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Top Flexi Cap Fund Returns : टॉप 5 फ्लेक्सी कैप फंड्स ने पिछले 5 साल के दौरान शानदार रिटर्न दिया है. Photograph: (Image : Pixabay)
Top Flexi Cap Fund Returns : देश के टॉप फ्लेक्सी कैप फंड्स ने पिछले 5 साल के दौरान अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. टॉप 5 फ्लेक्सी कैप फंड्स की बात करें, तो इनमें से एक ने 35% से ज्यादा का सालाना रिटर्न दिया है. यह कैटेगरी इक्विटी फंड्स की सबसे लचीली और डायवर्सिफाइड कैटेगरी मानी जाती है, जो सभी कैप साइज के शेयरों में निवेश की सुविधा देती है. आइए जानते हैं इस कैटेगरी की खूबी और टॉप परफॉर्मिंग फंड्स के बारे में.
टॉप 5 फ्लेक्सी कैप फंड्स का प्रदर्शन
टॉप 5 फ्लेक्सी कैप फंड्स के पिछले 5 साल के रिटर्न के आंकड़े काफी आकर्षक हैं. AMFI के पोर्टल पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक टॉप 5 फ्लेक्सी कैप स्कीम के डायरेक्ट प्लान ने पिछले 5 साल में 28 से 35 फीसदी तक औसत सालाना रिटर्न दिए हैं.
स्कीम का नाम / 5 साल का रिटर्न (CAGR)
1. Quant Flexi Cap Fund (Direct Plan) : 35.44%
2. HDFC Flexi Cap Fund (Direct Plan) : 30.62%
3. Parag Parikh Flexi Cap Fund (Direct Plan) : 28.65%
4. Franklin India Flexi Cap Fund (Direct Plan) : 28.30%
5. JM Flexi Cap Fund (Direct Plan) : 28.13%
बेंचमार्क से बेहतर रहा प्रदर्शन
इन सभी फंड्स का बेंचमार्क इंडेक्स Nifty 500 TRI है, जिसका 5 साल का औसत सालाना रिटर्न 23.60% रहा है. यानी इन सभी स्कीम ने अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया है कि अगर सही स्कीम में धैर्य के साथ निवेश किया जाए, तो फ्लेक्सी कैप फंड्स लंबी अवधि में बेहतरीन रिटर्न दे सकते हैं.
क्या होता है फ्लेक्सी कैप फंड?
फ्लेक्सी कैप फंड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की एक कैटेगरी है जो लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप - सभी तरह के शेयरों में निवेश कर सकते हैं. SEBI के नियमों के अनुसार, इन फंड्स को कम से कम 65% पैसा इक्विटी में लगाना जरूरी होता है. असल में ये हिस्सा कई बार 90% से ज्यादा भी होता है. इस लचीलापन और डायवर्सिफिकेशन की वजह से ये फंड बाजार के उतार-चढ़ाव को बेहतर तरीके से झेलने की क्षमता रखते हैं.
फ्लेक्सी कैप बनाम फोकस्ड फंड
इक्विटी फंड की एक और कैटेगरी - फोकस्ड फंड्स, फ्लेक्सी कैप के मिलती-जुलती है. इसलिए कई निवेशकों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि इनमें से कौन बेहतर है. दरअसल फोकस्ड और फ्लेक्सी कैप फंड में कुछ बातें एक जैसी हैं. मिसाल के तौर पर दोनों ही फंड्स सभी कैप साइज के स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं और दोनों का बेंचमार्क BSE 500 या Nifty 500 होता है. लेकिन इनके बीच एक बड़ा अंतर भी है. फोकस्ड फंड्स अधिकतम 30 स्टॉक्स में ही निवेश कर सकते हैं, जबकि फ्लेक्सी कैप फंड्स में ऐसी कोई सीमा नहीं होती. यही वजह है कि फ्लेक्सी कैप फंड्स ज्यादा डायवर्सिफाइड और स्टेबल माने जाते हैं.
आपके लिए कौन सा बेहतर विकल्प?
अगर आप सिर्फ एक फंड में निवेश करना चाहते हैं और एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो चाहते हैं, तो फ्लेक्सी कैप फंड एक बेहतर विकल्प हो सकता है. लेकिन अगर आपके पोर्टफोलियो में पहले से कई फंड्स हैं और आप कुछ एक्सपोजर फोकस्ड फंड्स में भी चाहते हैं, तो दोनों में निवेश कर सकते हैं. लेकिन दोनों ही इक्विटी फंड हैं, जिनके साथ मार्केट रिस्क जुड़ा रहता है.
एसआईपी के जरिए निवेश बेहतर
चूंकि फ्लेक्सी कैप फंड्स का जोखिम स्तर ‘बहुत अधिक’ होता है, इसलिए इसमें एसआईपी (Systematic Investment Plan) के माध्यम से निवेश करना ज्यादा समझदारी भरा होता है. इससे औसत लागत घटती है और लंबी अवधि में रिटर्न की संभावनाएं बेहतर होती हैं. 5 से 7 साल या उससे अधिक समय तक निवेश करना बेहतर माना जाता है. लेकिन इक्विटी से जुड़े रिस्क को ध्यान में रखते हुए निवेश से पहले अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और इनवेस्टमेंट होराइजन यानी निवेश की अवधि को जरूर ध्यान में रखें.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा होता है. निवेश से पहले इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)