/financial-express-hindi/media/media_files/2025/01/29/xobjV7LMKEaqiZmqAkKP.jpg)
Tata Motors Q1FY26 Results : टाटा मोटर्स के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई है. (File Photo : Reuters)
Tata Motors Q1FY26 Results: टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे जारी किए हैं, जिसमें कंपनी के मुनाफे में भारी गिरावट देखने को मिली है. अप्रैल-जून 2025 तिमाही के दौरान कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 62.2% की भारी गिरावट के साथ 4,003 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने 10,587 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था.
रेवेन्यू में भी आई गिरावट
मुनाफे के साथ-साथ टाटा मोटर्स की कुल रेवेन्यू में भी गिरावट देखने को मिली है. कंपनी का कुल रेवेन्यू 1,04,407 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 1,07,102 करोड़ रुपये था. इस गिरावट की बड़ी वजह अलग-अलग बिजनेस के वॉल्यूम में गिरावट और जेएलआर (Jaguar Land Rover) के मुनाफे में कमी बताई जा रही है.
जेएलआर पर अमेरिकी टैरिफ का असर
टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी जेएलआर की कमाई में भी गिरावट आई है. जेएलआर का रेवेन्यू इस तिमाही में 9.2% घटकर 6.6 बिलियन पाउंड रह गया. इसकी बड़ी वजह अमेरिका द्वारा ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन में बने वाहनों पर लगाए गए नए टैरिफ हैं. इसके अलावा, जैगुआर के पुराने मॉडल्स को फेज़-वाइज़ बंद किया जा रहा है, जिससे वॉल्यूम पर भी असर पड़ा है.
जेएलआर के आउटगोइंग सीईओ एड्रियन मार्डेल ने कहा, "हम यूके और यूएस सरकारों के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने यूके-यूएस ट्रेड डील को तेज़ी से लागू किया, जिससे आने वाले क्वार्टर्स में अमेरिकी टैरिफ का असर कम होगा. इसी तरह 27 जुलाई 2025 को घोषित EU-US ट्रेड डील भी राहत देगी."
टैरिफ के मोर्चे पर बनी रहेगी नजर
टाटा मोटर्स ग्रुप के सीएफओ पीबी बालाजी ने कहा, “मुश्किल अंतरराष्ट्रीय हालात के बावजूद कंपनी ने इस तिमाही में प्रॉफिट कमाया है. जैसे-जैसे टैरिफ के मोर्चे पर स्पष्टता आएगी और त्योहारों की मांग बढ़ेगी, स्थिति में सुधार होगा. अक्टूबर 2025 में होने वाले डिमर्जर के मद्देनजर हमारा ध्यान दूसरी छमाही में मजबूत प्रदर्शन देने पर रहेगा.”
पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में दबाव
पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कंपनी का प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहा. Q1 FY26 में कुल व्होलसेल वॉल्यूम 1,24,800 यूनिट रहा, जो पिछले साल की तुलना में 10.1% कम है. इसके पीछे उद्योग में गिरावट और अल्ट्रोज़, हैरियर और सफारी जैसे नए मॉडलों के बदलाव के कारण आए ट्रांजिशन को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्रा ने कहा, “Q1 FY26 पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री के लिए सुस्त तिमाही रही. अधिकांश सेगमेंट में वॉल्यूम प्रेशर बना रहा, जिससे प्रदर्शन प्रभावित हुआ. हालांकि इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में नई लॉन्चिंग और ग्राहकों की बढ़ती दिलचस्पी के चलते अच्छी मांग देखने को मिली.”
कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में भले ही पूरी इंडस्ट्री में ग्रोथ धीमी रह सकती है, लेकिन टाटा मोटर्स अपने नए प्रोडक्ट्स और EV पोर्टफोलियो के चलते अच्छी स्थिति में रहेगी.
कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट में भी चुनौतियां
कमर्शियल व्हीकल्स में टाटा मोटर्स ने 88,000 यूनिट्स की सेल दर्ज की, जो कि सालाना आधार पर 6% कम है. इस गिरावट की वजह कमजोर मांग, डोमेस्टिक मार्केट में बिक्री में कमी और फ्लीट रिप्लेसमेंट में देरी को माना जा रहा है. टाटा मोटर्स लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने कहा, “Q1 FY26 कमर्शियल वाहन उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण तिमाही रही. प्रमुख सेगमेंट्स में मांग कमजोर रही और घरेलू बिक्री घटी. हालांकि बस और वैन जैसे कुछ सेगमेंट्स में मजबूती बनी रही और हमारा इंटरनेशनल बिजनेस ग्रोथ दिखाने में सफल रहा.”
(Input : PTI)