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Hindenburg Research Shut Down: अडानी ग्रुप पर आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च हुई बंद,फाउंडर नैथन एंडर्सन का एलान, खुली चिट्ठी में क्या बताई वजह?

Hindenburg Research Shut Down: अडानी ग्रुप और निकोला जैसी बड़ी कंपनियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाली हाई-प्रोफाइल शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद हो गई है.

Hindenburg Research Shut Down: अडानी ग्रुप और निकोला जैसी बड़ी कंपनियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाली हाई-प्रोफाइल शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद हो गई है.

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Viplav Rahi
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Hindenburg Research, Nate Anderson, Adani Group, Gautam Adani

Hindenburg Research Shut Down: हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नैथन एंडर्सन ने शॉर्ट-सेलिंग फर्म बंद करने का एलान किया है. (Photograph : FB)

Hindenburg Research Shut Down: अडानी ग्रुप और निकोला जैसी बड़ी कंपनियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाली हाई-प्रोफाइल शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद हो गई है. यह बड़ा एलान खुद फर्म के फाउंडर नैथन एंडर्सन ने किया है. एंडर्सन ने फर्म को बंद करने का फैसला क्यों किया और अब वे आगे क्या करने वाले हैं, इन सवालों के जवाब उन्होंने ईमेल के जरिये लिखी एक खुली चिट्ठी में दिए हैं. उन्होंने यह दावा भी किया है कि फर्म को बंद करने का फैसला लंबे समय से उनकी योजना का हिस्सा था, जिसके बारे में कुछ करीबी लोगों को पता था.  

अडानी ग्रुप पर लगाए थे गंभीर आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च की सबसे चर्चित रिपोर्ट 2023 में अडानी ग्रुप पर थी. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर ऑफशोर टैक्स हेवन का दुरुपयोग करने और शेयरों में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए गए थे. इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में 100 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई थी. हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया और भारत में हुई जांच में भी ग्रुप के खिलाफ किसी बड़े आरोप में मामला आगे नहीं बढ़ा.

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निकोला मोटर्स के खिलाफ चर्चित रही रिपोर्ट

2020 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने इलेक्ट्रिक ट्रक निर्माता निकोला पर भी गंभीर आरोप लगाए थे. फर्म ने दावा किया था कि निकोला ने अपने उत्पादों की क्षमताओं को लेकर निवेशकों को गुमराह किया. एक प्रमोशनल वीडियो जिसमें निकोला का ट्रक चलते हुए दिखाया गया था, वास्तव में एक ढलान से लुढ़काया गया था. इस खुलासे के बाद निकोला के फाउंडर ट्रेवर मिल्टन को 2022 में धोखाधड़ी के आरोप में दोषी ठहराया गया.

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हिंडनबर्ग रिसर्च के दावे और बिजनेस

2017 में शुरू हुई शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च का घोषित उद्देश्य कंपनियों में वित्तीय गड़बड़ियों, धोखाधड़ी और कुप्रबंधन की जांच करना था. फर्म ने कई कंपनियों की जांच की और उनके खिलाफ रिपोर्ट जारी की, जिससे उन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई. एंडर्सन का दावा रहा है कि उनकी टीम ने हमेशा महीनों तक गहराई से रिसर्च करने के बाद ही अपनी रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं, जिनसे कई बार बड़ी-बड़ी कंपनियों की नींव हिल गई. शॉर्ट सेलर होने के कारण इन कंपनियों के शेयरों में आने वाली भारी गिरावट से हिंडनबर्ग को भारी मुनाफा भी होता रहा है.

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शॉर्ट-सेलिंग मॉडल पर संकट?

हिंडनबर्ग रिसर्च की बंदी का एलान ऐसे समय में हुआ है जब शॉर्ट-सेलिंग के कारोबार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. 2023 में मशहूर शॉर्ट-सेलर जिम चैनोस ने भी अपनी फर्म को बंद कर दिया था. एंडर्सन ने भी अपने बयान में शॉर्ट-सेलिंग से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र किया है. नैथन एंडर्सन ने इस फैसले का एलान करते हुए एक ओपन लेटर भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है, "हमने उन साम्राज्यों को हिलाया जिन्हें हिलाना जरूरी था. यह यात्रा चुनौतीपूर्ण लेकिन संतोषजनक भी. अब समय आ गया है कि मैं अपने व्यक्तिगत जीवन पर ध्यान दूं."

अगले 6 महीने में क्या करेंगे एंडर्सन

एंडर्सन ने संकेत दिया है कि वह आने वाले 6 महीनों में अपनी रिसर्च प्रॉसेस को सार्वजनिक करने की योजना बना रहे हैं. वह वीडियो और सामग्री के माध्यम से अपनी इनवेस्टिगेटिव प्रॉसेस के बारे में लोगों को बताएंगे ताकि दूसरे लोग भी इस क्षेत्र में काम कर सकें.

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एंडर्सन ने खुली चिट्ठी में क्या लिखा है?

अपनी खुली चिट्ठी में एंडर्सन ने लिखा है, “तो अब इसे बंद करने का फैसला क्यों? इसके पीछे कोई खास वजह नहीं है—न तो कोई बड़ा खतरा है, न कोई स्वास्थ्य समस्या और न ही कोई बड़ी व्यक्तिगत परेशानी. किसी ने मुझसे एक बार कहा था कि एक मुकम्मल करियर एक समय के बाद खुदगर्ज़ी बन जाता है. शुरुआत में मुझे खुद को कुछ साबित करना था. अब जाकर मुझे खुद के साथ सुकून मिला है, शायद अपनी जिंदगी में पहली बार. शायद मैं यह सुकून पहले भी पा सकता था अगर खुद को इसकी इजाजत देता, लेकिन पहले मुझे खुद को कुछ मुश्किलों से गुजारना जरूरी था. इस जुनून और फोकस की वजह से मैं अपनी जिंदगी के बाकी हिस्सों और अपनों से दूर रह गया. अब मैं हिन्डेनबर्ग को अपनी जिंदगी का एक चैप्टर मानता हूं, न कि अपनी पहचान का मुख्य हिस्सा. मेरी खुद की राहत की चाहत के अलावा, ये भी खुदगर्ज़ी लगती है कि हमने जो ज्ञान (knowledge) इकट्ठा किया है, वो हमारी छोटी सी टीम तक ही सीमित रहे. मेरे पास अब काफी कुछ है. पिछले कुछ सालों में हमें हजारों संदेश मिले हैं, जिनमें लोगों ने पूछा कि हम अपना काम कैसे करते हैं या क्या वे हमारी टीम का हिस्सा बन सकते हैं. मैंने ये सारे संदेश पढ़े हैं और लंबे समय से सोच रहा हूं कि ऐसा जवाब कैसे दूं जो सभी तक पहुंचे. इसलिए अगले 6 महीनों में मैं एक सीरीज के तहत कुछ मैटेरियल और वीडियो तैयार करूंगा, जिसमें हमारे मॉडल और इन्वेस्टिगेशन प्रोसेस के हर पहलू को ओपन-सोर्स किया जाएगा.”

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