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ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच में अनिल अंबानी से जुड़ी ₹3,084 करोड़ की संपत्तियां जब्त कीं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) से जुड़ी 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में अंबानी की समूह कंपनियों के खिलाफ की गई जांच का हिस्सा है.
एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के तहत चार अस्थायी आदेश जारी किए हैं, जिनके तहत अंबानी का मुंबई के पाली हिल स्थित घर सहित कई आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों को अटैच किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है. जांच एजेंसी ने यह कदम कथित वित्तीय अनियमितताओं और धन शोधन के आरोपों के तहत उठाया है.
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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के तहत चार अस्थायी आदेश जारी किए हैं. इन आदेशों के तहत 66 साल के अनिल अंबानी का मुंबई के पाली हिल में स्थित घर और उनकी समूह कंपनियों की अन्य आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियां जब्त की गई हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर स्थित रिलायंस सेंटर की जमीन समेत राष्ट्रीय राजधानी, नोएडा, गाज़ियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और ईस्ट गोदावरी में मौजूद कई अन्य संपत्तियां भी ईडी ने जब्त की हैं. जब्त की गई इन सभी संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 3,084 करोड़ रुपये बताई गई है.
RHFL और RCFL की फंडिंग पर ईडी की नजर
यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) द्वारा जुटाई गई सार्वजनिक धनराशि के कथित दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL के इंस्ट्रूमेंट्स में 2,965 करोड़ रुपये और RCFL के इंस्ट्रूमेंट्स में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया था. ईडी का आरोप है कि इन फंड्स (funds) का एक हिस्सा गलत तरीके से अन्य जगहों पर ट्रांसफर किया गया.
ईडी के अनुसार, दिसंबर 2019 तक ये निवेश “गैर-निष्पादित” (Non-Performing) बन गए थे. उस समय रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) पर 1,353.50 करोड़ रुपये और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) पर 1,984 करोड़ रुपये की बकाया राशि थी.
ईडी ने अनिल अंबानी की कंपनियों को ₹17,000 करोड़ के लोन डायवर्जन केस से जोड़ा
अनिल अंबानी के खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई कथित वित्तीय गड़बड़ियों और समूह की कई कंपनियों, जिनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) भी शामिल है, द्वारा ₹17,000 करोड़ से अधिक के सामूहिक लोन डायवर्जन (ऋण राशि के गलत उपयोग) के आरोपों से जुड़ी है.
इस मामले में ईडी ने अगस्त में अनिल अंबानी से पूछताछ भी की थी. इससे पहले, 24 जुलाई को एजेंसी ने मुंबई में अंबानी समूह के अधिकारियों सहित 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी का यह मनी लॉन्ड्रिंग केस केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक एफआईआर पर आधारित है.
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अनिल अंबानी समूह के शेयरों में गिरावट
सोमवार को ईडी की कार्रवाई की खबर के बाद अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई.
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर लगभग 5% गिरकर ₹204.00 के दिन के निचले स्तर पर पहुंच गए.
रिलायंस पावर के शेयरों में भी करीब 2% की गिरावट आई और यह ₹45.40 तक फिसल गए.
वहीं, रिलायंस कम्युनिकेशंस का शेयर लगभग 1.5% नीचे रहा.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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