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Silver Prices : अगले 12-15 महीने के नजरिए से ब्रोकरेज ने चांदी में टारगेट प्राइस 1,00,000 रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये कर दिया . (Pixabay)है.
Silver Outlook : साल 2024 में चांदी की कीमतें रुपये के टर्म में करीब 30 फीसदी बढ़ गई हैं. वहीं अलग अलग करंसी का एवरेज देखें तो कीमतों में 33 फीसदी तेजी आ चुकी है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि हाल के महीनों में 30 फीसदी से अधिक की बढ़त के साथ, निश्चित अंतराल पर कुछ मुनाफावसूली देखने की संभावना है. लेकिन किसी भी बड़ी गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. चांदी के लिए अभी महत्वपूर्ण सपोर्ट 86000-86500 के करीब है. वहीं अगले 12-15 महीने के नजरिए से ब्रोकरेज ने चांदी में टारगेट प्राइस घरेलू मोर्चे पर 1,00,000 रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये कर दिया है. जबकि कॉमेक्स पर चांदी के लिए टारगेट प्राइस 40 डॉलर कर दिया है. 5 बड़ी वजह हैं, जिसके चलते चांदी में तेजी आ सकती है.
जियो-पॉलिटिकल टेंशन
पैनिक या घबराहट, संकट या ब्लैक स्वान इवेंट्स सेफ हैवन एसेट्स के लिए सपोर्ट देने वाले माने जाते हैं. 2022 के बाद से, जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया, बाजार में रिस्क प्रीमियम बढ़ गया है। चाहे वह 2019 में ट्रेड टेंशन हो, 2022 में रूस-यूक्रेन के बीच जंग हो, 2023 में इजरायल-हमास जंग हो, सभी जियो-पॉलिटिकल टेंशन अभी भी एक्टिव हैं और बाजार को साइड लाइन से झटके प्रदान कर रहे हैं. अमेरिका में चुनावी साल होने के कारण, आर्थिक अनिश्चितता भी चांदी के लिए सेफ हैवन की अपील को बढ़ावा दे सकती है.
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अमेरिकी चुनावों से पहले, सभी प्रयास संभावित युद्धविराम - मौजूदा तनाव को कम करने की दिशा में हैं. हालांकि, इजरायल अभी गाजा की सीमाओं पर हमले कर रहा है और मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा रहा है. चीन और ताइवान के बीच संभावित तनाव को लेकर भी अपडेट आ रहे हैं. इससे भी बढ़कर, अगर पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के जीतने की संभावना बढ़ती है, तो हम एक बार फिर अस्थिरता में ग्रोथ देख सकते हैं. यह कहना सुरक्षित है कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने कीमती मेटल पैक को अपनी लिमिट को हायर रेंज की ओर शिफ्ट करने में मदद की है.
सिल्वर डिमांड & सप्लाई
सिल्वर इंस्टीट्यूट की पूर्वानुमान रिपोर्ट से चांदी की डिमांड के कुछ दिलचस्प आंकड़े हैं. 2023 से 2024 तक कुल डिमांड 2 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. 2024 में कुल डिमांड 1219 टन होने की उम्मीद है, जबकि 2022 में डिमांड 1279 टन थी. इंडस्ट्रियल डिमांड 710.9 टन के हाइएस्ट लेवल पर रहने की उम्मीद है. 2023 से इंडस्ट्रियल डिमांड 8.5 फीसदी और महामारी के बाद से 40 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. ज्वैलरी और सिल्वरवेयर में 4.5 फीसदी की ग्रोथ की उम्मीद है. नेट फिजिकल और फोटोग्राफी डिमांड में गिरावट की उम्मीद है.
इनफ्लेशन एंड ग्रोथ
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक (सीबी) पिछले कुछ साल से सुर्खियों में हैं. 2021 में महंगाई बढ़ने के बाद से ही यह जांच के दायरे में है. 2020 में क्यूई के बाद, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की महंगाई डबल डिजिट के करीब पहुंच गई थी. इन महंगाई के दबाव को कम करने के लिए, प्रमुख सेंट्रल बैंक ने 2022 से अबतक ब्याज दरों में 1600bps की बढ़ोतरी की है. फेड ने अपनी बैलेंस शीट को कम करने के लिए QT उपायों की घोषणा की.
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इन उपायों के बीच, महंगाई का दबाव काफी हद तक कम हो गया. दरों में बढ़ोतरी के बाद भी अर्थव्यवस्थाओं पर कोई बड़ा आर्थिक प्रभाव नहीं देखा गया. हालिया आर्थिक आंकड़ों में कमजोरी के संकेत दिखने लगे हैं. ईसीबी ने हाल ही में 25 बीपीएस की भारी कटौती की घोषणा की है, हालांकि आगे के अपडेट देखना महत्वपूर्ण होगा. आईएमएफ की हालिया रिपोर्ट में 2024 और 2025 में स्टडी ग्रोथ ट्रैजेक्टरी दिखाया गया है, यूएस जीडीपी भी हाल ही में 1.4 फीसदी बताई गई थी. फेड के लिए अब महंगाई और ग्रोथ के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण होगा.
सेंट्रल बैंकों का एक्शन
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने एक साल में दरें 0% से बढ़ाकर 5% कर दीं और अब स्थिर हैं. 2024 में फेड ने अभी तक ब्याज दर में किसी बदलाव की घोषणा नहीं की है. चूंकि महंगाई संबंधी चिंताएं कम हो गई हैं, इसलिए मार्केट पार्टिसिपेंट दरों में कटौती के लिए तैयार हो रहे हैं. दूसरी ओर, पॉलिसी मेकर चाहते हैं कि महंगाई उनके 2 फीसदी के लक्ष्य के आसपास पहुंच जाए. 2024 की शुरुआत में लगभग 3-4 रेट कट की उम्मीद थी जो अब एक रह गई. जिससे कीमती धातुओं में तेजी आई है.
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चीन का चांदी पर इंपैक्ट
चीन कई इंडस्ट्रियल मेटल के सबसे बड़े कंज्यूमर और उत्पादकों में से एक है. इसलिए, इंडस्ट्रियल मेटल में कोई भी बड़ा बदलाव चांदी में भी तेजी को ट्रिगर करता है. यह एकमात्र अर्थव्यवस्था में से एक थी, जहां महामारी के दौरान तीन साल का लॉकडाउन लगा था. इसके चलते आर्थिक गतिविधियां लो लेवल पर आ गई थीं. प्रॉपर्टी सेक्टर का बुरा हाल हो गया.
कीमतों में गिरावट के बावजूद, 2024 की पहली छमाही में चीन में प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट में 10 फीसदी की गिरावट आई. एफडीआई की कमी और धीमी ग्रोथ से अन्य सेक्टर में भी दबाव बढ़ा. चीन में महंगाई जीरो फीसदी के करीब है, इसलिए केंद्रीय बैंक के पास दरों में कटौती की काफी गुंजाइश है. चीनी इक्विटी बाजार में काफी उलटफेर हुआ है - क्रूड, कॉपर और सोने का आयात भी काफी अधिक है.