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IndusInd Bank का येस बैंक जैसा होगा हाल या कुछ पॉजिटिव भी दिख रहा है? ब्रोकरेज ने बताया शेयर का भविष्‍य

IndusInd Bank Stock Movement Today : आज इंडसइंड बैंक के शेयरों में अच्‍छी तेजी देखने को मिल रही है और यह करीब फीसदी तेजी के साथ 710 रुपये पर पहुंच गया. जबकि 13 मार्च को शेयर 672 रुपये पर बंद हुआ था.

IndusInd Bank Stock Movement Today : आज इंडसइंड बैंक के शेयरों में अच्‍छी तेजी देखने को मिल रही है और यह करीब फीसदी तेजी के साथ 710 रुपये पर पहुंच गया. जबकि 13 मार्च को शेयर 672 रुपये पर बंद हुआ था.

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Sushil Tripathi
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IndusInd Bank Stock : अगली 2 से 3 तिमाहियों में, इंडसइंड बैंक में इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी रह सकती है कि अभी कुछ और बाहर आ सकता है. (Reuters)

IndusInd Bank Stock Price : आज इंडसइंड बैंक के शेयरों में अच्‍छी तेजी देखने को मिल रही है और यह करीब फीसदी तेजी के साथ 710 रुपये पर पहुंच गया. जबकि 13 मार्च को शेयर 672 रुपये पर बंद हुआ था. आरबीआई द्वारा बैंक को बैक किए जाने के बाद से शेयर में यह तेजी देखने को मिल रही है. दूसरी ओर ब्रोकरेज हाउस CLSA ने भी मिड टर्म में स्‍टॉक के लिए फंडामेंटल बेहतर बताया है. ब्रोकरेज का कहना है कि इंडसइंड बैंक में येस बैंक वाली स्थिति नहीं है.  आने वाले दिनों में इसके फंडामेंटल हावी हो जाएंगे. अगर बैंक अगली 4 से 6 तिमाहियों में उम्मीदों के अनुरूप नंबर्स प्रदान करता है, तो टेंशन कम होते जाएंगे. ब्रोकरेज ने शेयर पर अपनी आउटपरफॉर्म रेटिंग बना रखी है आरैर 900 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. 

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फंडामेंटल ही तय करेंगे स्‍टॉक मूवमेंट 

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ब्रोकरेज हाउस CLSA का कहना है कि पिछले कुछ दिन इंडसइंड बैंक (IIB) के लिए उथल-पुथल भरे रहे हैं, जिसमें एमडी को एक साल का एक्सटेंशन (सामान्य 3 साल के मुकाबले) दिया गया. जिसके बाद अकाउंटिंग गैप के कारण नेटवर्थ में करीब 15 बिलियन रुपये की गिरावट का खुलासा हुआ है. निवेशकों को स्वाभाविक रूप से डर है कि अभी और भी कुछ होने वाला है. इसके पहले भी RBL बैंक और येस बैंक में इसी तरह की घटनाएं हुई हैं. जिससे एक बात तो साफ है कि नियर टर्म में सेंटीमेंट से स्‍टॉक का मूवमेंट तय होता है, लेकिन मिड टर्म में फंडामेंटल ही स्‍टॉक मूवमेंट तय करते हैं. 

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जैसे आरबीएल बैंक का उदाहरण लें तो RBI बैंक के एमडी को एक साल का एक्सटेंशन दिया, और बाद में एक PSU बैंकर को नियुक्त किया, तो स्टॉक में करीब 60 फीसदी की गिरावट आई. लेकिन आगामी तिमाहियों में कुछ भी सामने नहीं आया और शेयर ने अपने नुकसान की भरपाई कर ली. येस बैंक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, लेकिन अस्थायी घटना हुई, जिसमें सीईओ को जबरन बाहर कर दिया गया और उसके बाद जीएनपीएल डायवर्जेंस रिपोर्ट शून्य हो गई. ब्रोकरेज का कहना है कि इंडसइंड बैंक के स्‍टॉक प्राइस ट्रैजेक्‍टरी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए. ब्रोकरेज ने अनुमानों में 9 फीसदी से 25 फीसदी की कटौती की है और अपने टारगेट प्राइस को 1,300 रुपये से घटाकर 900 रुपये कर दिया है, लेकिन अपनी आउटपरफॉर्म रेटिंग को बनाए रखा.

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RBI ने क्‍या कहा

आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल है और इसकी फाइनेंशियल पोजीशन संतोषजनक है. मौजूदा फाइनेंशियल की तीसरी तिमाही में बैंक ने 16.46 फीसदी का कंफर्टेबल कैपिटल एडिक्‍वेसी रेश्‍यो और 70.20 फीसदी का प्रोविजंस कवरेज रेश्‍यो बनाए रखा है. 9 मार्च तक लिक्विडिटी कवरेज रेश्‍यो 100 फीसदी की रेगुलेटरी आवश्यकता के मुकाबले 113 फीसदी था. वहीं एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने बैंक में 0.20 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाई है.

1 साल का एक्‍सटेंशन Yes Bank जैसा नहीं 

पिछले 2 साल में आरबीआई ने लेंडर्स में खामियों/कमियों की पहचान करने और उन्हें सुधारने में काफी सक्रियता दिखाई है, लेकिन सार्वजनिक रूप से कोई रेड फ्लैग नहीं उठाया गया. हाल ही में हुई अकाउंटिंग विसंगति की रिपोर्ट न तो बैंक के ऑडिटर ने की और न ही आरबीआई ने पिछले 5-7 साल में. हालांकि, आरबीआई ने एमडी के कार्यकाल को घटाकर एक साल कर दिया. इसका कारण जरूरी नहीं कि एसेट क्वालिटी हो, लेकिन इसके अन्य फैक्‍टर्स भी हो सकते हैं. आरबीआई द्वारा बैंक एमडी को 1 साल का एक्‍सटेंशन देना, 2021 में आरबीएल बैंक के लिए किए गए काम के समान है. हालांकि, येस बैंक के मामले में आरबीआई ने अपनी घोषणा के 3 से 4 महीने के भीतर एमडी के कार्यकाल को अचानक समाप्त कर दिया. दोनों ही मामलों में, कुछ समय बाद शेयरों में सुधार हुआ (लेकिन येस बैंक के मामले में, यह एक अस्थायी सुधार था).

IIB : अब क्या हो सकता है?

अगली 2 से 3 तिमाहियों में, इंडसइंड बैंक में इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी रह सकती है कि अभी कुछ और बाहर आ सकता है, साथ ही मैनेजमेंट को लेकर भी आशंका रहेगी. अगर एक पीएसयू बैंकर नियुक्त किया जाता है, तो स्टॉक के लिए और भी अधिक निगेटिव सेंटीमेंट होंगा. लेकिन, समय के साथ, हमारा मानना ​​है कि इसके फंडामेंटल हावी हो जाएंगे. अगर बैंक अगली 4 से 6 तिमाहियों में उम्मीदों के अनुरूप नंबर्स प्रदान करता है, तो हमारा मानना ​​है कि टेंशन कम होंगे. 

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क्या कोई पॉजिटिव पहलू है?

नियर टर्म में दो फंडामेंटल पॉजिटिव दिख रहे हैं. ये हैं - माइक्रोफाइनेंस में सुधार और बैंकिंग सिस्टम में बेहतर लिक्विडिटी व दरों में कटौती से मार्जिन में राहत. एक नॉनफंडामेंटल पॉजिटिव फैक्‍टर यह भी हो सकता है कि प्रमोटर को बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए RBI से मंजूरी मिल जाए (रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के बाद). प्रमोटर द्वारा कोई भी हिस्सेदारी खरीद निश्चित रूप से निवेशकों का भरोसा बढ़ाएगी. 

(Disclaimer: कंपनी या शेयर पर व्यू या सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. न ही ये निवेश की सलाह है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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