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SEBI Former Chief Gets Clean Chit: सेबी की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच को क्लीन चिट, लोकपाल ने तमाम आरोपों को किया खारिज

SEBI Former Chief Gets Clean Chit: सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को क्लीन चिट देते हुए लोकपाल ने कहा कि तमाम आरोप सिर्फ "अनुमान और धारणा" पर आधारित हैं, जिनका कोई ठोस प्रमाण नहीं है.

SEBI Former Chief Gets Clean Chit: सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को क्लीन चिट देते हुए लोकपाल ने कहा कि तमाम आरोप सिर्फ "अनुमान और धारणा" पर आधारित हैं, जिनका कोई ठोस प्रमाण नहीं है.

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FE Hindi Desk
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SEBI former chief Madhabi Puri Buch Gets clean chit

Ex SEBI Chief Gets Clean Chit : सेबी की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच को लोकपाल ने क्लीन चिट दे दी है. (File Photo : PTI)

SEBI Former Chief Gets Clean Chit: सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को बड़ी राहत मिली है. भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के बाद लोकपाल ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है. लोकपाल ने कहा कि लगाए गए आरोप सिर्फ "अनुमान और धारणा" पर आधारित हैं, जिनका कोई ठोस प्रमाण नहीं है. शिकायतों में हिन्डनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को आधार बनाया गया था, लेकिन लोकपाल ने इसे कार्रवाई के लिए अपर्याप्त ठहराया.

शिकायतों की शुरुआत और हिन्डनबर्ग रिपोर्ट का हवाला

माधबी पुरी बुच के खिलाफ शिकायतें साल 2023 में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और दो अन्य लोगों द्वारा दर्ज कराई गई थीं. इन शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि बुच और उनके पति की कथित हिस्सेदारी कुछ ऑफशोर फंड्स में थी, जो अदाणी ग्रुप से जुड़े कथित फंड डायवर्जन से संबंधित बताए गए थे. यह आरोप अमेरिकी रिसर्च फर्म हिन्डनबर्ग की 10 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट पर आधारित थे.

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बुच और उनके पति ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि "एक शॉर्ट सेलर फर्म देश की रेगुलेटरी संस्था की साख पर हमला करने और चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है." अदाणी ग्रुप ने भी इन आरोपों को "झूठा और भ्रामक" बताया था.

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लोकपाल ने क्यों दी क्लीन चिट

लोकपाल की छह सदस्यीय पीठ, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस ए एम खानविलकर ने की, ने 22 मई को दिए अपने आदेश में साफ किया कि "शिकायतों में लगाए गए आरोप अनुमानों और धारणा पर आधारित हैं और किसी भी प्रमाणिक दस्तावेज़ से पुष्ट नहीं होते." आदेश में यह भी कहा गया कि "इन आरोपों में ऐसा कोई तत्व नहीं है जो भ्रष्टाचार निवारण कानून की धाराओं के तहत जांच लायक हो." इसलिए, इन शिकायतों को खारिज कर दिया गया.

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सुनवाई की प्रक्रिया और दोनों पक्षों की बात

बुच को पहली बार 8 नवंबर 2023 को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. उन्होंने 7 दिसंबर को शपथ पत्र के ज़रिए अपना विस्तृत जवाब दिया. इसके बाद लोकपाल ने 19 दिसंबर को सभी पक्षों को मौखिक सुनवाई का अवसर देने का निर्णय लिया. 9 अप्रैल को मौखिक बहस हुई, जिसमें बुच की ओर से वरिष्ठ वकील ने विस्तृत तर्क रखे.

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लोकपाल के आदेश में कहा गया कि “शिकायतकर्ता ने आरोपों को स्वतंत्र रूप से प्रस्तुत करने की कोशिश की, लेकिन उनका विश्लेषण करने के बाद यह पाया गया कि ये आरोप बेबुनियाद, असत्य और हल्के स्तर के हैं.”

पूर्व चेयरपर्सन के तौर पर माधबी पुरी बुच की भूमिका

माधबी पुरी बुच ने 2 मार्च 2022 को सेबी की चेयरपर्सन का पद संभाला था और 28 फरवरी 2025 को अपना कार्यकाल पूरा किया. वे सेबी की पहली महिला प्रमुख रही हैं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पूंजी बाजार में कई सुधारात्मक कदम उठाए.

(इनपुट - पीटीआई)

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