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SBI Stock Price : स्लीपेजेज से एसेट क्वालिटी पर असर पड़ा, लेकिन किसी खास सेक्टर में दिक्कत नहीं है. (Pixabay)
Buy SBI Stock : आज के कारोबार में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक का स्टॉक फोकस में रहने वाला है. बैंक ने पिछले हफ्ते में अपने तिमाही नतीजे जारी किए थे, जो उम्मीद से बेहतर रहे हैं. जून तिमाही में बैंक का मुनाफा 12 फीसदी बढ़कर 19,160 करोड़ हो गया. जबकि बैंक की कुल आय 1,22,688 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,35,342 करोड़ रुपये हो गई. बैंक की एसेट क्वालिटी में भी सुधार हुआ है. ब्रोकरे हाउस मोतीलाल ओसवाल ने एसबीआई में BUY रेटिंग दी है और 925 रुपये टारगेट प्राइस तय किया है, जो FY27 के अनुमानित बुक वैल्यू पर 1.2x के आधार पर है. यह करंट प्राइस से 15 फीसदी ज्यादा है.
बैंक का मुनाफा क्यों रहा बेहतर
मेतीलाल ओसवाल का कहना है कि SBI (State Bank Of India) ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर मुनाफा दिखाया. इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण थे :ट्रेजरी (निवेश) से अच्छा लाभ, खर्चों पर अच्छा नियंत्रण, और ब्याज से होने वाली आमदनी (NII) का उम्मीद के मुताबिक रहना. हालांकि, कुछ ज्यादा नए स्लीपेजेज आने से प्रावधान थोड़े बढ़ गए, जिससे मुनाफे पर थोड़ा असर पड़ा.
नेट इंटरेस्ट मार्जिन में सुधार की उम्मीद
बैंक का NIM (नेट इंटरेस्ट मार्जिन) तिमाही बेसिस पर 0.10% घटकर 2.9% हो गया, लेकिन मैनेजमेंट का मानना है कि FY26 में यह धीरे-धीरे सुधरेगा. इसके पीछे कुछ कारण होंगे : CRR में कटौती से मिलने वाली अतिरिक्त तरलता, डिपॉजिट की लागत में कमी, और हाल ही में QIP के जरिए जुटाई गई पूंजी.
क्रेडिट (लोन) में सालाना 12% की बढ़ोतरी रही है. बैंक का Xpress Credit (अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन) लगभग स्थिर रहा, लेकिन नए लोन की पाइपलाइन मजबूत है, जिससे आगे भी ग्रोथ अच्छी रहेगी. डिपॉजिट ग्रोथ सालाना 11.7% और तिमाही बेसिस पर 1.7% रही. CASA रेश्यो थोड़ा घटकर 39.4% हो गया. CD रेश्यो (क्रेडिट-डिपॉज़िट रेशियो) 76.7% पर आ गया, जिससे आगे लोन देने की अच्छी गुंजाइश है.
किसी खास सेक्टर में बड़ी दिक्कत की उम्मीद नहीं
ब्रोकरेज का कहना है कि स्लीपेजेज बढ़ा है, बैंक को किसी खास सेक्टर में बड़ी दिक्कत की उम्मीद नहीं है. ब्रोकरेज ने FY26/27 के लिए बैंक की अनुमानित कमाई को 3% / 3.5% बढ़ा दिया है. FY27 तक RoA (रिटर्न ऑन एसेट) 1.1% और RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 15.5% रहने का अनुमान है.
मैनेजमेंट कमेंट्री की प्रमुख बातें
बैंक ने अपने घरेलू NIM (नेट इंटरेस्ट मार्जिन) का लक्ष्य 3% दोहराया है. दूसरी तिमाही में मार्जिन थोड़ा घट सकता है, लेकिन तीसरी तिमाही में CRR में ढील और डिपॉज़िट रेट घटने से सुधार की उम्मीद है.
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में RoA (रिटर्न ऑन एसेट) 1.14% रहा. अगर ट्रेजरी से कम मुनाफा हुआ तो इस पर थोड़ा दबाव आ सकता है.
बैंक का लक्ष्य RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 15% और चक्र के दौरान RoA 1% से ऊपर बनाए रखना है. C/I रेश्यो (खर्च/आय का अनुपात) को लंबे समय तक 50% से कम रखने का इरादा है.
स्लीपेजेज से एसेट क्वालिटी पर असर पड़ा, लेकिन किसी खास सेक्टर में दिक्कत नहीं है. रिकवरी और पैसे की वापसी से कुछ दबाव कम हुआ है.
(Disclaimer: शेयर में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)