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Festive season stock picks : प्रमुख कंज्यूमर कंपनियों ने प्राइस कट लागू करना और ग्राहकों को सूचित करना शुरू कर दिया है. (Freepik)
Festive season stock picks 2025 : घटे हुए जीएसटी रेट के साथ फेस्टिव सीजन की शुरूआत हुई है. दाम घटने के बाद फेस्टिव सीज में कंज्यूमर कंपनियों को जमकर डिमांड मिलने की उम्मीद है. जिसके चलते कुछ कंज्यूमर स्टॉक आगे आउटपरफॉम कर सकते हैं. ऐसे में आपके पास भी मजबूत फंडामेंटल वाले कुछ कंज्यूमर स्टॉक के साथ अपना पोर्टफोलियो मजबूत करने का मौका है. ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधार ने जीएसटी रिफॉर्म और फेस्टिव सीजन के आधार पर कुछ पसंदीदा स्टॉक चुने हैं.
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ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि GST लागू होने क बाद FY18/19 के दौरान और नवंबर 2017 में कटौती के बाद वॉल्यूम ग्रोथ के ट्रेंड का विश्लेषण किया तो डेटा में बेस क्वार्टर में नोटबंदी के कारण कुछ उतार-चढ़ाव दिखाई दिया. लेकिन यह भी दिखा कि ब्रिटानिया (Britannia), एचयूएल (HUL), नेस्ले (Nestle) जैसी कंपनियों में वॉल्यूम ग्रोथ तेज हुई, जो अगले 3-5 तिमाही तक हाई सिंगल डिजिट से लेकर लो डबल डिजिट तक रही.
बड़ी कंपनियों का बढ़ सकता है मार्केट शेयर
ब्रोकरेज का मानना है कि इन कंपनियों ने अपने GTM (गो टु मार्केट) गतिविधियों और मजबूत सप्लाई चेन के कारण मार्केट शेयर बढ़ाया, साथ ही कीमतों में कटौती का भी फायदा मिला. हिस्ट्री फिर रीपीट हो सकती है, क्योंकि GST कटौती अब और फायदा देगी, साथ ही इनकम टैक्स कट, ब्याज दरों में कमी, घट रही महंगाई और सामान्य मानसून से भी लाभ मिलेगा.
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ब्रोकरेज के हाल के चैनल सर्वे से पता चला है कि जुलाई और अगस्त में डिमांड स्टेबल रही. लेकिन सितंबर में अस्थायी रूप से धीमापन देखा गया, मुख्य रूप से ज्यादा बारिश और GST रेट कट के कारण खरीद को टालने की वजह से. डीलर्स उम्मीद कर रहे हैं कि वॉल्यूम में मजबूत रिकवरी होगी क्योंकि GST कट के चलते कुछ प्रोडक्ट्स की कीमत में 10 से 14% और कुछ की 6 से 7% की कमी हुई है. ध्यान देने वाली बात है कि कंपनियां पुराने स्टॉक पर एक बार का P एंड L इफेक्ट सह सकती हैं, जिससे 2Q26 के रिपोर्टेड नंबर्स प्रभावित हो सकते हैं.
MT ने फायदा ग्राहकों तक पहुंचाया
नए GST रेट की घोषणा के बाद कई FMCG कंपनियों ने डीलर्स के साथ मिलकर पुराने स्टॉक पर डिस्काउंट दिया ताकि स्टॉक जल्दी साफ हो सके, जबकि सरकार ने 31 दिसंबर तक का समय दिया है. HUL, गोदरेज कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड, ITC, Britannia जैसी बड़ी कंपनियों के सिस्टम में स्टॉक कम हैं, जिससे उन्हें जल्दी संभालने में मदद मिलेगी. कुछ अन्य कंपनियों के पास 30-45 दिन का स्टॉक है, जिसे साफ होने में समय लगेगा. चूंकि जनरल ट्रेड (GT) देशभर में कुल सेल्स का 75% है, इसलिए पूरा फायदा ग्राहकों तक आने में समय लगेगा.
सप्लाई चेन और GTM (गो टु मार्केट) की दक्षता तय करेगी कि मार्केट शेयर और निकट भविष्य की वॉल्यूम ट्रेंड कैसी होगी. हमने देखा है कि जिन बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन मजबूत होती है, वे अक्सर छोटी कंपनियों से मार्केट शेयर हासिल कर लेती हैं, क्योंकि छोटी कंपनियों में प्रोसेस की कमियां और तुरंत नुकसान उठाने की हिचक होती है.
ऑर्गेनाइज्ड कंपनियों को फायदा
2017-18 में GST कटौती और कोविड के समय भी ऑर्गेनाइज्ड कंपनियों ने शेयर बढ़ाया था. उम्मीद है कि इस बार भी इसी तरह का असर होगा, जो बड़ी और संगठित कंपनियों के फायदे में काम करेगा. मॉडर्न ट्रेड और ई-कॉमर्स चैनल्स ने ग्राहकों तक डिस्काउंट देना शुरू कर दिया है. सर्वे से पता चला है कि जनरल ट्रेड में थोड़ी सुस्ती है. वहां के डीलर्स डिस्काउंट देने में हिचक रहे हैं, जब तक कि यह प्रिंटेड प्राइस में नहीं दिखता.
प्राइस कट लागू
ट्रेड स्टॉकिंग में थोड़ी धीमी अवधि रही, सिवाय उन क्षेत्रों के जहां दुर्गा पूजा / नवरात्रि के लिए खरीदारी जारी रही. रिटेलर्स की शेल्फ पर कम स्टॉक दिख रहा है, खासकर जनरल ट्रेड में. स्टोर विजिट से पता चला कि मॉडर्न ट्रेड में स्टॉक सामान्य स्तर पर है, जिससे जल्दी अपनाने में फायदा मिलेगा.
प्रमुख कंज्यूमर कंपनियों ने प्राइस कट लागू करना और ग्राहकों को सूचित करना शुरू कर दिया है. प्रॉक्टर एंड गैंबल, कोलगेट, HUL और ब्रिटानिया ने उन कैटेगरी में जहां GST 18% से घटकर 5% हो गया है, पहले ही 10 से 14% प्राइस कट लागू किया है. वहीं जहं GST 12% से घटकर 5% हुआ है, उन कैटेगरीज में करीब 6-7% प्राइस कट किया है.
ब्रोकरेज किन शेयरों पर पॉजिटिव
Britannia
ITC
HUL
Nestle
Jubilant FoodWorks
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)