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टॉप 5 मल्टी एसेट फंड्स का 1, 3 और 5 साल का ट्रैक रिकॉर्ड, 27% तक रहा सालाना रिटर्न, क्या अभी करना चाहिए निवेश?

Multi Asset Allocation Funds : मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स ने पिछले 1 और 3 साल में बाकी हाइब्रिड फंड्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. बाजार के मौजूदा माहौल में क्या ये फंड्स इनवेस्टमेंट का सही ऑप्शन हैं?

Multi Asset Allocation Funds : मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स ने पिछले 1 और 3 साल में बाकी हाइब्रिड फंड्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. बाजार के मौजूदा माहौल में क्या ये फंड्स इनवेस्टमेंट का सही ऑप्शन हैं?

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Viplav Rahi
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Multi Asset Allocation Funds : मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स ने 1, 3 और 5 साल में आकर्षक रिटर्न दिए हैं. (AI Generated Image)

Top 5 Multi Asset Allocation Funds : अगर आप एक ऐसे म्यूचुअल फंड की तलाश में हैं जो शेयर, डेब्ट और गोल्ड तीनों में संतुलित रूप से निवेश करे और आपको बेहतर रिटर्न दे, तो आपके लिए मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स बेहतर विकल्प हो सकते हैं. पिछले 1, 3 और 5 साल के रिटर्न के आंकड़े बताते हैं कि इस कैटेगरी ने हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स (Hybrid Mutual Funds) में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. खास तौर पर बाजार के मौजूदा हालात में, जब अंतरराष्ट्रीय फैक्टर्स की वजह से अस्थिरता और असमंजस का माहौल है, ऐसे फंड्स ज्यादा बैलेंस्ड और स्टेबल रिटर्न देने वाले ऑप्शन बनकर उभर रहे हैं.

क्या होते हैं मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स?

मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स को हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स की कैटेगरी में ही रखा जाता है. सेबी की गाइडलाइन के अनुसार इन फंड्स को अपने पोर्टफोलियो में हर वक्त कम से कम तीन एसेट क्लासेज में 10-10% निवेश बनाए रखना पड़ता है. आम तौर पर ये फंड्स इक्विटी, डेट और गोल्ड में निवेश करते हैं, लेकिन कुछ स्कीम्स में इंटरनेशनल इक्विटी, REITs और InvITs जैसे ऑप्शन भी जोड़े जाते हैं. इन फंड्स में इक्विटी का अलोकेशन 0% से लेकर 70% तक हो सकता है. वहीं, एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स में फंड्स में इक्विटी का हिस्सा 50-65% तक और कंज़र्वेटिव हाइब्रिड फंड्स में 35-50% तक होता है.

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मल्टी एसेट फंड्स का 1, 3 और 5 साल का प्रदर्शन

मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स ने पिछले एक साल में औसतन 8.12% रिटर्न दिया है, जबकि तीन साल में यह औसत 16.46% का रहा है. आइए नजर डालते हैं पिछले 1, 3 और 5 साल में इस कैटेगरी में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप 5 फंड्स के प्रदर्शन पर. इन फंड्स में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (HDFC Mutual Fund), एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (Nippon India Mutual Fund) और आईसीआईसी प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (ICICI Prudential Mutual Fund) जैसे दिग्गज फंड हाउस की स्कीम शामिल हैं.

सभी आंकड़े इन फंड्स के डायरेक्ट प्लान के हैं.  

1 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप 5 फंड

व्हाइटओक कैपिटल मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 18.32% (Direct)

DSP मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 14.49% (Direct)

निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 13.73% (Direct)

बंधन मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 12.35% (Direct)

सुंदरम मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 12.18% (Direct)

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3 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप 5 फंड

क्वांट मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 22.19% (Direct)

ICICI प्रूडेंशियल मल्टी एसेट फंड : 19.90% (Direct)

UTI मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 19.66% (Direct)

निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 19.22% (Direct)

SBI मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 17.02% (Direct)

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5 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप 5 फंड

क्वांट मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 27.19% (Direct)

ICICI प्रूडेंशियल मल्टी एसेट फंड : 23.92% (Direct)

टाटा मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 18.72% (Direct)

HDFC मल्टी एसेट फंड : 16.36% (Direct)

UTI मल्टी एसेट एलोकेशन फंड : 16.26% (Direct)

(सोर्स : AMFI)

पिछले 1 साल में मल्टी एसेट एलोकेशन फंड कैटेगरी की सिर्फ एक स्कीम - श्रीराम मल्टी एसेट एलोकेशन फंड का रिटर्न निगेटिव (-0.74%) रहा है. इसके बाद सबसे कम रिटर्न 4.82% बजाज फिनसर्व मल्टी एसेट एलोकेशन फंड का रहा. वहीं 3 और 5 साल में सबसे कम (क्रमश: 11.79 % और 14.58%) रिटर्न एक्सिस मल्टी एसेट एलोकेशन फंड का रहा है.

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टैक्स बेनिफिट की संभावना 

अगर आप अलग-अलग गोल्ड, डेट और इक्विटी फंड्स में निवेश करते हैं और हर साल पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करते हैं, तो उस पर टैक्स देनदारी बन सकती है. टैक्स की ये मार आपके ओवरऑल पोस्ट-टैक्स रिटर्न को घटा सकती है. लेकिन मल्टी एसेट फंड्स में अगर इक्विटी अलोकेशन 65% से ज्यादा है, तो उस पर इक्विटी टैक्सेशन लागू होता है, जिससे टैक्स सेविंग भी हो सकती है.

क्यों बेहतर रहा प्रदर्शन 

मल्टी एसेट फंड्स के बेहतर प्रदर्शन की इकलौती वजह सिर्फ गोल्ड का उछाल नहीं है, बल्कि सिल्वर की रैली, डेब्ट और इक्विटी मार्केट की हालत भी इसके लिए जिम्मेदार रही है. अमेरिका में ट्रेड टैरिफ को लेकर अनिश्चितता और इक्विटी मार्केट में कमजोरी के चलते गोल्ड और सिल्वर में सेफ हेवन बायिंग देखने को मिली, जिससे इन फंड्स को फायदा हुआ. साथ ही, डेट मार्केट में संभावित रेट कट साइकिल का असर भी देखने को मिला है.

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क्या यह निवेश का सही समय है?

जब बाजार में ग्लोबल लेवल पर असमंजस की हालत हो, जैसी कि अभी दिख रही है, तब मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स का डाइवर्सिफाइड स्ट्रक्चर निवेशकों को वोलैटिलिटी से बचाता है. ऐसे में ये फंड्स उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं, जो अलग-अलग स्कीम में निवेश किए बिना, एक बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं.

सोच-समझकर करें फैसला

मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स ने हाल के वर्षों में बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन जरूरी नहीं कि भविष्य में भी ऐसा ही प्रदर्शन जारी रहे. फिर भी बाजार के मौजूदा माहौल में अगर आप एक बैलेंस्ड, टैक्स-एफिशिएंट और लो-मेंटेनेंस विकल्प की तलाश में हैं, तो मल्टी एसेट फंड्स पर विचार कर सकते हैं. लेकिन हर म्यूचुअल फंड स्कीम की रणनीति और पोर्टफोलियो अलग होता है, इसलिए निवेश से पहले फंड का स्ट्रक्चर, रिस्क प्रोफाइल और ट्रैक रिकॉर्ड जरूर समझ लें. इस कैटेगरी की ज्यादातर स्कीम्स का रिस्क लेवल हाई या वेरी हाई है. इसलिए निवेश से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को भी ध्यान में रखें.

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)

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