scorecardresearch

GDP Data Impact : सोमवार को कैसी रहेगी बाजार की चाल, 2 साल की सबसे कमजोर ग्रोथ रेट का क्या होगा असर?

Stock Market Outlook after GDP Data: सोमवार को शेयर बाजार का रुझान कैसा रहेगा? सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी विकास दर 2 साल के सबसे निचले स्तर पर चले जाने का मार्केट सेंटिमेंट पर कितना असर पड़ेगा?

Stock Market Outlook after GDP Data: सोमवार को शेयर बाजार का रुझान कैसा रहेगा? सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी विकास दर 2 साल के सबसे निचले स्तर पर चले जाने का मार्केट सेंटिमेंट पर कितना असर पड़ेगा?

author-image
Viplav Rahi
New Update
PSBs profit growth, Public sector banks high returns, Top PSU bank stocks, Government bank investment picks, Banking sector performance India, Best PSU stocks 2025

Stock Market Outlook: शुक्रवार को आए GDP ग्रोथ रेट के कमजोर आंकड़ों का सोमवार को क्या असर दिखाई देगा? (Image : Pixabay)

Stock Market Outlook after Lower GDP Growth Rate: भारत की GDP विकास दर ने जुलाई-सितंबर तिमाही में सिर्फ 5.4% की वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले दो वर्षों में सबसे कमजोर है. यह गिरावट बाजार के लिए चिंता का विषय बन सकती है. हालांकि शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी में 1% की तेजी देखने को मिली, लेकिन सोमवार को बाजार की चाल पर इन कमजोर GDP आंकड़ों का असर पड़ सकता है, क्योंकि जीडीपी के ताजा आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद सामने आए हैं.

शुक्रवार की तेजी के बाद आए GDP के आंकड़े

शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 759 अंकों की तेजी के साथ 79,802.79 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 24,131.10 के स्तर पर रहा. इस उछाल में प्रमुख भूमिका ऑटो, फार्मा, और टेलीकॉम जैसे सेक्टर की रही. रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल जैसे शेयरों में खरीदारी ने बाजार को मजबूती दी. लेकिन यह तेजी जीडीपी ग्रोथ रेट के कमजोर आंकड़े जारी होने के पहले देखने को मिली है. ऐसे में सवाल यही है कि सोमवार को जब बाजार फिर से खुलेगा तो सेंटिमेंट कैसा होगा?

Advertisment

Also read : India GDP Growth: सितंबर तिमाही में सिर्फ 5.4% रही विकास दर, 2 साल में सबसे कमजोर जीडीपी ग्रोथ, क्या अब ब्याज दरें घटाएगा RBI?

GDP ग्रोथ रेट में गिरावट का असर

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि GDP के कमजोर आंकड़ों के कारण निवेशकों के सेंटिमेट्स पर निगेटिव असर पड़ सकता है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है, “GDP में गिरावट और कमजोर कॉर्पोरेट आय के बावजूद, बाजार ने इस डेटा को पहले ही डिस्काउंट कर लिया था. हालांकि, आने वाले हफ्तों में यह कमजोरी बाजार पर दबाव बना सकती है.”

सितंबर तिमाही की 5.4% की GDP ग्रोथ रेट, पिछली तिमाही की 6.7% की विकास दर से काफी कमजोर है. लिहाजा बाजार की धारणा कमजोर हो सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों का ध्यान अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी पर रहेगा. सोसाइटी जनरल के अर्थशास्त्री कुणाल कुंडू ने कहा, “अगर मुद्रास्फीति में कमी के संकेत मिलते हैं, तो फरवरी 2025 में ब्याज दर में कटौती संभव है. लेकिन दिसंबर की नीति में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है.”

Also read : Debt Mutual Funds: लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स ने पिछले 1 साल में दिया सबसे ज्यादा रिटर्न, क्या इनमें करना चाहिए निवेश?

अंतरराष्ट्रीय फैक्टर्स की फिक्र

अंतरराष्ट्रीय बाजारों से भी भारत के बाजार प्रभावित हो सकते हैं. चीन के मैन्युफैक्चरिंग PMI डेटा और यूरोप एवं अमेरिका की मुद्रास्फीति दर पर भी निवेशकों की नजर होगी. कैपिटल इकोनॉमिक्स के सहायक अर्थशास्त्री हैरी चेम्बर्स का कहना है, “दुनिया भर में अनिश्चितता के बीच घरेलू आर्थिक डेटा पर भी निवेशकों का फोकस रहेगा. GDP ग्रोथ में गिरावट और ऊंची ब्याज दरों की दोहरी मार के कारण कंज्यूमर एक्सपेंडीचर में गिरावट जारी रह सकती है.”

Also read : Money Multiplier SIP: इन सभी म्यूचुअल फंड एसआईपी ने 5 साल में डबल किए पैसे, बोनस में मिली टैक्स सेविंग

सोमवार को बाजार की संभावित चाल

कमजोर GDP डेटा से सोमवार को बाजार दबाव में रह सकता है. हालांकि, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर से बाजार को समर्थन मिल सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधियों और घरेलू संकेतकों पर बाजार की दिशा निर्भर करेगी. एचडीएफसी बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, “GDP डेटा से बाजार की चाल अस्थिर हो सकती है. लेकिन त्योहारी सीजन और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी से दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है.”

Also read : NFO News : कोटक म्यूचुअल फंड के दो नए इंडेक्स फंड लॉन्च, इन एनएफओ में क्या है खास, क्या आपके लिए सही है ये ऑप्शन?

आने वाले इन आंकड़ों पर रहेगी नजर

बाजार की स्थिरता के लिए आगामी आर्थिक आंकड़े महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग के PMI डेटा, ऑटो बिक्री के आंकड़े और कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें भी निवेशकों के फैसलों को प्रभावित करेंगी. डीबीएस बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव का मानना है कि “यह तिमाही आर्थिक मंदी का सबसे निचला प्वाइंट हो सकती है. सरकारी खर्च और मजबूत खरीफ फसल से बाजार को आगे सहारा मिलेगा.” ऐसे में सोमवार को बाजार की चाल में अस्थिरता नजर आने के पूरे आसार हो सकते हैं. 

GDP of India Share market Market Gdp Growth Indian Stock Market Gdp