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Gensol Engineering में लगा लोअर सर्किट, सेबी ने स्टॉक स्प्लिट पर लगाई रोक, प्रमोटर्स को किया बैन

SEBI Action on Gensol Engineering : सेबी को शेयर प्राइस में हेराफेरी और फंड डायवर्जन के बारे में जून 2024 में शिकायत मिली थी. सेबी की जांच में फर्जी दस्तावेज, फंड का दुरुपयोग और धोखाधड़ीपूर्ण खुलासे पाए गए.

SEBI Action on Gensol Engineering : सेबी को शेयर प्राइस में हेराफेरी और फंड डायवर्जन के बारे में जून 2024 में शिकायत मिली थी. सेबी की जांच में फर्जी दस्तावेज, फंड का दुरुपयोग और धोखाधड़ीपूर्ण खुलासे पाए गए.

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Sushil Tripathi
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Gensol Engineering

SEBI Action : मार्केट रेगुलेटर की ओर से जेनसोल को घोषित स्टॉक स्प्लिट को रोकने के लिए कहा गया है, Photograph: (Reuters)

Why Gensol Engineering Stocks in Focus : आज बाजार खुलते ही जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में जोरदार बिकवाली आ गई. आज जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर में लोअर सर्किट लगा है और यह 5 फीसदी टूटकर 122.68 रुपये के भाव पर आ गया, जबकि मंगलवार को यह 129 रुपये पर बंद हुआ था. असल में जेनसोल इंजीनियरिंग सेबी के जांच के घेरे में है और मार्केट रेगुलेटर ने फंड की हेराफेरी और कामकाज संबंधी खामियों के चलते कंपनी पर बड़ा एक्शन लिया है.  

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प्रमोटर्स को सिक्योरिटी मार्केट से किया बैन

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने फंड की हेराफेरी और कामकाज संबंधी खामियों के चलते जेनसोल इंजीनियरिंग पर बड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने जेनसोल इंजीनियरिंग, इसके प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है. मार्केट रेगुलेटर ने अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से भी रोक दिया है.

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स्टॉक स्प्लिट रोकने को कहा

इसके अलावा, मार्केट रेगुलेटर की ओर से जेनसोल को घोषित स्टॉक स्प्लिट को रोकने के लिए कहा गया है, साथ ही रेगुलेटर ने इसके खातों और संबंधित सभी पक्षों के खातों की जांच करने के लिए एक फोरेंसिक ऑडिटर की नियुक्ति का भी निर्देश दिया है. मार्केट रेगुलेटर सेबी को इस संबंध में जून, 2024 को शिकायत मिली थी. SEBI ने जांच में पाया है कि कंपनी के फंड को लग्जरी प्रॉपर्टी खरीदने और प्रोमोटरों के निजी खर्चों का पेमेंट करने के लिए डायवर्ट किया गया है.

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एजेंसियों ने घटाई थी क्रेडिट रेटिंग  

बता दें, सेबी को शेयर प्राइस में हेराफेरी और फंड डायवर्जन के बारे में जून 2024 में शिकायत मिली थी. सेबी की जांच में फर्जी दस्तावेज, फंड का दुरुपयोग और धोखाधड़ीपूर्ण खुलासे पाए गए. क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने पुष्टि की गई पेमेंट देरी का हवाला देते हुए मार्च 2025 में जेनसोल की क्रेडिट रेटिंग को घटाकर 'D' कर दिया था. जब रेगुलेटर ने उन्हें अचानक डाउनग्रेड के बारे में बताने के लिए कहा, तो पता चला कि कंपनी ने सरकारी लेंडर्स IREDA और पावर फाइनेंस से फैब्रिकेटेड डेट सर्विसिंग कंडक्ट सबमिट किए थे.

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जांच के घेरे में कंपनी

सेबी की जांच मुख्य रूप से 6,400 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए जेनसोल द्वारा उठाए गए 663.89 करोड़ रुपये के लोन के इर्द-गिर्द रही है, जिसमें से केवल 4,704 EV वास्तव में 567.73 करोड़ रुपये में खरीदे गए थे. इससे 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का हिसाब नहीं मिल पाया.

बता दें कि जेनसोल में प्रमोटर की हिस्सेदारी, मार्च 2025 तक घटकर 35 फीसदी रह गई. इसमें से 75.74 लाख शेयर IREDA के पास गिरवी रखे गए थे, जिनमें से कई कथित तौर पर जब्त कर लिए गए हैं. इस बीच, रिटेल निवेशकों के पास कंपनी के लगभग 65 फीसदी शेयर बने हुए हैं.

Sebi