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IndusInd Bank Q4 Results : इंडसइंड बैंक के चौथी तिमाही के नतीजे बेहद निराशानजक रहे रहे हैं. (File Photo : Reuters)
IndusInd Bank Q4 Results : इंडसइंड बैंक की चौथी तिमाही के नतीजे निवेशकों और ग्राहकों दोनों के लिए चिंता का कारण बन गए हैं. वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ है, जबकि पूरे साल (FY25) का मुनाफा 71% गिर गया है. यह घाटा मुख्य रूप से अकाउंटिंग गड़बड़ियों, माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में धोखाधड़ी और ज्यादा प्रावधान (provisioning) की वजह से हुआ है.
तिमाही घाटे की बड़ी वजहें
मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में इंडसइंड बैंक को कुल 2,328.9 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. इसकी प्रमुख वजह रही बैंक द्वारा किए गए भारी प्रावधान, जो कि 2,522 करोड़ रुपये तक पहुंच गए. पिछले साल इसी तिमाही में यह आंकड़ा 950 करोड़ रुपये था. इसके अलावा, बैंक की ब्याज से होने वाली आय भी 13% गिरकर 10,634 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 12,199 करोड़ रुपये थी.
पूरे साल की तस्वीर: मुनाफा 71% गिरा
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के दौरान बैंक का कुल नेट प्रॉफिट 71% घटकर केवल 2,576 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल यह 8,977 करोड़ रुपये था. इस दौरान कुल प्रावधान भी बढ़कर 7,136 करोड़ रुपये हो गया, जो FY24 में 3,885 करोड़ रुपये था. इससे बैंक की वित्तीय स्थिति पर साफ असर देखा गया.
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अकाउंटिंग में गड़बड़ियों का मामला
मार्च 2025 में बैंक ने स्वीकार किया कि उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग की गलतियां हुई हैं, जिसका बैंक की नेटवर्थ पर 2.35% तक का असर पड़ा है. इसके बाद PwC जैसी एक्सटर्नल एजेंसी को इन गड़बड़ियों की जांच सौंपी गई. रिपोर्ट के अनुसार, जून 2024 तक इन गड़बड़ियों से बैंक पर कुल 1,979 करोड़ रुपये का नेगेटिव असर पड़ा.
इसके अलावा, बैंक की इंटरनल ऑडिट टीम ने बैलेंस शीट में “अनसाबित बैलेंस” के तौर पर 595 करोड़ रुपये के गड़बड़ आंकड़े पकड़े हैं. साथ ही माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में भी लगभग 674 करोड़ रुपये का ब्याज तीन तिमाहियों में गलत तरीके से रिकॉर्ड किया गया था.
टॉप मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव
इन गड़बड़ियों के सामने आने के बाद 29 अप्रैल को बैंक के CEO सुमंत कथपालिया और डिप्टी CEO अरुण खुराना ने इस्तीफा दे दिया. फिलहाल बैंक ने संचालन के लिए एक एग्जीक्यूटिव कमेटी नियुक्त की है, जो अधिकतम तीन महीने तक या नए MD और CEO की नियुक्ति होने तक काम करेगी.
निवेशकों को झटका
निवेशकों की चिंता ये है कि क्या बैंक इन गड़बड़ियों से जल्द उभर पाएगा. इंडसइंड बैंक के चौथी तिमाही के नतीजे यह दर्शाते हैं कि आंतरिक पारदर्शिता और प्रबंधन की जवाबदेही कितनी जरूरी होती है. अकाउंटिंग लैप्स और गलत रिपोर्टिंग जैसे मामले न केवल बैंक की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि निवेशकों और ग्राहकों का भरोसा भी हिला देते हैं. अब देखना होगा कि बैंक किस तरह इन समस्याओं से निपटता है और भविष्य में पारदर्शिता बहाल करता है. बीएसई पर इंडसइंड बैंक का शेयर बुधवार को 1.39% गिरकर 771.10 रुपये पर बंद हुआ.