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Vikran Engineering IPO : खराब मार्केट सेंटीमेंट के बीच विक्रान इंजीनियरिंग के अनलिस्टेड स्टॉक का का ग्रे मार्केट में प्रीमियम घटता जा रहा है. (Image: FB)
Vikran Engineering Set to List on BSE and NSE : विक्रान इंजीनियरिंग के शेयरों में 3 सितंबर 2025 से ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी. कंपनी के स्टॉक बीएसई और एनएसई पर लिस्ट (stock market listing) होने जा रहे हैं. हालांकि शेयर की लिस्टिंग सुस्त रह सकती है. खराब मार्केट सेंटीमेंट के बीच विक्रान इंजीनियरिंग के अनलिस्टेड स्टॉक का का ग्रे मार्केट में प्रीमियम घटता जा रहा है. हालांकि कंपनी के इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पांस मिला है. यह आईपीओ ओवरआल करीब 23.60 गुना सब्सक्राइब हुआ है.
Vikran Engineering : सब्सक्रिप्शन स्टेटस
विक्रान इंजीनियरिंग का आईपीओ ओवरआल 23.59 गुना सब्सक्राइब हुआ है. इस IPO में 50% हिस्सा QIBs के लिए रिजर्व था और यह कुल 19.40 गुना भरा है. इसमें 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NIIs) के लिए रिजर्व था और यह ओवरआल 58.51 गुना भरा है. जबकि कम से कम 35% रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था और यह 10.77 गुना भरा है.
GMP घटकर 5% पर आया
आईपीओ बंद होने के बाद से विक्रान इंजीनियरिंग को लेकर ग्रे मार्केट में क्रेज कुछ कम हुआ है. ग्रे मार्केट में कंपनी का अनलिस्टेड स्टॉक 5 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. यह अपर प्राइस बैंड 97 रुपये के लिहाज से 5 फीसदी से कुछ अधिक प्रीमियम है. यही ट्रेंड रहा तो कंपनी का स्टॉक 97 रुपये इश्यू प्राइस की तुलना में लगभग 102 रुपये पर लिस्ट हो सकता है.
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आनंद राठी : कंपनी के आउटलुक पर
आनंद राठी का कहना है कि विक्रान इंजीनियरिंग के पास 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर हैं, जिससे कंपनी को अगले 2 साल तक लगातार काम मिलने की संभावना है. सरकार का पानी के रीसाइक्लिंग और बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर कंपनी को भविष्य के टेंडर का लाभ उठाने का अच्छा मौका देता है.
कंपनी का बड़ा प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने का लगातार रिकॉर्ड, सरकारी और पब्लिक सेक्टर के बड़े क्लाइंट्स के लिए एसेट-लाइट मॉडल, और पूरे भारत में मौजूदगी इसे तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़े अवसरों का फायदा उठाने की अच्छी स्थिति में लाता है.
अरिहंत कैपिटल : कंपनी के आउटलुक पर
अरिहंत कैपिटल के अनुसार, विक्रान इंजीनियरिंग एक मजबूत भविष्य की ओर बढ़ रही है. कंपनी एक तेजी से बढ़ती EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) कंपनी है, जिसका ऑर्डर बुक पावर ट्रांसमिशन, वॉटर इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे जैसे अलग-अलग सेक्टर्स में फैला हुआ है. कंपनी सरकारी योजनाओं जैसे रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम और जल जीवन मिशन का लाभ उठाने पर रणनीतिक रूप से ध्यान दे रही है. इसका एसेट-लाइट मॉडल और पूरे भारत में मौजूदगी इसे देश में बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर बूम से फायदा उठाने की अच्छी स्थिति में रखता है.
(Disclaimer: आईपीओ या कंपनी के बारे में विचार ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
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