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Banking Stocks : ब्रोकरेज का मानना है कि पीएसयू बैंक प्रॉफिटेबिलिटी के पीक पर हैं और आगे रीरेटिंग के लिए लिमिटेड ट्रिगर हैं. (pixabay)
Banking Sector Stocks : BFSI सेक्टर के लिए फाइनेंशियल ईयर 2025 अबतक चुनौतियों वाला रहा है. इस साल बैंक निफ्टी और निफ्टी फाइनेंशियल इंडेक्स ने 2.6% और 12.1% का रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स ने 0.8% रिटर्न दिया है. इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, कई बैंकिंग शेयरों ने मजबूत डबल डिजिट का रिटर्न दिया है, जैसे एचडीएफसी बैंक (18%), आईसीआईसीआई बैंक (16%), कोटक महिंद्रा बैंक (12%), और फेडरल बैंक (18%). ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2026 की शुरुआत सॉफ्टर नोट पर हो सकती है, जिसमें पहली छमाही में अर्निंग में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है. लेकिन FY26 की पहली छमाही के बाद बैंकों की अर्निंग में सुधार की संभावना है, वहीं वैल्युएशन द्वारा समर्थित कैपिटल मार्केट में धीरे-धीरे रिकवरी भी निवेश का आकर्षक अवसर प्रदान करेगा. हालांकि ब्रोकरेज ने पीएसयू बैंकों के ऊपर प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर को वरियता दी है.
PVBs : प्राइवेट बैंकों पर नजरिया
ज्यादातर प्राइवेट बैंकों के लिए बिजनेस मोमेंटम कमजोर रहा, जो कि हायर सीडी रेश्यो और देनदारियों के लिए बढ़ी प्रतिस्पर्धा के कारण था. MFI, पीएल और सीसी में तनाव के बाद भी अनसिक्योर्ड लोन ग्रोथ में कमी आई है, जिससे पोर्टफोलियो ग्रोथ और ओवरआल लेंडिंग यील्ड पर दबाव बढ़ गया है. इंडसइंड बैंक, आरबीएल बैंक और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक सहित कई बैंकों ने अपने ग्रोथ गाइडेंस को रिवाइज किया है, जबकि बड़े बैंक हायर सीडी रेश्यो के कारण म्यूटेड ग्रोथ दिखा सकते हैं.
बढ़ती फंडिंग लागत और सीएएसए मिक्स में नरमी के बीच मार्जिन में गिरावट जारी है. नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर FY26 की पहली छमाही में दबाव बना रहने की संभावना है, क्योंकि रेट साइकिल में रिवर्सल से लेंडिंग यील्ड में कमी आती है. हालांकि, FY26 की दूसरी छमाही से हल्की रिकवरी हो सकती है क्योंकि फंडिंग लागत में नरमी आने लगेगी.
PSU Banks : पीएसयू बैंकों पर नजरिया
पीएसयू बैंकों के लिए RoA काफी हद तक मैच्योर हो चुका है, और उम्मीद है कि फाइनेंशियल ईयर 25-27 के दौरान अर्निंग ग्रोथ, लोन ग्रोथ से पीछे रहेगी. इस तरह, ब्रोकरेज का अनुमान है कि पीएसयू बैंक की अर्निंग ग्रोथ फाइनेंशियल ईयर 22-25 के दौरान 38% सीएजीआर की तुलना में मॉडरेट होकर फाइनेंशियल ईयर 25-27 के दौरान 8% सीएजीआर रहेगी.
हायर एमसीएलआर-लिंक्ड बुक के बावजूद, उम्मीद है कि म्यूटेड लोन ग्रोथ, हायर CoF और ग्राहकों को हायर एमसीएलआर दरों को पारित करने में असमर्थता के कारण पीएसयू बैंक के लिए मार्जिन बियास निगेटिव रहेगा. ज्यादातर बैंकों के लिए स्लीपेजेज कंट्रोल में रहे हैं, जो स्ट्रेस के किसी संकेत को नहीं दर्शाते हैं. हालांकि, क्रेडिट कास्ट आउटलुक का बेहतर आकलन करने के लिए स्लीपेजेज रन रेट के नॉर्मलाइजेशन के साथ-साथ ईसीएल प्रोविजनिंग आवश्यकताओं पर बारीकी से नजर रखी जाएगी.
प्राइवेट बैंक वर्सेज पीएसयू बैंक
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने पीएसयू बैंकों के मुकाबले प्राइवेट बैंकों को प्राथमिकता दी है, क्योंकि ब्रोकरेज का मानना है कि पीएसयू बैंक प्रॉफिटेबिलिटी के पीक पर हैं और आगे रीरेटिंग के लिए लिमिटेड ट्रिगर हैं. इसके विपरीत, प्राइवेट बैंक संभावित बेहतर प्रदर्शन के लिए मजबूत स्थिति में हैं, जो बेहतर वैल्युएशन, मजबूत बैलेंस शीट और फाइनेंशियल ईयर 2026की दूसरी छमाही से बेहतर अर्निंग ट्रैजेक्टरी द्वारा समर्थित है. प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर और पीएसयू बैंकिंग सेक्टर के बीच वैल्युएशन का गैप कम हो गया है, जिससे प्राइवेट बैंक अधिक आकर्षक हो गए हैं. सिक्योर्ड सेग्मेंट में क्रेडिट कास्ट के नॉर्मलाइजेशन के साथ-साथ ईसीएल दिशानिर्देशों के लागू होने से पीएसयू बैंकों के लिए क्रेडिट कास्ट थोड़ी अधिक हो सकती है, जिससे अर्निंग पर और अधिक प्रभाव पड़ सकता है.
Top Picks : किन शेयरों पर रखें नजर
टॉप पिक्स : SBI, ICICI Bank, HDFC Bank, Kotak Mahindra Bank, Federal Bank, AU SFB
न्यूट्रल रेटिंग : Axis Bank, RBL Bank, IDFC First Bank, Bandhan Bank
(Disclaimer: शेयर पर व्यू या सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. न ही ये निवेश की सलाह है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)