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Paytm की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने चौथी तिमाही के नतीजे घोषित कर दिए हैं. (File Photo : Reuters)
Paytm Q4FY25 Results: पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) के नतीजे जारी किए हैं. कंपनी को इस तिमाही में 540 करोड़ रुपये का कन्सॉलिडेटेड नेट लॉस हुआ है, जो पिछले साल की समान तिमाही में 550 करोड़ रुपये था. यानी सालाना आधार पर कंपनी का घाटा मामूली रूप से कम हुआ है. हालांकि कंपनी की कुल कमाई में 16% की गिरावट देखने को मिली है. यह तिमाही नतीजे कई अहम संकेत देते हैं कि कंपनी किन क्षेत्रों में आगे सुधार की कोशिश कर रही है.
रेवेन्यू में गिरावट, लेकिन तिमाही आधार पर सुधार
मार्च 2025 में समाप्त तिमाही के दौरान पेटीएम का कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू (operating revenue) 1,912 करोड़ रुपये रहा, जो साल भर पहले की समान अवधि में 2,267 करोड़ रुपये था. यानी सालाना आधार पर इसमें 16% की गिरावट आई है. हालांकि, पिछली तिमाही (Q3FY25) में कंपनी का रेवेन्यू 1,828 करोड़ रुपये था, यानी तिमाही दर तिमाही आधार (sequential basis) पर लगभग 5% का सुधार दर्ज किया गया है.
नेट लॉस में मामूली कमी, एक्सेप्शनल आइटम्स का असर
कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट लॉस 540 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 550 करोड़ रुपये था. अगर एक्सेप्शनल आइटम्स को हटा दें, तो यह घाटा केवल 23 करोड़ रुपये रहा है. एक्सेप्शनल आइटम्स (exceptional item) में 522 करोड़ रुपये शामिल हैं, जिनमें से 492 करोड़ रुपये ESOP खर्च से संबंधित हैं और 30 करोड़ रुपये अन्य खर्चों से. इससे साफ होता है कि कंपनी का रेगुलर ऑपरेशन घाटे से लगभग ब्रेकईवन (breakeven) पर आ गया है.
ऑपरेशन से जुड़े अहम आंकड़े
इस तिमाही में पेटीएम का कॉन्ट्रिब्यूशन प्रॉफिट 1,071 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 12% ज्यादा है. कंपनी की कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन 56% रही. ESOP से पहले का EBITDA 81 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 121 करोड़ रुपये का सुधार है. UPI इंसेंटिव के रूप में कंपनी को 70 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिससे नेट पेमेंट मार्जिन 578 करोड़ रुपये रहा. UPI इंसेंटिव को हटाकर नेट पेमेंट मार्जिन 508 करोड़ रुपये रहा, जो 4% की तिमाही ग्रोथ दिखाता है.
पेमेंट प्रोसेसिंग कॉस्ट में कमी
पेमेंट प्रोसेसिंग खर्च में 9% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे कंपनी को 50 करोड़ रुपये की बचत हुई. कंपनी का कहना है कि इस तिमाही में वित्तीय सेवाओं के वितरण से जुड़े रेवेन्यू में वृद्धि हुई है. UPI इंसेंटिव भले ही कम रहा हो, लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि जल्द ही बड़े व्यापारियों के लिए UPI पर MDR लागू होगा, जिससे अतिरिक्त कमाई के रास्ते खुलेंगे.
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कंपनी का फोकस और आगे की रणनीति
कंपनी ने नतीजों के बाद जारी एक बयान में कहा, "हम मर्चेंट पेमेंट, कंज्यूमर एक्विजिशन, इंटरनेशनल बिजनेस और फाइनेंशियल सर्विसेज पर फोकस जारी रखेंगे, ताकि भविष्य में ग्रोथ और मुनाफे की दिशा में आगे बढ़ सकें."