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Motilal Oswal on AMC Stocks : बड़े संस्थान और फैमिली ऑफिस छोटी अवधि वाले निवेशों को प्राथमिकता दे रहे हैं. (AI Image)
Mutual Fund Stocks : म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में दिनों दिन आ रही मजबूती के चचले एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के स्टॉक भी फोकस में हैं. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) भी म्यूचुअल फंड सेक्टर को लेकर बुलिश है और ब्रोकरेज का मानना है कि इस स्पेस में आगे भी मजबूती जारी रहेगी. एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs), डिस्ट्रीब्यूटर, इंटरमीडियरी और वेल्थ मैनेजर्स में लगातार बढ़ते अवसर के चलते ये मजबूती बनी रहेगी.
टॉप पिक्स : ABSL AMC, CAMS, NUvama
बाजार और डिस्ट्रीब्यूशन का विस्तार
मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स के अनुसार म्यूचुअल फंड मार्केट अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है. टॉप 30 शहरों के बाहर डिस्ट्रीब्यूटरों का हिस्सा पिछले पांच साल में 47% से बढ़कर 56% हो गया है. ब्रांच-आधारित सर्विसिंग अब कठिन हो रही है, इसलिए डिजिटल ऑनबोर्डिंग, रिमोट ट्रेनिंग और सेंट्रलाइज्ड कॉल सेंटर अब छोटे और मीडियम शहरों (Tier-2/3/4) में डिस्ट्रीब्यूशन बढ़ाने के लिए जरूरी हो गए हैं.
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सुविधाजनक प्लेटफॉर्म, मार्केटिंग सपोर्ट, कमीशन को लेकर क्लेरिटी , डिस्ट्रीब्यूटर के लिए प्राथमिकताएं हैं. जो प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग और उचित कमीशन को एक साथ देते हैं, वे AMCs के लिए सबसे पसंदीदा पार्टनर बन रहे हैं. अन्य स्ट्रक्चरल फैक्टर जैसे GST क्रेडिट, इनकम टैक्स लाभ, और ऑप्शन मनी/गेमिंग सेक्टर की तरलता, मध्यम अवधि में B2B2C इकोसिस्टम को और मजबूत कर सकते हैं.
RBI रेट कट और डेट फंड पर असर
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार हाल ही में RBI की दरें कम होने के बावजूद डेट फंड में निवेश सुस्त है. कई रियायतें पहले ही मार्केट में शामिल हो चुके थे, और कट के बाद डेट फंड में आने वाले निवेशकों को ज्यादा लाभ नहीं मिला. फंड में लंबी अवधि के निवेश के लिए रुचि कम है, क्योंकि निवेशक यील्ड कर्व के फिर से चढ़ने और रुपये और सरकारी सिक्योरिटीज पर दबाव को लेकर चिंतित हैं.
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इसके अलावा, यील्ड कर्व के फिर से बढ़ने की संभावना और विदेशी निवेश के बाहर जाने से रुपये और सरकारी सिक्योरिटीज पर दबाव निवेशकों की लंबी अवधि वाले फंड में रुचि को कम कर रहा है. बड़े संस्थान और फैमिली ऑफिस छोटी अवधि वाले निवेशों को प्राथमिकता दे रहे हैं. कम जोखिम और रिटर्न में क्लेरिटी इसके पीछे कारण हैं. साथ ही कॉरपोरेट डिपॉजिट, बॉन्ड और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विकल्पों से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है. निवेशक लगभग 25 बेसिस प्वॉइंट का अतिरिक्त खर्च डेट फंड में नहीं उठाना चाहते.
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B2B2C डिस्ट्रीब्यूशन चैनल का महत्व
मोतीलाल ओसवाल ने B2B2C (बिजनेस-टु-बिजनेस-टु-कंज्यूमर) डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल को म्यूचुअल फंड ग्रोथ के लिए एक मुख्य स्ट्रक्चरल ड्राइवर बताया है. नए डिस्ट्रीब्यूटर युवा और टेक्नोलॉजी समझने वाले हैं और सीमलेस ऑनबोर्डिंग और डिजिटल सपोर्ट चाहते हैं. B2B2C प्लेटफॉर्म्स जो गेमिफाइड डैशबोर्ड, एनालिटिक्स और 24/7 सेवा देते हैं, वे इस नए निवेशकों के ग्रुप को आकर्षित और बनाए रखने में बेहतर हैं.
रिटेल फ्लो और मार्केट का असर
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, हाल ही में रिटेल निवेशकों का म्यूचुअल फंड में निवेश कुछ कम हुआ है. खासकर SIP के फ्लो में कमी आई है, क्योंकि पिछले एक साल में SIP रिटर्न निगेटिव हो गए हैं. हालांकि यह नोट किया गया कि यह गिरावट डायरेक्ट चैनल में ज्यादा दिखी है, जबकि डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल के जरिए आने वाले निवेश हाल में ज्यादा मजबूत रहे हैं.
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अभी कैसी है निवेशकों की गतिविधियां?
ब्रोकरेज हाउस के एनालिस्ट्स का कहना है कि जहां आम तौर पर मार्केट में गिरावट के बाद एकमुश्त निवेश बढ़ते हैं, वहीं इस समय निवेश गतिविधि धीमी है. इसके पीछे मुख्य कारण हैं : टैरिफ को लेकर अनिश्चितता और जियो पॉलिटिकल टेंशन, जो निवेशकों को फिलहाल निवेश से दूर रख रहे हैं.
फिनटेक आधारित रिटेल SIP में खास कमी आई है. BSE StAR MF प्लेटफॉर्म पर ऑपरेशनल दिक्कतों के कारण जून और अगस्त 2025 में कई घंटे से कई दिन तक सिस्टम डाउन रहा. इसका असर यह रहा कि नई SIP रजिस्ट्रेशन, खरीद और रिडेम्प्शन रुक गए. मोतीलाल ओसवाल के अनुसार इन आउटेज की वजह से फिनटेक प्लेटफॉर्म्स जैसे क्वॉइन में निवेश कम हुआ और गति धीमी पड़ गई.
बढ़ते कस्टमर अधिग्रहण लागत और कम होती प्रॉफिटेबिलिटी के कारण डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने सब्सिडी वाले मार्केटिंग और रेफरल प्रोग्राम्स कम कर दिए. परिणामस्वरूप, नए SIP जुड़ने की दर धीमी हो गई, जबकि SIP बंद होने की दर नवंबर 2024 के बाद सबसे कम रही.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)