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Moody's Downgrades Tata Motors : मूडीज़ ने घटाई टाटा मोटर्स की रेटिंग, ये बताई बड़ी वजह

Moody's Downgrades Tata Motors : ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने सोमवार को टाटा मोटर्स के आउटलुक को पॉजिटिव से घटाकर निगेटिव कर दिया है. इसकी वजह है जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर हाल ही में हुआ साइबर अटैक.

Moody's Downgrades Tata Motors : ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने सोमवार को टाटा मोटर्स के आउटलुक को पॉजिटिव से घटाकर निगेटिव कर दिया है. इसकी वजह है जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर हाल ही में हुआ साइबर अटैक.

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FE Hindi Desk
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Moody’s downgrades Tata Motors : मूडीज ने टाटा मोटर्स की रेटिंग घटा दी है. (File Photo : Reuters)

Moody's Downgrades Tata Motors : मूडीज़ ने सोमवार को टाटा मोटर्स की रेटिंग पर बड़ा फैसला लिया है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने कंपनी के आउटलुक को पॉजिटिव से घटाकर निगेटिव कर दिया है. वजह बनी है ब्रिटेन में टाटा मोटर्स की सहयोगी लग्जरी कार यूनिट जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर हाल ही में हुआ साइबर अटैक. इस अटैक की वजह से कंपनी का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है. मूडीज ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है, जब टोटा मोटर्स में डीमर्जर के जरिये के पैसेंजर और कॉमर्शियल व्हीकल यूनिट्स को अलग-अलग कंपनी में बदलने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. 

साइबर अटैक से उत्पादन पर असर

जगुआर लैंड रोवर पिछले चार हफ्तों से साइबर हमले की मार झेल रहा है. इस हमले के चलते कंपनी की फैक्ट्रियों में गाड़ियों का उत्पादन पूरी तरह से रुका हुआ है और यह स्थिति कम से कम 1 अक्टूबर तक जारी रहेगी. मूडीज़ का कहना है कि भले ही इसके बाद उत्पादन शुरू हो जाए, लेकिन कामकाज सामान्य होने में कई महीनों का समय लग सकता है. यही चिंता एजेंसी की रेटिंग डाउनग्रेड का मुख्य कारण बनी.

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EBITDA और कैश फ्लो पर असर की आशंका

मूडीज़ का अनुमान है कि उत्पादन के ठप पड़ने से टाटा मोटर्स (Tata Motors) का कंसॉलिडेटेड EBITDA वित्त वर्ष 2025-26 में घटकर करीब 850 मिलियन डॉलर रह जाएगा, जबकि पहले इसका अनुमान लगभग 3 अरब डॉलर था. इसके अलावा कंपनी को ज्यादा वर्किंग कैपिटल की जरूरत होगी, जिससे इस साल ऑपरेशंस से कैश फ्लो भी निगेटिव हो सकता है. साइबर अटैक के बावजूद JLR को हर हफ्ते करीब 500 मिलियन पाउंड यानी 675 मिलियन डॉलर का कैश आउटफ्लो झेलना पड़ रहा है. इसमें सप्लायर पेमेंट और कर्मचारियों के वेतन जैसी जरूरी जिम्मेदारियां शामिल हैं.

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इन्वेंट्री से मिलेगी थोड़ी राहत

मूडीज़ ने यह भी कहा है कि JLR के पास लगभग 25,000 वाहनों का स्टॉक मौजूद है, जिनकी बिक्री से निकट भविष्य में कैश फ्लो पर दबाव कुछ कम हो सकता है. हालांकि, अगर उत्पादन लंबे समय तक रुका रहा या सामान्य स्तर पर लौटने में ज्यादा वक्त लगा, तो कमाई और कैश फ्लो पर असर और भी गंभीर हो सकता है.

डीमर्जर से बढ़ेगी JLR पर निर्भरता

मूडीज़ का कहना है कि 1 अक्टूबर 2025 से कंपनी का कमर्शियल व्हीकल बिजनेस अलग हो जाएगा. इसके बाद टाटा मोटर्स के कंसॉलिडेटेड EBITDA में JLR का कंट्रीब्यूशन 90% से ज्यादा हो जाएगा. ऐसे में दोनों की क्रेडिट प्रोफाइल काफी हद तक एक जैसी हो जाएगी और JLR पर आई कोई भी दिक्कत सीधे टाटा मोटर्स की वित्तीय स्थिति को प्रभावित करेगी.

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टाटा संस से सपोर्ट की उम्मीद

हालांकि, मूडीज़ ने टाटा मोटर्स के Ba1 कॉरपोरेट फैमिली रेटिंग को बरकरार रखा है. इसका कारण है लग्जरी कार सेगमेंट में कंपनी की ग्लोबल लेवल पर मौजूदगी, भारत में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में बढ़ता मार्केट शेयर और लगातार मजबूत हो रहा क्रेडिट प्रोफाइल. एजेंसी का यह भी मानना है कि जरूरत पड़ने पर पैरेंट कंपनी टाटा संस से सपोर्ट मिलेगा, जिससे रेटिंग को एक स्तर पर बढ़त मिलती है.

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क्या है आगे की राह

JLR ने बयान जारी कर कहा है कि आने वाले दिनों में उत्पादन आंशिक तौर पर फिर से शुरू किया जाएगा. मूडीज़ का कहना है कि निकट भविष्य में रेटिंग अपग्रेड की संभावना बेहद कम है. अगले 12 से 18 महीनों में अगर JLR की स्थिति सुधरती है और आउटलुक स्टेबल होता है, तो टाटा मोटर्स की स्थिति भी बेहतर हो सकती है.

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