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Stock Market Outlook : मोदी सरकार की वापसी होती है तो शॉर्ट टर्म में ही निफ्टी 23000 का लेवल क्रॉस कर जाएगा. (PTI)
General Election 2024 : लोकसभा चुनाव के पहले बाजार में अच्छी खासी रैली आई थी. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान उतार चढ़ाव के बीच बाजार अपने पीक के आस पास ही बना हुआ है. 1 जून को मतदान के 7 चरण खत्म हो जाएंगे, वहीं 4 जून को चुनावी नतीजे तय करेंगे कि मोदी 3.0 होगा या सरकार बदलेगी. हालांकि बाजार और ब्रोकरेज को मोदी 3.0 की संभावनाएं ज्यादा दिख रही हैं. ब्रोकरेज हाउस बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी को बहुमत (BJP Govt) की संभावनाएं ज्यादा हैं और मोदी सरकार की वापसी (Narendra Modi 3.0) होती है तो शॉर्ट टर्म में ही निफ्टी 23000 का लेवल क्रॉस कर जाएगा. हालांकि वैल्यूएशन ज्यादा होने से इस लेवल से कुछ मुनाफावसूली भी दिख सकती है.
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ब्रोकरेज के 4 सिनैरियो
Case 1
मिशन: इंडिया 2047
BJP अकेले 290 से ज्यादा सीट
NDA के पास 340 से ज्यादा सीट
Case 2
कैपेक्स में कमी
BJP के पास 260-290 सीट
NDA के पास 290-340 सीट
Case 3
द ग्राउंड शॉक
BJP के पास 240-260 सीट
NDA के पास 270-290 सीट
Case 4
रिटर्न आफ पॉपुलिज्म
BJP के पास 240 से कम
NDA के पास 270 से कम
BJP को मिला बहुमत तो निफ्टी 23000 कर जाएगा पार
ब्रोकरेज हाउस Bernstein का कहना है कि 4 जून को, चुनाव के रिजल्ट के आधार पर, कई निवेशक या तो फ्रेश पोजीशन लेंगे या मौजूदा पोजीशन को खत्म कर देंगे. ब्रोकरेज का कहना है कि निरंतरता/गैर-निरंतरता की स्थिति में इन्वेस्टमेंट आइडिया के लिए बेहतर तैयारी के लिए अलग अलग मोर्चे पर दो प्रमुख नेशनल पार्टीज के ट्रैक रिकॉर्ड को देखना जरूरी हो जाता है. हम अभी बेहतर वैल्युएशन के लिए एक अनोखी स्थिति में हैं. यह देखते हुए कि पिछले 20 साल में, भारत ने मुख्य रूप से कांग्रेस (2004-14) और बीजेपी (2014-24) द्वारा गठित सरकारों में से प्रत्येक ने 10 साल सरकार चलाई है.
ब्रोकरेज का कहना है कि अभी हमें ज्यादा संभावना एनडीए (NDA Govt) की लगभग 330-350 सीटों की दिख रही है. यह केस 1 और केस 2 के बीच का सिनैरियो है, जो चुनाव परिणामों के बाद बाजारों में कुछ रैली चलाएगा. इस केस में हम निफ्टी के लिए शॉर्ट टर्म में 23000 का टारगेट (Nifty) देख रहे हैं. लेकिन इसी केस में जब बाजार (Stock Market) ऊपर जाएगा तो तेज मुनाफावसूली भी संभव है, जो बाजार को हाई लेवल से कुछ नीचे लाएगी. मोदी 3.0 होता है तो सरकार का 100-डे एजेंडा और बजट से उम्मीदें अन्य इवेंट हैं, जो सपोर्ट कैटलिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं. इसलिए, हम इक्विटी बाजारों में निकट अवधि में कुछ उछाल की उम्मीद करते हैं.
बाजार की रैली में ये सेक्टर करेंगे आउटपरफॉर्म
ब्रोकरेज का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, घरेलू साइकिल और कुछ फाइनेंशियल शेयर इस तेजी में अपनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. वहीं, कंज्यूमर और IT शेयरों पर दबाव दिख सकता है. ब्रोकरेज के मुताबिक, अगले कुछ दिन के लिए स्मॉल और मिडकैप का परफॉर्मेंस लार्ज कैप के मुकाबले बेहतर हो सकता है. ब्रोकरेज ने कहा कि एक ही विषय पर बार-बार खेलते रहने से परिणाम में कुछ बदलाव नहीं दिखता. इसलिए हम मैक्रो, अर्निंग ग्रोथ, वैल्यूएशन के तर्कसंगत होने पर फोकस करते हैं.
अगर केस 3 या 4 हो
हालांकि अगर केस 3 या 4 का सिनैरियो बनता है तो कुछ जोखिम सामने आएगा. हालांकि हम इसे कम संभावना वाले परिणाम के रूप में देख रहे हैं. शेयर में पिछले दिनों मोदी की सत्ता में वापसी का सेंटीमेंट बना था, जिसके चलते हमने पिछले साल नवंबर/दिसंबर में जोरदार रैली देखी थी. लेकिन एक ही विषय पर बार-बार खेलने से वैल्युएशन के लिए बेतुके आउटकम सामने आते हैं. इसलिए, हमारा मानना है कि अंत में फोकस मैक्रो, अर्निंग में बढ़ोतरी, वैल्युएशन पर वापस आ जाएगा.
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भारत को मोदी 3.0 की जरूरत क्यों?
अर्ली एज के उभरते बाजार के रूप में, बहुत कुछ सरकार की नीतियों से जुड़ा हुआ है. स्ट्रक्चरल ड्राइवर्स से लाभ उठाने के लिए, हमारा मानना है कि भारत के पास कई एशियाई पियर्स के साथ मजबूत पकड़ है. रिफॉर्म साइकिल से एग्जिक्यूशन साइकिल की तरफ भारत के बढ़ने में केंद्र में एक ही सरकार का बने रहना बहुत फायदेमंद रहेगा. इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना, अधिक वायबल एक्सपोर्ट फ्रेंचाइजी का निर्माण, रोजगार और महंगाई का प्रबंधन जैसी लिस्ट लंबी है. भारत के रिफॉर्म साइकिल से एग्जीक्यूशन साइकिल की ओर बढ़ने के साथ, बिजली की निरंतरता मैक्रोसाइकिल की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण चालक बनी हुई है.