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SEBI on IndusInd Bank: सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि इंडसइंड बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए "गंभीर उल्लंघनों" की जांच की जा रही है. (File Photo : Reuters)
SEBI on IndusInd Bank: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए संभावित "गंभीर उल्लंघनों" (Egregious Violations) की जांच की जा रही है. यह बैंक इस समय बड़े पैमाने पर अकाउंटिंग घोटालों के आरोपों में फंसा है, जिसकी अनुमानित रकम करीब 3,400 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े उल्लंघनों की जांच सेबी के पास
पांडे ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इंडसइंड बैंक के बैंकिंग से जुड़े मसलों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) देख रहा है, लेकिन सेबी उन मामलों की जांच कर रहा है जो सिक्योरिटीज मार्केट यानी शेयर बाजार के उल्लंघन से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए घोर उल्लंघन किया गया है तो सेबी उस पर भी कार्रवाई करेगा. उन्होंने यह बयान इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में दिया.
इंटर्नल ऑडिट औऱ फॉरेंसिक जांच
बुधवार को इंडसइंड बैंक के बोर्ड ने एक बयान में कहा था कि उन्हें कुछ कर्मचारियों की भूमिका पर संदेह है और उन्होंने मामले की जांच एजेंसियों और रेगुलेटरी अथॉरिटीज को रिपोर्ट करने का निर्देश प्रबंधन को दिया है. यह घोटाला डेरिवेटिव्स (Derivatives) और माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो के साथ-साथ बैलेंस शीट में की गई गलत रिपोर्टिंग से जुड़ा है. इस घोटाले की वजह से बैंक के टॉप मैनेजमेंट में शामिल कई अधिकारियों के इस्तीफे हो चुके हैं. बैंक ने इस मामले में एक आंतरिक ऑडिट की शुरुआत की है और फॉरेंसिक जांच भी करवाई जा रही है.
बैंक की आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि वरिष्ठ बैंक अधिकारियों ने बैंक की आंतरिक नियंत्रण प्रणाली को जानबूझकर नजरअंदाज किया. बैंक ने केंद्र सरकार को भी वरिष्ठ प्रबंधन की इन अनियमितताओं की जानकारी दी है. IndusInd Bank ने यह भी कहा है कि मार्च 31, 2025 को समाप्त तिमाही और पूरे 12 महीने के वित्तीय नतीजों को अंतिम रूप देने में इन सभी गड़बड़ियों का असर शामिल किया गया है.
मार्च तिमाही के नतीजों पर दिखा असर
मार्च तिमाही के नतीजों में बैंक ने उन सभी गड़बड़ियों का असर दिखाया है जिनकी पहचान की गई थी. इनमें गलत तरीके से पहचाने गए डेरिवेटिव ट्रेड्स की वजह से 1,960 करोड़ रुपये का नुकसान, गलत अकाउंटिंग की वजह से 674 करोड़ रुपये का ब्याज आय रिवर्सल, 172 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी जिसमें कर्मचारियों ने माइक्रोफाइनेंस बिजनेस के तहत एक राशि को गलत तरीके से फीस आय दिखा दिया, 595 करोड़ रुपये की गलत मैनुअल एंट्रीज जिन्हें "अन्य एसेट्स" और "अन्य देनदारियों" के रूप में दर्ज किया गया था, और उच्च स्तर की स्लिपेजेस शामिल हैं. कुल मिलाकर, इन सभी अनियमितताओं का प्रभाव 3,400 करोड़ रुपये तक का रहा है.
मार्च तिमाही में बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का नेट लॉस
इन सभी गड़बड़ियों के चलते वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ है, जो बैंक के इतिहास की सबसे खराब तिमाहियों में से एक रही है. यह नतीजे बैंक की अकाउंटिंग गड़बड़ियों के सामने आने के बाद पहली बार जारी किए गए हैं.
बैंक के इतने बड़े नुकसान के बाद ब्रोकरेज हाउसों ने भी अपनी रिपोर्ट्स में कहा है कि आने वाले समय में IndusInd Bank के वित्तीय प्रदर्शन में कमजोरी देखी जा सकती है और नए मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और सीईओ (CEO) के लिए बैंक की साख को दोबारा कायम करना और निवेशकों का भरोसा वापस लाना एक बड़ी चुनौती होगी.
सीईओ और डिप्टी सीईओ दे चुके हैं इस्तीफा
बैंक के तत्कालीन CEO सुमंत कठपालिया और डिप्टी CEO अरुण खुराना ने 29 अप्रैल को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद बैंक के बोर्ड ने एक कार्यकारी समिति का गठन किया है जो तब तक बैंक के संचालन को देखेगी जब तक नया एमडी और सीईओ कार्यभार नहीं संभालता. उम्मीद की जा रही है कि IndusInd Bank बोर्ड 30 जून तक नए मैनेजिंग डायरेक्टर का नाम रिजर्व बैंक को भेज देगा.
इतने निराशाजनक वित्तीय नतीजों के बावजूद गुरुवार को बैंक के शेयरों में थोड़ी रिकवरी देखने को मिली. हालांकि कारोबार की शुरुआत में शेयर करीब 6 प्रतिशत तक टूटकर 725.65 रुपये पर पहुंच गया था, लेकिन दिन के अंत में यह 1.82 प्रतिशत की तेजी के साथ 785.10 रुपये पर बंद हुआ.