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Tata Motors Stock : जेएलआर का रेवेन्यू घटने का अनुमान है. यह जियो-पॉलिटिकल समस्याओं और चीन में कमजोर मांग के कारण संभव है (Reuters)
Tata Motors Stock Price : ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने टाटा मोटर्स के शेयर घटाने की सलाह दी है. वहीं शेयर के लिए टारगेट प्राइस 670 रुपये बनाए रखा है जो करंट प्राइस से नीचे हैं. ब्रोकरेज का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 की तुलना में जेएलआर का रेवेन्यू घटने का अनुमान है. यह जियो-पॉलिटिकल समस्याओं और चीन में कमजोर मांग के कारण संभव है. ईबीआईटी मार्जिन की बात करें तो यह वित्त वर्ष 2025 में 8.5% से घटकर वित्त वर्ष 2026 में 5 से 7% रहने की संभावना है. कम मार्जिन और हायर वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के कारण, फ्री कैश फ्लो में वित्त वर्ष 2025 में GBP 1.5 बिलियन से लगभग शून्य तक गिरावट आ सकती है.
हालांकि निवेश योजनाओं की बात करें तो 5 साल में GBP 18 बिलियन के निवेश का लक्ष्य अपरिवर्तित है. आने वाले दिनों में नए लॉन्च में रेंज रोवर ईवी, फ्रीलैंडर ईवी (सीजेएलआर में) और जैगुआर ईवी आदि शामिल हैं. कंपनी का लागत बचत पर फोकस है. फिलहाल ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2025-27 के दौरान 3% की मॉडरेट कंसोलिडेटेड रेवेन्यू और EBITDA ग्रोथ (CAGR) का अनुमान लगाया है.
JLR : वित्त वर्ष 2026 में इन वजहों से रेवेन्यू में गिरावट संभव
मैनेजमेंट का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में GBP 29 बिलियन की तुलना में रेवेन्यू घटकर वित्त वर्ष 2026 में लगभग GBP 28 बिलियन हो सकता है. इसके पीछे कुछ प्रमुख वजह हैं:
जियो-पॉजिटिकल टेंशन
ऑटोमोबाइल निर्यात पर 10% टैरिफ लगने से प्रभाव
अमेरिका-यूरोप ट्रेड एग्रीमेंट अभी पेंडिंग
चीन में डिमांड में कमजोरी बनी रहने की संभावना है.
अमेरिकी डॉलर के पाउंड के मुकाबले कमजोर होने से वास्तविक रेवेन्यू पर असर पड़ सकता है, हालांकि निकट अवधि की हेजिंग से कुछ राहत मिल सकती है.
रेगुलेटरी चुनौतियां जैसे ADAS सिस्टम को अमेरिका और चीन के लिए अलग-अलग विकसित करना पड़ता है.
BEV (बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन) की सीमित डिमांड ग्रोथ और कस्टमर एसेप्टेंस में सुस्ती
डिमांड बढ़ाने पर फोकस
नई प्रोडक्ट रेंज, जैसे रेंज रोवर ईवी (डिलीवरी 2026 की शुरुआत में), फ्रीलैंडर ईवी (सीजेएलआर में 2026 में) और लो-वॉल्यूम हाई-वैल्यू जैगुआर ईवी, के माध्यम से डिमांड को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जा रहा है.
JLR : वित्त वर्ष 2026 में मार्जिन में गिरावट, FCF पर असर
मैनेजमेंट का अनुमान है कि EBIT मार्जिन वित्त वर्ष 2025 में 8.5% से घटकर वित्त वर्ष 2026 में 5-7% हो सकता है. मार्जिन पर इन वजहों से असर पड़ेगा:
अमेरिका द्वारा टैरिफ लागू करना
चीन की मांग में कमजोरी
सेल्स प्रमोशन और ब्रांड बिल्डिंग के लिए बढ़ते खर्च
कम मार्जिन और हायर वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के कारण FCF, वित्त वर्ष 2025 में GBP 1.5 बिलियन से घटकर वित्त वर्ष 2026 में लगभग शून्य हो सकता है.
लागत में कंट्रोल की स्ट्रैटेजी
सामग्री, उत्पादन, वारंटी और माल ढुलाई लागत में कटौती
संरचनात्मक लागतों में कमी और संचालन क्षमता पर जोर
डिजिटल इनोवेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
JLR और इंडिया CV प्रदर्शन में सुस्ती संभव
ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2025–27 के दौरान केवल 3% की रेवेन्यू ग्रोथ (CAGR) का अनुमान लगाया है. इसके पीछे ये कारण हैं:
जेएलआर में गिरावट (3% CAGR)
‘जैगुआर’ ICE मॉडलों का उत्पादन बंद होना
चीन क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी खोना
अमेरिका में टैरिफ लागू होना
भारत के सीवी (कमर्शियल व्हीकल) सेग्मेंट में सुस्त ग्रोथ (2% CAGR)
रेलवे से बढ़ती प्रतिस्पर्धा
पहले से ही हाई परफॉर्मेंस का आधार
मंदी का प्रभाव
सुस्त मांग और ब्रांड बिल्डिंग/सेल्स प्रमोशन पर बढ़ते खर्च के कारण EBITDA में भी सिर्फ 3% ग्रोथ (CAGR) का अनुमान है.
(Disclaimer: स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)