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GPT Healthcare IPO Price Band: कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 177-186 रुपये प्रति शेयर तय किया है. (Pixabay)
GPT Healthcare IPO Open: जीपीटी हेल्थकेयर (GPT Healthcare IPO) का आईपीओ आज 22 फरवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. कोलकाता बेस्ड हेल्थकेयर से जुड़ी यह कंपनी आपने आईपीओ के जरिए 525 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 177-186 रुपये प्रति शेयर (GPT Healthcare Price Band) तय किया है. इस इश्यू में 26 फरवरी तक निवेश किया जा सकता है. इस आईपीओ में 40 करोड़ का फ्रेश इश्यू है, जबकि मौजूदा प्रमोटर्स व शेयरहोल्डर ऑफर फॉर सेल के जरिए 485.14 करोड़ के शेयर बेचेंगे. ब्रोकरेज हाउस की सब्सक्रिप्शन को लेकर व्यू मिले जुले हैं.
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आनंद राठी: 'subscribe for long term'
ब्रोकरेज हाउस आनंद राटी ने GPT Healthcare के आईपीओ में लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि जीपीटी हेल्थकेयर मिड साइज्ड के फुल-सर्विस हॉस्पिटल की एक चेन संचालित करता है और सेकंडरी व टर्शियरी केयर पर फोकस के साथ एंट्रीग्रेटेड हेल्थ सर्विसेज प्रदान करता है. आगे बढ़ते हुए, कंपनी स्पेशिएलिटी मिक्स को और अधिक संतुलित करके, चुनिंदा विशिष्टताओं में अपनी स्पेशिएलिटी को मजबूत करके और नई स्पेशिएलिटीज व सर्विसेज को जोड़कर अपने मौजूदा अस्पतालों को मजबूत करने का इरादा रखती है. अपर प्राइस बैंड पर, कंपनी इक्विटी शेयर जारी करने के बाद 1526.2 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन और वित्त वर्ष 2023 में 23.7 फीसदी के नेट वर्थ पर रिटर्न के साथ 39.1 गुना के पी/ई पर वैल्यूड है. ब्रोकरेज का मानना है कि यह वैल्युएशन उचित है.
StoxBox: 'avoid'
ब्रोकरेज हाउस StoxBox ने इस आईपीओ में 'avoid' रेटिंग दी है. ब्रोकरेज के अनुसार कंपनी को अभी भी भारत के अन्य हिस्सों में अपने ऑपरेशन का सफलतापूर्वक विस्तार करना बाकी है. बेहतर वित्तीय प्रदर्शन के लिए बेड ऑक्युपेंसी रेट में सुधार की आवश्यकता है. ब्रोकरेज का कहना है कि हम आगे लगातार फाइनेंशियल मेट्रिक्स में सुधार पर कंपनी का रीवैल्युएशन करेंगे.
क्या हैं प्रमुख जोखिम और चिंताएं
• ब्रोकरेज हाउस वेंचुरा सिक्योरिटीज के अनुसार कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन काफी हद तक पश्चिम बंगाल के इसके अस्पतालों पर निर्भर है, जो मरीजों के एक बड़े हिस्से की देखभाल करते हैं. इसके अलावा, उनकी सभी सुविधाएं पूर्वी भारत में केंद्रित हैं. इसलिए, इन अस्पतालों से रेवेन्यू जेनरेशन में किसी भी रुकावट या पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण आर्थिक या राजनीतिक बदलाव से कंपनी के बिजनेस, फाइनेंशियल और ओवरआल आपरेशन पर असर हो सकता है.
• स्पेसिफिक मेडिकल स्पेशिएलिटीज पर कंपनी की निर्भरता जोखिम पैदा करती है. इन स्पेशिएलाइज्ड सर्विसेज से रेवेन्यू में कोई भी कमी कंपनी के बिजनेस, फाइनेंशियल हेल्थ, आपरेशन और कैश फ्लो को नुकसान पहुंचा सकती है.
• कंपनी अपने हेल्थकेयर प्रोफेशनल, विशेष रूप से कंसल्टेंसी अरेंजमेंट के माध्यम से अनुबंधित डॉक्टरों पर बहुत अधिक निर्भर करती है. इन प्रमुख पर्सनल को खोने या नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने में विफल रहने से भी कंपनी पर असर होगा.
• कंपनी की सफलता एक मजबूत ब्रांड और प्रतिष्ठा पर निर्भर करती है. इसे बनाए रखने और सुधारने में कोई भी विफलता उनकी सेवाओं में सार्वजनिक धारणा और विश्वास को काफी नुकसान पहुंचा सकती है.
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14,880 रुपये का न्यूनतम निवेश
आईपीओ में 80 शेयरों का लॉट साइज है, यानी एक रिटेल निवेशक को कम से कम 80 शेयरों के लिए आवेदन करना होगा. अपर प्राइस बैंड के लिहाज से कम से कम 14,880 रुपये निवेश करना जरूरी होगा. इसके बाद 80 के मल्टीपल पर और आवेदन किए जा सकते हैं. इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए रिजर्व है तो 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व है. जबकि 35 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व है.
कहां होगा फंड का इस्तेमाल
आईपीओ से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल 30 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने में किया जाएगा. 31 दिसंबर, 2023 तक कंपनी के ऊपर 46.3 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसके अलावा सामान्य कॉर्पोरेट खर्जों में भी कंपनी इन पैसों का इस्तेमाल करेगी.
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कंपनी का क्या है बिजनेस
कंपनी के पास पूर्वी भारत में ILS हॉस्पिटल्स ब्रैंड नाम से मिड साइज के फुल सर्विस हॉस्पिटल्स की एक सीरीज है. 30 सितंबर, 2023 तक, ये पश्चिम बंगाल के दम दम, सॉल्ट लेक और हावड़ा और त्रिपुरा के अगरतला में चार मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल संचालित करता है, जिनकी कुल क्षमता 561 बिस्तरों की है. ये 35 से अधिक स्पेशिएलिटीज और सुपर स्पेशिएलिटीज में हेल्थ सर्विसेज देता है, अस्पतालों में इंटीग्रेटेड डायग्नोस्टिक सर्विसेज और फार्मेसी हैं. सितंबर 2023 तक प्रति बिस्तर पर कंपनी का औसत राजस्व 32,979 रुपये था, जबकि बेड ऑक्यूपेंसी 59.92% है. कंपनी रायपुर, छत्तीसगढ़ और झारखंड के रांची में 152 बिस्तरों और 140 बिस्तरों की क्षमता वाली दो ग्रीनफील्ड परियोजनाएं लगाने की भी योजना बना रही है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)