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Tata Motors Stock : भारत में भी कमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस की ग्रोथ सिर्फ 1% सालाना रहने का अनुमान है, क्योंकि पहले से ही बिक्री का स्तर ऊंचा है. (Reuters)
Tata Motors Stock Price : टाटा मोटर्स के शेयर आज फोकस में हैं. जून तिमाही में मुनाफे में भारी गिरावट के बाद भी आज शेयर में करीब 1 फीसदी तेजी नजर आ रही है. हालांकि कंपनी के तिमाही नतीजों ने ब्रोकरेज हाउस को निराश किया है. ब्रोकरेज का मानना है कि नियर टर्म में अभी टाटा मोटर्स के शेयरों पर दबाव बना रहेगा. हर सेग्मेंट में कुछ न कुछ चिंता जून तिमाही के नतीजों में नजर आई है. खासतौर से जेएलआर (JLR) को कई मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें अमेरिकी टैरिफ भी शामिल है. टाटा मोटर्स का जून तिमाही में मुनाफा 62.2 फीसदी घटकर 4,003 करोड़ रुपये रह गया है.
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मोतीलाल ओसवाल : न्यूट्रल रेटिंग
मोतीलाल ओसवाल ने टाटा मोटर्स के स्टॉक पर न्यूट्रल रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 631 रुपये रखा है, जो करंट प्राइस 634 रुपये से नीचे है. ब्रोकरेज का कहना है कि जेएलआर (JLR) को कई मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. जैसे अमेरिका को होने वाले एक्सपोर्ट पर लगने वाले टैरिफ (शुल्क) को लेकर अनिश्चितता, यूरोप और चीन जैसे बड़े बाजारों में मांग की कमजोरी, VME, वारंटी और एमिशन से जुड़े बढ़ते खर्च.
इन वजहों से, मैनेजमेंट ने वित्त वर्ष 2026 और उसके बाद के लिए कोई गाइडेंस नहीं दिया है. इन चुनौतियों को देखते हुए, ब्रोकरेज को लगता है कि जेएलआर के मार्जिन पर दबाव बना रहेगा, और वित्त वर्ष 2025 से 2027 के बीच इसमें 150 बेसिस प्वॉइंट की गिरावट दिख सकती है.
भारत में भी, कमर्शियल व्हीकल (CV) और पैसेंजर व्हीकल (PV) दोनों कारोबार में मांग घट रही है. किसी नए पॉजिटिव फैक्टर की कमी के कारण, इस पर ब्रोकरेज ने Neutral रुख बनाए रखा है.
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज : रिड्यूस रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने टाटा मोटर्स के शेयर पर रिड्यूस रेटिंग बनाए हुए है और टारगेट प्राइस 670 रुपये से घटाकर 610 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज का अनुमान है कि टाटा मोटर्स के जेएलआर (JLR) बिजनेस की ग्रोथ बहुत धीमी रहेगी, जो अगले कुछ सालों में सिर्फ 1% सालाना औसत (CAGR) रह सकती है. इसकी प्रमुख वजहों में जैगुआर मॉडल्स का बंद होना, चीन और यूरोप में कमजोर बिक्री और अमेरिकी टैरिफ.
भारत में भी कमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस की ग्रोथ सिर्फ 1% सालाना रहने का अनुमान है, क्योंकि पहले से ही बिक्री का स्तर ऊंचा है, ट्रांसपोर्टर्स का उपयोग ठीक-ठाक है, और रेलवे से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है. कॉस्ट कटाने की कोशिशों के बावजूद, कमजोर मांग और बढ़ते मार्केटिंग खर्च के कारण, EBITDA की ग्रोथ FY25–28E के दौरान सिर्फ 4% सालाना रहने की उम्मीद है.
सभी बिजनेस सेगमेंट में मांग की स्थिति कमजोर
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार टाटा मोटर्स का कंसॉलिडेटेड EBITDA मार्जिन 1QFY26 में 9.2% रहा, जो अनुमान 10.9% से कम है. इसका कारण JLR और भारत के पैसेंजर व्हीकल (PV) बिजनेस का उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन रहा. हालांकि, कंसॉलिडेटेड PBT (टैक्स से पहले का मुनाफा) अनुमान से बेहतर रहा क्योंकि डेप्रिसिएशन और ब्याज खर्च कम थे. भारत में कमर्शियल व्हीकल (CV) और पैसेंजर व्हीकल (PV) दोनों में मांग घट रही है.
(Disclaimer: शेयर में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)