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Stock Market: 26 मई 2014 को सेंसेक्स 24717 के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं 20 फरवरी 2024 को सेंसेक्स 73057 के लेवल पर है. (Reuters)
Stock Market in Narendra Modi Government: नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के 2 साल अब पूरे होने जा रहे हैं. अगले जनरल इलेक्शन में अब 3 महीने बचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये करीब 10 साल शेयर बाजार के लिए ग्रोथ काल रहा है, भले ही बीच में बाजार को कोविड 19 की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा. इस दौरान इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स में जहां करीब 195 फीसदी ग्रोथ रही, वहीं निफ्टी में ग्रोथ 200 फीसदी से ज्यादा रही. वहीं इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में करीब 4.5 गुना इजाफा हुआ है.
सेंसेक्स 196%, निफ्टी 201% चढ़ा
नरेंद्र मोदी जब पीएम बने तो 26 मई 2014 को सेंसेक्स 24717 के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं आज यानी 20 फरवरी 2024 को सेंसेक्स 73057 के लेवल (Sensex in Modi Govt) पर है. इस लिहाज से इसमें 48340 अंकों या करीब 196 फीसदी की तेजी आ चुकी है. वहीं निफ्टी 26 मई 2014 को 7359 के लेवल पर था और आज यानी 20 फरवरी 2024 को यह 22178 के लेवल (Nifty in Modi Govt) पर आ गया है. इसमें 14819 अंकों या करीब 201 फीसदी का इजाफा हुआ है.
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निवेशकों की दौलत 4.5 गुना बढ़ी
मोदी सरकार के करीब 10 सालों में निवेशकों की भी चांदी रही है. इस दौरान उनकी दौलत में करीब 4.5 गुना का इजाफा हुआ. नलरेंद मोदी जब पहली बार पीएम बने तो बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 85,20,817 करोड़ था. जबकि 20 फरवरी 2024 को यह 3,90,94,776 करोड़ पर दिख रहा है. यानी निवेशकों की दौलत में करीब 3,05,73,959 करोड़ या 4.5 गुना का इजाफा हुआ है.
तीसरी बड़ी इकोनॉमी की राह पर देश
मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था हर साल तकरीबन 6-7 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ रही है. हाल ही में भारत ने अर्थव्यवस्था के मामले में यूके को पीछे कर चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था. वहीं हाल ही में हॉन्ग कॉन्ग को पीछे कर कुछ दिनों के लिए चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार भी बना था. आईएमएफ का अनुमान है कि साल 2028 तक भारत चीन और यूएस के बाद तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. भारत ने 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है. वहीं मॉर्गन स्टैनले ने बीते दिनों यह अनुमान लगाया था कि भारत की जीडीपी 2031 तक 7.5 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी.
रिफॉर्म व ब्रॉन्ड मोदी का बाजार पर असर
मोदी सरकार के कार्याकाल में देश में कई तरह के रिफॉर्म देखने को मिले. इनमें जीएसटी प्रमुख है. वहीं सरकार का फोकस तकरीबन सभी प्रमुख सेक्टर में मेक इन इंडिया पर रहा. परफॉर्मेंस लिंक्ड स्कीम (PLI), फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, रूरल इनकम बढ़ाने, एग्री सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर सरकार का फोकस रहा है. वहीं सरकार ने कुछ फाइनेंशियल रिफॉर्म भी किए हैं. एक और बात की इन 10 सालों में मोदी की देश में लोकप्रियता के चलते राजनीतिक स्थिरता के भी संकेत बाजार को समय समय पर मिलते रहे जो पॉजिटिव है. ओवरआल ब्रॉन्ड मोदी का शेयर बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
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राजनीतिक स्थिरता के संकेत
भारत में अब आम चुनाव में 3 महीने भी नहीं बचे हैं. अप्रैल/मई 2024 में देश आम चुनावों के लिए तैयार है. देश में होने वाले इस लोकसभा इलेक्शन (General Election 2024) पर शेयर बाजार की भी नजरें बनी हुई हैं. क्योंकि इसका बाजार के शॉर्ट टर्म मूवमेंट पर महत्वपूर्ण असर पड़ने वाला है. हालांकि 2 अलग अलग चैनलों पर आम चुनाव के पहले दिखाए गए चुनावी सर्वे में राजनीतिक स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं. इन सर्वे में मोदी 3.0 के संकेत (Narendra Modi 3.0) मिल रहे हैं. बता दें कि दिसंबर 2023 में हुए राज्य चुनावों में, बीजेपी ने 4 में से 3 राज्यों में जीत हासिल की थी.
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि दिसंबर 2023 में राज्य चुनावों के पहले नतीजों को लेकर बाजार को चिंता थी. उसी तरह से 2024 में लोकसभा चुनावों से संभावित असर को लेकर निवेशकों में कनफ्यूजन हो सकता है. आम चुनाव से ठीक पहले बड़े राज्यों में होने वाले चुनावों को लोकसभा के लिए सेमीफाइनल के रूप में देखा जाता है. दिसंबर 2023 में 4 में से 3 राज्यों में बीजेपी की कंफर्ट जीत ने बाजार की इस घबराहट को शांत किया था. बीजेपी की एक ऐसी पार्टी के रूप में साख मजबूत हुई जिसे लेकर किसी तरह की सत्ता विरोधी लहर नहीं दिख रही है.