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Budget 2025 : बाजार के लिए बजट एक निर्णायक पल होगा, जो गवर्नमेंट कैपेक्स में सुधार और कंजम्पशन को बढ़ावा देने के उपायों पर ध्यान आकर्षित करेगा. Pixabay)
Stock Market Investment Strategy : भले ही कैलेंडर 2024 से बदलकर 2025 हो गया हो, लेकिन इंडियन इक्विटी के लिए अंडरलाइंग बैकड्रॉप में मोटे तौर पर कोई बदलाव नहीं हुआ है. CY23 और 9MCY24 में एक धमाकेदार रैली के बाद, भारतीय बाजार वर्तमान में कोर्स करेक्शन के एक इंटरिम फेज से गुजर रहे हैं, जिसमें निफ्टी-50 अपने पीक से 10% नीचे आ चुका है. बाजार में यह करेक्शन अर्निंग ग्रोथ में मंदी के साथ हुआ है, क्योंकि निफ्टी-50 ने 9MFY25E में सिर्फ 4 फीसदी PAT ग्रोथ (FY20-24 के दौरान 20%+ CAGR के बाद) ही हासिल की है.
इस मंदी का कारण कंजम्पशन (विशेष रूप से शहरी) में व्यापक मंदी, गवर्नमेंट कैपेक्स में कटौती, और बैंकों द्वारा अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन के प्रति अधिक सतर्क रुख अपनाना है, जिसके कारण क्रेडिट ग्रोथ रेट 16-17% से घटकर वर्तमान में 11-12% रह गई है. इसके अलावा, अर्बन कंज्यूमर्स बढ़ती कीमतों से परेशान हैं, हालांकि ग्रामीण कंजम्पशन में सुधार के संकेत दिख रहे हैं. जिसका श्रेय बेहतर मानसून को जाता है, जो लंबी अवधि के औसत से 8 फीसदी से अधिक रहा है. फिलहाल आगे बाजार के लिए कौन से फैक्टर अहम होंगे, अर्निंग सीजन कैसा रहेगा, कहां निवेश के मौके बनेंगे, इन बातों पर ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट जारी की है.
अर्निग सीजन का अनुमान
ब्रोकरेज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में निफ्टी-50 की अर्निंग में सालाना आधार पर 6% की ग्रोथ हो सकती है. मेटल और O&G को छोड़कर, अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में निफ्टी की अर्निंग में सालाना आधार पर 8% की ग्रोथ होगी. MOFSL यूनिवर्स के लिए EBITDA मार्जिन (एक्स फाइनेंशियल) सालाना आधार पर सपाट रहने की संभावना है, जो 17.1 फीसदी तक पहुंच जाएगा, जिसे मुख्य रूप से हेल्थकेयर और टेलीकॉम से मदद मिलेगी. लेकिन कमोडिटीज और सीमेंट सेक्टर द्वारा इसमें गिरावट आएगी. इस बीच, निफ्टी-50 के लिए मार्जिन में 30 आधार अंकों की ग्रोथ होकर 20.2% होने का अनुमान है. कुल मिलाकर मामूली अर्निंग ग्रोथ को मोटे तौर पर BFSI (+8% सालाना), साथ ही कैपिटल गुड्स (+26% सालाना), टेक्नोलॉजी (+9% सालाना), हेल्थकेयर (19% सालाना) और रियल एस्टेट (+58% सालाना) सेक्टरों द्वारा ड्राइव किए जाने का अनुमान है.
इसके विपरीत, ग्लोबल साइक्लिक फैक्टर्स, जैसे मेटल (-8% YoY), O&G (-4% YoY), और सीमेंट (-45% YoY) द्वारा अर्निंग ग्रोथ कमजोर होने की संभावना है. इस बीच, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (+31% YoY) और रिटेल (+30%) द्वारा मजबूत ग्रोथ देने का अनुमान है, जबकि ऑटो (+3% YoY) और कंज्यूमर (+1% YoY) द्वारा सपाट प्रदर्शन का अनुमान है. ब्रोकरेज ने अपने FY25E और FY26E निफ्टी EPS को 0.6% और 1.7% घटा दिया है. जबकि अनुमान है कि निफ्टी EPS FY25/FY26 में 4%/16% बढ़ेगा.
बजट और RBI पॉलिसी पर नजरें
आने वाले दिनों की बात करें तो केंद्रीय बजट एक निर्णायक क्षण साबित होने वाला है, जो गवर्नमेंट कैपेक्स में सुधार और कंजम्पशन को बढ़ावा देने के लिए त्वरित उपायों के संकेतों पर ध्यान आकर्षित करेगा. इसके अलावा, फरवरी 2025 में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी भी ब्याज दर के ट्रेंड को आकार देने में महत्वपूर्ण होगी. ब्रोकरेज का मानना है कि RBI आर्थिक मंदी के बारे में चिंताओं को कम करने के लिए एक मामूली रेट-कट साइकिल शुरू करेगा. इसके अलावा, बेहतर मानसून, खरीफ फसलों की बेहतर पैदावार और आशाजनक रबी बुवाई के साथ-साथ बढ़े हुए सरकारी खर्च के प्रत्याशित पॉजिटिव प्रभावों के कारण ग्रामीण आय और कंजम्पशन में सुधार की उम्मीद है.
वैश्विक स्तर पर, मार्केट को एज पर रखने वाला सबसे प्रमुख फैक्टर आने वाले ट्रम्प प्रशासन द्वारा किए गए संरक्षणवादी वादों का पालन करना होगा. बाजार अस्थिर बने रहेंगे क्योंकि उन्हें सरकारी बयानबाजी और कट्टरपंथी "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" पहल को लागू करने की चुनौतियों से निपटना होगा.
टॉप लार्जकैप आइडिया (Largecaps)
ICICI Bank
SBI
L&T
HCL Tech
M&M
Trent
Bharti Airtel
Titan Company
Sun Pharma
Dixon Tech.
टॉप मिडकैप्स और स्मॉलकैप्स आइडिया (Midcaps and Smallcaps)
Indian Hotels
Cummins India
BSE
Godrej Properties
Coforge
Metro Brands
IPCA Labs
Angel One
Anant Raj
JSW Infrastructure
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)