रहेगा
ब्रोकरेज का कहना है कि उम्मीद है कि बजट में सरकार इंटरिम बजट में घोषित 11.1 लाख करोड़ रुपये की कैपेक्स योजना को जारी रखेगी. सड़क, बिजली, अर्बन डेवलपमेंट और रेलवे पर सरकार का खास फोकस प्रमुख लॉन्ग टर्म इकोनॉमिक मल्टीप्लायर्स का निर्माण करेगा. रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण डेवलपमेंट में, सरकार ने इस सेगमेंट के लिए 2.55 लाख करोड़ रुपये के हायर कैपिटल आउटले की घोषणा की है, जो आगे चलकर रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को विशेष रूप से बढ़ावा देगा. इसके अलावा, मौजूदा पीएलआई योजनाओं का दायरा अधिक रोजगार पैदा करने में सक्षम अधिक सेक्टर तक विस्तार होने की संभावना है
2. हायर रूरल स्पेंडिंग
सख्त मॉनेटरी पॉलिसी और बढ़ी हुई महंगाई के स्तर ने देश के एक बड़े वर्ग की परचेजिंग पावर को प्रभावित किया है. हम उम्मीद करते हैं कि बजट में कम आय वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी. सरकार सक्रिय रूप से फूड एंड फर्टिलाइजर सब्सिडी प्रदान करके इस वर्ग को समर्थन देना जारी रखेगी. इसके अलावा बात करें तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था अभी भी प्री-कोविड स्तरों पर पूरी तरह से ठीक होने के संकेत नहीं दिखा रही है, इसलिए आगामी बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग पर अधिक ध्यान देने के साथ अधिक रूरल स्पेंडिंग की संभावना है. आगे के कदमों से अर्थव्यवस्था के ब्रॉडर सेक्शन में डिमांड सुधरने की उम्मीद है.
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3 . जॉब बढ़ाने पर फोकस
सरकार का व्यापक फोकस जॉब बढ़ाने पर होगा. इसका मतलब इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य पब्लिक वेलफेयर स्कीम पर अधिक प्रोत्साहन हो सकता है, साथ ही ऑफ-बैलेंस-शीट स्ट्रक्चर का उपयोग करके फिस्कल एक्सपेंशन भी हो सकता है. सरकारी गतिविधियों के माध्यम से जॉब क्रिएशन एक आवश्यकता है क्योंकि प्राइवेट कैपेक्स सुस्त बना हुआ है.
4) फिस्कल कंसोलिडेशन
ब्रोकरेज का मानना है कि सरकार की प्राथमिकता ग्रोथ और स्थिरता के बीच सही संतुलन बनाते हुए फिस्कल कंसोलिडेशन का रास्ता अपनाकर मैक्रो स्टेबिलिटी हासिल करना और बनाए रखना होगी. उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में फिस्कल डेफिसिट 5.1 फीसदी से नीचे बना रहेगा, जिसके वित्त वर्ष 2026 तक 4.5 फीसदी रखने का लक्ष्य है.
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हीरो मोटोकॉर्प
अल्ट्राटेक सीमेंट
नेस्ले इंडिया
NTPC
प्राज इंडस्ट्रीज
Inox Wind
जे कुमार इंफ्रा
अहलुवालिया कांट्रैक्ट्स
V-Mart
M&M (रूरल प्ले)
पावर ग्रिड (कैपेक्स)
Va Tech Wabag
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स
सर्वोत्तम पावर
(source : axis securities)
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश या बिकवाली की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)