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Energy Stocks : एनर्जी थीम वाले स्टॉक ने पिछले 1, 3, 5, 7 और 10 सालों में निफ्टी 500 टीआरआई से बेहतर रिटर्न दिया है. (Pixabay)
Energy Sector Investment : भारत को विकसित भारत की ओर बढ़ाने में एनर्जी सेक्टर में आने वाला बड़ा परिवर्तन एक महत्वपूर्ण फैक्टर रहा है. जैसे-जैसे अर्थव्यवस्थाएं विकसित हो रही हैं और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बढ़ रहा है, एनर्जी की खपत भी बढ़ रही है. ऐसे में सरकारोंं का फोकस भी सेक्टर पर बढ़ा है. भारत में एनर्जी सेक्टर को लेकर सरकार द्वारा लगातार रिफॉर्म किए जा रहे हैं, रियायतें दी जा रही हैं. इससे सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों के लिए जहां ग्रोथ के मौके बढ़े हैं, वहीं निवेशकों के पास इस ग्रोथ से लाभ लेने का अवसर है. ये सेक्टर अभी निवेश के लिए क्यों एक आकर्षक है, इस बारे में बड़ौदा बीएनपी पारिबा एसेट मैनेजमेंट इंडिया के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर इक्विटी, संजय चावला ने विस्तार से जानकारी दी है.
एनर्जी सेक्टर में सरकारी पहल
पिछले 10 साल में, सरकार ने एनर्जी सेक्टर में कई सुधार किए हैं. इनमें एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन के लिए लाभकारी प्राइसिंग, गैस प्राइसिंग में सुधार, विंडफाल टैक्स, स्ट्रैटेजिक कैपिट एलोकेशन, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) के लिए समर्थन, ऑयल और रिफाइनिंग मार्जिन में स्थिरता, यूनिफाइड गैस ट्रांसपार्टेशन टैरिफ और गैस इंफ्रास्ट्रक्चर में किए जाने वाले निवेश में बढ़ोतरी शामिल हैं. इन सभी उपायों ने निवेशकों के लिए एनर्जी सेक्टर को एक आकर्षक सेक्टर बनाने में योगदान दिया है.
एनर्जी कंपनियों के लिए भी बेहतर मौके
भारतीय एनर्जी सेक्टर में हो रहा बदलाव एनर्जी वैल्यू चेन में शामिल कंपनियों के लिए कई दशकों का व्यावसायिक अवसर पैदा कर रहा है. 2031-32 तक स्थापित क्षमता को वर्तमान 448 गीगा वाट (GW) से दोगुना करके 900 (GW) करने के लिए भारी निवेश किया जा रहा है, जिसके भीतर रिन्यूएबल एनर्जी का कुल हिस्सा 42 फीसदी से बढ़कर करीब 66 फीसदी हो जाएगा. ग्रीन ट्रांजिशन की दिशा में आगे बढ़ते हुए, सोलर कैपेसिटी (सौर क्षमता) 2024 में 87 GW से 4 गुना बढ़कर 2031-32 में 365 GW हो जाएगी. इसी तरह विंड एनर्जी (पवन ऊर्जा) के लिए स्थापित क्षमता 47 GW से ढाई गुना बढ़कर 122 GW हो जाएगी.
(सोर्स : भारत सरकार - प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी - पीएलआई, सेंटर ऑन ग्लोबल एनर्जी पॉलिसी - कोलंबिया विश्वविद्यालय, एनईपी - नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान, इनविटिबल पॉलिसी रिस्पांस 5 अगस्त 2024 तक के आंकड़े)
केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई रियायतें
A) हाई कैपेसिटी वाले सोलर पीवी मॉड्यूल के मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए 2.85 बिलियन अमेरीकी डॉलर की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना.
B) एडवांस केमिकल सेल बैटरी स्टोरेज पर पीएलआई और चार गीगावाट घंटे की क्षमता वाले बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के लिए 460 मिलियन अमेरीकी डॉलर तक की वायबिलिटी गैप फंडिंग.
C) इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन के लिए पीएलआई और अन्य प्रोत्साहन, उम्मीद है कि इससे 100 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश आकर्षित होगा.
ये मेगाट्रेंड्स और सरकारी प्रोत्साहन, तेल, गैस और कोयला निकालने, उत्पादन, ट्रांसमिशन, मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन, उपकरण और टेक्नोलॉजी सप्लायर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स में लगी अलग अलग तरह की कंपनियों के लिए निवेश अवसर प्रदान करते हैं.
आकर्षक वैल्युएशन पर हैं एनर्जी थीम स्टॉक्स
एनर्जी वैल्यू चेन में अलग अलग सब सेग्मेंट में बिजनेस के इन भारी अवसरों ने इस उभरती स्ट्रक्चरल ग्रोथ स्टोरी में भाग लेने की इच्छा रखने वाले निवेशकों के लिए कई विकल्प पैदा किए हैं. इन एनर्जी थीम वाले स्टॉक ने पिछले 1, 3, 5, 7 और 10 सालों में निफ्टी 500 टीआरआई से बेहतर रिटर्न दिया है. बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड के एक रिसर्च से पता चलता है कि लगातार बेहतर प्रदर्शन के बावजूद, निफ्टी एनर्जी टीआरआई औसत निफ्टी 500 टीआरआई स्टॉक की तुलना में बहुत लो प्राइस टू बुक और प्राइस टू अर्निंग रेश्यो पर ट्रेड कर रहा है.
इससे पता चलता है कि ये स्टॉक निवेश के लिए अपेक्षाकृत बेहतर वैल्यू और हाई सेफ्टी मार्जिन प्रदान करते हैं. खासकर जब कोई यह मानता है कि निफ्टी एनर्जी टीआरआई स्टॉक में उनके निफ्टी 500 औसत समकक्ष की तुलना में प्रति शेयर एक साल की अर्निंग ग्रोथ बहुत अधिक है. ऐसे में साल 2025 इस सेक्टर के आकर्षक निवेश अवसरों के साथ अपने निवेश पोर्टफोलियो को मजबूत और एक्टिव करने का समय हो सकता है.
आर्थिक गतिविधियों का आधार है एनर्जी
एनर्जी सभी आर्थिक गतिविधियों का आधार है, क्योंकि घरों, कमर्शियल उद्देश्य से बनाए गए परिसरों और इंडस्ट्री के संचालन के लिए इसकी जरूरत होती है. जैसे-जैसे लोगों की इनकम बढ़ती है, वे अधिक प्रोडक्ट और सर्विसेज खरीदते हैं और कंजम्पशन बढ़ता है. जिससे घरों, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल उद्देश्यों के लिए मांग बढ़ती है. इसलिए, एनर्जी का प्रोडक्शन और कंजम्पशन न सिर्फ आर्थिक विकास का संकेत देता है, बल्कि इस आर्थिक विकास को ताकत भी प्रदान करता है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें)