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Gold Loan : गोल्ड लोन में रिकॉर्ड ग्रोथ, ICRA ने बढ़ाया 2026 का टारगेट. (AI Generated Image)
Gold Loan Market Growth : भारत में ऑर्गनाइज्ड गोल्ड लोन मार्केट जबरदस्त रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. रेटिंग एजेंसी ICRA की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश का ऑर्गनाइज्ड गोल्ड लोन मार्केट मार्च 2026 तक 15 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है. खास बात यह है कि ऑर्गनाइज्ड गोल्ड लोन मार्केट पिछले अनुमान की तुलना में एक साल पहले ही इस माइलस्टोन तक पहुंच जाएगा.
उम्मीद से तेज है गोल्ड लोन मार्केट की ग्रोथ
ICRA ने सितंबर 2024 में अनुमान लगाया था कि ऑर्गनाइज्ड गोल्ड लोन मार्केट को 15 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंचने में मार्च 2027 तक का वक्त लगेगा. लेकिन एजेंसी की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंकों की मजबूत पकड़ और गोल्ड की बढ़ती कीमतों ने पूरे सेक्टर की ग्रोथ रेट को उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज कर दिया है. एजेंसी के ताजा अनुमान के मुताबिक इस मार्केट का साइज वित्त वर्ष 2027 तक और आगे बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2025 तक ऑर्गनाइज्ड गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में बैंकों का हिस्सा 82 फीसदी था, जबकि नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) इस मामले में पीछे रह गई हैं. बैंकों का गोल्ड लोन एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) वित्त वर्ष 2020 से 2025 के बीच लगभग 26 फीसदी की कंपाउंडेड सालाना दर (CAGR) से बढ़ा है, जो NBFCs की 20 फीसदी ग्रोथ रेट से काफी आगे है.
गोल्ड की कीमतों ने बढ़ाई सेक्टर की चमक
ICRA ने कहा कि अनुमान में हुए इस बड़े बदलाव की मुख्य वजह गोल्ड की बढ़ती कीमतें हैं. पिछले एक साल में सोने के दाम नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे हैं, जिससे गोल्ड लोन की मांग तेजी से बढ़ी है. जब सोने की कीमतें ऊपर जाती हैं, तो सोना गिरवी रखकर लिये जाने वाले लोन की रकम भी बढ़ती है. यही वजह है कि बैंक और एनबीएफसी, दोनों ने इस प्रोडक्ट पर जोर देना शुरू किया है.
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बैंकों के पोर्टफोलियो में बदलाव
रिपोर्ट बताती है कि बैंकों ने अपने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में भी रणनीतिक बदलाव किए हैं. मार्च 2025 तक रिटेल या पर्सनल गोल्ड लोन का हिस्सा बढ़कर 18 फीसदी हो गया है, जबकि एक साल पहले यह सिर्फ 11 फीसदी था. इसके उलट एग्रीकल्चर और अन्य गोल्ड ज्वेलरी के खिलाफ दिए जाने वाले लोन का हिस्सा घटकर 63 फीसदी रह गया है, जो पहले 70 फीसदी से ऊपर था.
मार्च 2025 तक कुल गोल्ड लोन AUM 11.8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था, जो वित्त वर्ष 2024 और 2025 के दौरान करीब 26 फीसदी की दर से बढ़ा है. यह स्पष्ट संकेत है कि लोग अपनी जरूरतों के लिए गोल्ड लोन को पहले से कहीं अधिक भरोसेमंद ऑप्शन मान रहे हैं.
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गोल्ड लोन में NBFC की हिस्सेदारी
ICRA का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में NBFC गोल्ड लोन AUM 30 से 35 फीसदी तक बढ़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की ऊंची कीमतों, असिक्योर्ड लोन की धीमी ग्रोथ और देश में मौजूद बड़े गोल्ड रिजर्व की वजह से NBFCs को भी अच्छे अवसर मिलेंगे.
भविष्य के संकेत
ICRA के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड (फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग्स) ए. एम. कार्तिक का कहना है कि “NBFC गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद है, क्योंकि ऊंचे गोल्ड प्राइस और डायवर्सिफिकेशन की कोशिशों के चलते यह सेक्टर और आकर्षक बन रहा है.”
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रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 तक NBFCs के गोल्ड लोन का AUM करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो सालाना आधार पर 41 फीसदी की शानदार ग्रोथ दिखाता है. हालांकि इस बाजार में अब भी कुछ ही बड़े खिलाड़ियों का दबदबा है, जिनमें 81 फीसदी हिस्सेदारी तो सिर्फ टॉप 4 कंपनियों के ही पास है.