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HDB Financial IPO : कंपनी भविष्य में अच्छी ग्रोथ दर्ज करने के लिए मजबूत स्थिति में है और एसेट क्वालिटी में सुधार देख रही है. (Image : Freepik)
HDB Financial Services IPO: एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज का आईपीओ आज 25 जून 2025 को खुल गया है और इसे 27 जून तक सब्सक्राइब किया जा सकता है. 12,500 करोड़ रुपये का यह मेगा इश्यू इस साल आने वाला अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू है.
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 700 से 740 रुपये प्रति शेयर तय किया है. शेयर अलॉटमेंट की संभावित तारीख 30 जून है, जबकि लिस्टिंग BSE और NSE दोनों एक्सचेंजों पर 2 जुलाई को होने की संभावना है. तो क्या इस आईपीओ में आपको दांव लगाना चाहिए. जानते हें ब्रोकरेज की क्या सलाह है.
इस आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू शामिल है और बाकी 10,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल है, जो HDFC बैंक द्वारा किया जा रहा है. फिलहाल HDFC बैंक की HDB फाइनेंशियल में हिस्सेदारी 94.6% है और यह OFS बैंक की कैपिटल ऑप्टिमाइजेशन रणनीति का हिस्सा है.
एसबीआई सिक्योरिटी : सब्सक्राइब
एसबीआई सिक्योरिटी ने आईपीओ सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज के अनुसार कंपनी की वैल्यू FY25 के लिए P/B रेश्यो के आधार पर 3.2x (निचले प्राइस बैंड पर) और 3.4x (अपर प्राइस बैंड पर) आंका गया है. कंपनी को एक मजबूत पैरेंटेज, ब्रांड, अच्छे संचालन, रिस्क मैनेजमेंट, और हाई क्रेडिट रेटिंग का समर्थन प्राप्त है. यह दूसरे सबसे बड़े ग्राहक नेटवर्क को सेवा देने वाली सबसे बड़ी NBFCs में से एक है. कंपनी भविष्य में अच्छी ग्रोथ दर्ज करने के लिए मजबूत स्थिति में है और एसेट क्वालिटी में सुधार देख रही है. निवेशकों को कट-ऑफ प्राइस पर इस इश्यू को सब्सक्राइब करने की सलाह है.
हालांकि एसबीआई सिक्योरिटीज ने कुछ रिस्क फैक्टर भी गिनाए हैं:
पैरेंट कंपनी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) द्वारा आगे हिस्सेदारी बेचने से शेयर की कीमत पर दबाव पड़ सकता है.
एसेट क्वालिटी से जुड़ा रिस्क
अनसिक्योर्ड लोन से जुड़ा रिस्क
लिक्विडिटी रिस्क
रेगुलेटरी रिस्क
च्वॉइस ब्रोकिंग : लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब
ब्रोकरेज हाउस च्वॉइस ब्रोकिंग ने आईपीओ में लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज के अनुसार HFSL भारत में कुल ग्रॉस लोन के साइज के मामले में सातवीं सबसे बड़ी और डाइवर्सिफाइड NBFC है. इसे आरबीआई द्वारा अपर लेयर एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. कंपनी तीन व्यवसायिक क्षेत्रों के माध्यम से लोन देती है : एंटरप्राइज लेंडिंग (39.3%), एसेट लेंडिंग (38%), और कंज्यूमर फाइनेंस (22.7%). कंपनी के लोन बुक में 73% सिक्योर्ड और 27% अनसिक्योर्ड लोन शामिल हैं. FY25 के लिए GNPA 2.3% और NNPA 1% है.
अपर प्राइस बैंड पर, इश्यू का वैल्युएशन P/BV 3.4x पर किया गया है, जो एवरेज लेवल पर है और इसे फफली प्राइस्ड दिखाता है. कंपनी अपने मजबूत ब्रांड और बढ़ते ग्राहक आधार के कारण लंबी अवधि में मजबूत ग्रोथ के लिए अच्छी स्थिति में है, लेकिन निकट भविष्य में संचालन की चुनौतियां हैं.
अरिहंत कैपिटल : लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब
ब्रोकरेज हाउस अरिहंत कैपिटल ने आईपीओ में लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर क्रेडिट विस्तार के अवसर का लाभ उठाने के लिए रणनीतिक रूप से अच्छी स्थिति में है. अनुमान है कि FY28 तक सिस्टम क्रेडिट 13-15% CAGR की दर से बढ़कर 297 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच जाएगा. कंपनी का डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच (95% डिजिटल ऑनबोर्डिंग) भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति (50% CAGR ग्रोथ) के साथ पूरी तरह मेल खाता है.
इसकी मल्टी-साइकिल विशेषज्ञता इसे तेजी से बढ़ते मिडल इंडिया सेगमेंट और ग्रामीण बाजार में विस्तार करने में सक्षम बनाती है, जहां केवल 9% बैंकिंग क्रेडिट पहुंचता है, जबकि यह GDP में 47% का योगदान देता है.
भारत में खुदरा क्रेडिट GDP का केवल 25% है, जो वैश्विक स्तर से काफी कम है, और केवल 12% भारतीय औपचारिक स्रोतों से उधार लेते हैं. इसके चलते, कंपनी विकास के इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है. कंपनी का ध्यान भारत के अंडरबैंक्ड सेगमेंट पर है, और इसका व्यापक ओम्नी-चैनल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क इसे भविष्य के बाजार के अवसरों को पकड़ने में मदद करता है.
ग्रे मार्केट में 10% प्रीमियम
आईपीओ के पहले दिन HDB फाइनेंशियल का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) घटकर 74 रुपये पर आ गया है, जो पहले 83 रुपये दिख रहा था. अगर इसे संकेत मानें, तो 740 रुपये के अपर प्राइस बैंड के हिसाब से इसके शेयर 814 रुपये पर लिस्ट हो सकते हैं. जो आईपीओ प्राइस 10 फीसदी ज्यादा है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस की ओर से दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. शेयर बाजार के साथ रिस्क जुड़ा होता है, इसलिए निवेश का फैसला करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)