/financial-express-hindi/media/member_avatars/RsG3L7DqXrOWG11NtQsz.jpeg )
/financial-express-hindi/media/media_files/1PGicQi9eKKQBsIbFN7X.jpg)
Stock Market: मिडकैप और स्मॉलकैप में परिस्थिति वैसी नहीं है, जैसी साल 2018 के शुरू में थी. (Reuters)
Opportunity in Midcap & Smallcap: हाल के दिनों में निवेशक स्मॉलकैप और मिडकैप को लेकर कुछ अलर्ट दिख रहे हैं. बीते दिनों स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट में जिस तरह से तेजी आई है, मार्केट रेगुलेटर ने भी इन दोनों सेगमेंट को लेकर सावधान किया है. इसे स्मॉलकैप बबल और मिडकैप बबल की तरह देखा जाने लगा है और एक डर बना है कि ये बबल फूट रहा है और आगे बड़ा नुकसान करा सकता है. हालांकि मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड का कहना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप में परिस्थिति वैसी नहीं है, जैसी साल 2018 के शुरू में थी. वहीं हालिया गिरावट के बाद वैल्युएशन भी सुधरा है. ऐसे में इन सेगमेंट में गिरावट आए तो बेहतर वैल्युएशन पर निवेश के मौके की तरह देखा जा सकता है.
ICICI Bank: ये दिग्गज बैंक स्टॉक दे सकता है 30% से ज्यादा रिटर्न, किन वजहों से आएगी तेजी
2018 में क्या हुआ था? हाई वैल्युएशन और रीबैलेंसिंग
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड के अनुसार जनवरी 2018 की शुरुआत में, भारतीय इक्विटी बाजारों का वैल्युएशन बहुत हाई था. ये उस समय 28 के निफ्टी-50 टीटीएमपीई (तब स्टैंडअलोन) के साथ बाजारों के सभी सेगमेंट के लिए बेहद हाई वैल्युएशन पर कारोबार कर रहे थे. इसके अलावा, स्मॉलकैप और मिडकैप एक अस्थिर प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे. अस्थिर वैल्युएशन पर किसी भी बाजार के रेशनलाइजेशन के लिए बस एक ट्रिगर की आवश्यकता होती है.
ट्रिगर तब हुआ जब पूरे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को स्मॉल और मिडकैप से रीबैलेंस करना पड़ा. 2018 में, लगभग पूरी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री बाजार के एक तरफ था, जो रेगुलेटर द्वारा परिभाषित स्टैंडर्ड मार्केट कैप डेफिनेशन और स्कीम कैरेक्टरस्टिक्स के नए मैनडेट का अनुपालन करने के लिए मिड और स्मॉल कैप से फंड पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने की कोशिश कर रहा था.
इस फैक्ट को देखते हुए कि लगभग पूरी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री रीबैलेंस मोड पर थी, बाजार में स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में काउंटर बैलेंसिंग फ्लो की पेशकश करने वाले बहुत से खरीदार नहीं थे. एनबीएफसी संकट, 2019 में होने वाले आम चुनाव और बाद में इक्विटी पर कैपिटल गेंस टैक्स की शुरूआत ने भी बाजार के सेंटीमेंट पर असर डाला और स्मॉलकैप और मिडकैप के कमजोर सेंटीमेंट को बनाए रखा.
2024 में स्थिति 2018 की तरह नहीं
अप्रैल 2023 से स्मॉल और मिडकैप में मोमेंटम देखने को मिला. तब स्मॉल कैप के लिए डिस्काउंटेड वैल्युएशन और मिड व स्मॉल कैप में मजबूत घरेलू निवेशकों की भागीदारी के कारण दोनों सेगमेंट में तेज उछाल आया. जिससे 2024 की शुरुआत में निफ्टी वैल्यूएशन पर प्रीमियम में बढ़ोतरी हुई, जो एक चिंता का विषय बन गया.
इससे पहले कि बाजार इसे उस स्तर पर ले जाए, जहां क्रैश-रेशनलाइजेशन की आवश्यकता होगी, स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट के लिए सावधानी बरतने को लेकर मार्केट रेगुलेटर की ओर से एक संकेत आया है. रेगुलेटर ने एक सक्रिय भूमिका निभाई, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में उनके जोखिम के लिए स्ट्रेस टेस्टिंग के बारे में पूछा. कुछ एसेट मैनेजर्स द्वारा फ्रेश लम्प सम निवेश बंद करने से भी बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ा. इसके अलावा, बैंकिंग रेगुलेटर ने एनबीएफसी और पेमेंट बिजनेस में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप किया है.
हालांकि, 2018 के विपरीत, स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट से रीबैलेंस के लिए कोई अनिवार्य इंडस्ट्री-वाइड मामला नहीं था और कई एसेट मैनेजर (एमएफ, पीएमएस और एआईएफ) अवसरों की तलाश कर रहे हैं. इसके अलावा, मार्च मिड के आसपास एडवांस टैक्स और टैक्सेशन मैनेजमेंट ने भी बड़ी भूमिका निभाई है.
म्यूचुअल फंड शॉपिंग: किन शेयरों पर लगा रहे हैं दांव, किनमें बिकवाली, ये हैं टॉप 10 Buy
फंडामेंटल अभी भी मजबूत
रिपोर्ट के अनुसार घरेलू निवेशकों की बढ़ती भागीदारी कोई चौंकाने वाली बात नहीं है. इसे स्मॉल और मिडकैप के मजबूत फंडामेंटल का सपोर्ट है. FY2021-2023 के दौरान लार्ज कैप ने मिड-कैप के लिए 31 फीसदी और स्मॉल कैप के लिए 48 फीसदी की तुलना में 21 फीसदी की अर्निंग ग्रोथ दी है.
यहां तक कि हाल ही में Q3FY2024 में, BSE500 की PAT ग्रोथ सालाना बेसिस पर 25.5 फीसदी थी, जो निफ्टी 50 की 16.30 फीसदी की तुलना में अधिक थी. आगे की बात करें तो FY2023-2025E भी मिड और स्मॉल कैप के लिए 31 फीसदी और 33 फीसदी की अर्निंग ग्रोथ यानी निरंतर मजबूती को दर्शा रहा है, जबकि लार्ज कैप के लिए ग्रोथ अनुमान 16 फीसदी है.
ITC: ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको के हिस्सेदारी बेचने से रॉकेट बना आईटीसी, क्या स्टॉक पर लगाना चाहिए दांव
वैल्युएशन एक बार फिर आकर्षक
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड का कहना है कि निश्चित रूप से, निवेशक ऐसे वैल्युएशन चाहेंगे जो और भी अधिक आकर्षक हों और वे डिस्काउंटेड वैल्युएशन पर स्मॉल और मिडकैप खरीदना चाहेंगे. निवेशक मान सकते हैं कि निफ्टी 50 पर मिड कैप प्रीमियम 14% (13 मार्च 2024) के लेवल पर वापस आ गया है, जिसके ऊपर बास्केट ने अप्रैल 2021 के बाद से 84% बार कारोबार किया है.
इसके अलावा स्मॉल कैप वैल्यूएशन में भी 29 फीसदी से भारी गिरावट आई और यह 14% पर हो गया है. स्मॉल कैप भी उसी तरह प्रीमियम बैंड में सेटल होने की प्रक्रिया में हैं, जिसमें मिड-कैप पहले ही सेटल हो चुका है. लार्ज कैप टीटीएमपीई पर 22.70 के उचित वैल्युएशन पर उपलब्ध हैं और हाल ही में 2023 की मंदी के बाद बाजार को मजबूत करना और लीड करना शुरू कर दिया है. ब्रोरेज का कहना है कि अगर निवेश का लक्ष्य लंबी अवधि का है तो निवेशक मिड और स्मॉल कैप के हाई ग्रोथ सेगमेंट में भाग ले सकते हैं.
(Disclaimer: इक्विटी कैटेगरी पर विचार म्यूचुअल फंड हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)