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ITR Filing : इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले जरूर चेक करें ये दो चीजें, वरना बना रहेगा नोटिस और रिफंड अटकने का डर

ITR Filing : अगर आप नहीं चाहते कि रिटर्न भरने के बावजूद आपको इनकम टैक्स का नोटिस मिले या आपका रिफंड अटक जाए, तो यहां बताई जा रही हिदायतों का ध्यान रखना चाहिए.

ITR Filing : अगर आप नहीं चाहते कि रिटर्न भरने के बावजूद आपको इनकम टैक्स का नोटिस मिले या आपका रिफंड अटक जाए, तो यहां बताई जा रही हिदायतों का ध्यान रखना चाहिए.

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FE Hindi Desk
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ITR filing 2025, check AIS before filing ITR, Form 26AS importance

ITR Filing : आईटीआर फाइल करने से पहले कम से कम दो डॉक्युमेंट्स को जरूर चेक कर लेना चाहिए. (Image : Pixabay)

Income Tax Return Filing : अगर आप नहीं चाहते कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के बावजूद आपको आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिले या आपका वाजिब इनकम टैक्स रिफंड अटक जाए, तो आपको आईटीआर फाइलिंग से पहले कम से कम दो महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट्स को जरूर चेक कर लेना चाहिए. ये दो दस्तावेज हैं आपके फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS). अगर आपने इन्हें ध्यान से चेक नहीं किया, तो हो सकता है कि आपका टैक्स रिफंड अटक जाए या फिर बाद में इनकम टैक्स विभाग की तरफ से नोटिस आ जाए. 

पिछले कुछ वर्षों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इन्हीं प्रयासों के तहत, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने ITR फॉर्म्स और टैक्स रिटर्न फाइल करने से जुड़े अन्य जरूरी फॉर्म्स में कुछ बदलाव किए हैं. इन सभी पहलों की वजह से अब ई-फाइलिंग करना पहले से कहीं आसान हो गया है.

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क्यों जरूरी है फॉर्म 26AS और AIS को चेक करना?

अगर आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएंगे और ITR फाइल करना शुरू करेंगे, तो आपको दिखाई देगा कि पहले से ही कई जानकारियां ऑटो-फिल्ड हैं. ये जानकारियां आपके फॉर्म 26AS और AIS से ली गई होती हैं. सवाल ये उठता है कि जब सारी जानकारी पोर्टल पर पहले से मौजूद है, तो फिर ITR फाइल करने से पहले फॉर्म 26AS और AIS को दोबारा देखने की जरूरत क्या है?

असल में, फॉर्म 26AS और AIS आपको टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले अपनी जानकारी को ‘डबल चेक’ करने का मौका देते हैं. ये दोनों दस्तावेज आपके लिए एक तरह से आईना हैं, जिनमें देखकर आप यह पक्का कर सकते हैं कि कहीं कोई जरूरी जानकारी छूट तो नहीं गई या कहीं टैक्स डिडक्शन की कोई एंट्री मिस तो नहीं हो गई.

अगर आप इन दोनों फॉर्म्स को देखे बिना सीधे रिटर्न फाइल कर देते हैं, तो हो सकता है कि आपका टैक्स रिफंड अटक जाए या फिर भविष्य में इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आ जाए. और फिर शुरू होगा परेशानी का एक नया सिलसिला.

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फॉर्म 26AS क्या बताता है?

फॉर्म 26AS एक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट होता है, जो बताता है कि आपके पैन (PAN) के तहत कितना टैक्स जमा किया गया है. इसमें आपकी सैलरी या अन्य इनकम पर कटा TDS, सेल्फ-असेसमेंट टैक्स, एडवांस टैक्स, रिफंड की जानकारी और कुछ बड़े खर्चों या निवेश की डिटेल्स होती हैं – जैसे किसी प्रॉपर्टी की खरीद या बड़े म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट का ब्योरा.

अगर इसमें कोई गलती हो – जैसे किसी TDS की एंट्री मिस हो – तो आप उस व्यक्ति या संस्था से संपर्क कर सकते हैं जिसने टैक्स काटा है और उसे सुधारने के लिए कह सकते हैं.

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AIS क्यों जरूरी है?

AIS यानी एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट, फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी का डिटेल वर्जन है. यह बैंक से मिलने वाले ब्याज, डिविडेंड इनकम, म्यूचुअल फंड्स की खरीद-फरोख्त, शेयर ट्रेडिंग, किराया, विदेश भेजे गए पैसों, बड़े क्रेडिट कार्ड खर्च जैसी सभी जानकारियों का डिटेल देता है.

यह आपके पूरे फाइनेंशियल प्रोफाइल का एक नक्शा पेश करता है, जिसे देखकर आप समझ सकते हैं कि टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपकी कौन-कौन सी इनकम डिटेल्स उपलब्ध हैं. अगर इसमें कुछ ऐसा दिखता है जो आपने दर्ज नहीं किया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. आप पोर्टल पर जाकर उस एंट्री पर फीडबैक दे सकते हैं और करेक्शन की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं.

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AIS और Form 26AS में क्या फर्क है?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट के अनुसार, “AIS असल में Form 26AS का एक्सटेंशन है. फॉर्म 26AS में प्रॉपर्टी की खरीद, हाई-वैल्यू इनवेस्टमेंट्स और TDS/TCS ट्रांजैक्शंस जैसी जानकारियां होती हैं. वहीं AIS में सेविंग अकाउंट से मिले ब्याज, डिविडेंड, किराया, सिक्योरिटीज या प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त, फॉरेन रेमिटेंस, डिपॉजिट्स पर मिलने वाले ब्याज, GST टर्नओवर जैसी जानकारी भी शामिल होती है. साथ ही, AIS में टैक्सपेयर्स को हर ट्रांजैक्शन पर फीडबैक देने का विकल्प भी मिलता है. इसके अलावा, TIS यानी टैक्सपेयर्स इनफॉर्मेशन समरी के रूप में इन जानकारियों का समरी वर्जन भी मिलता है.”

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AY 2025-26 के लिए ITR भरने से पहले क्या करें?

ITR फाइल करने से पहले एक बार Form 26AS और AIS दोनों को ध्यान से देखना और यह पक्का कर लेना जरूरी है कि आपके सभी इनकम, टैक्स डिडक्शन, बैंक ब्याज वगैह सही ढंग से दर्ज हैं. यह एक छोटा सा कदम है लेकिन इससे गलत रिटर्न फाइल करने की गलती से बचा जा सकता है और किसी भी नोटिस या रिफंड डिले से आसानी से बचा जा सकता है.

क्या है ITR फाइल करने की डेडलाइन

ध्यान देने वाली बात यह है कि असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है (नॉन-ऑडिट केस में). हालांकि अभी ई-फाइलिंग पोर्टल पर जरूरी यूटिलिटीज अपडेट नहीं हुई हैं, लेकिन आप अभी से 26AS और AIS को चेक करना शुरू कर सकते हैं ताकि बाद में कोई परेशानी न हो और आखिरी समय में टेंशन न बढ़े.

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