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Green Sector Jobs in India : आने वाले दिनों में ग्रीन सेक्टर में करियर के काफी अच्छे ऑप्शन मिल सकते हैं. (Image : Freepik)
Jobs in Green Sector: भारत का ग्रीन सेक्टर बड़े पैमाने पर रोजगार देने वाले क्षेत्र के तौर पर तेजी से उभर रहा है. उम्मीद है कि यह सेक्टर वित्त वर्ष 2027-28 (FY28) तक देश में 72.9 लाख से ज्यादा नई नौकरियां जेनरेट करने में सफल होगा. ये नौकरियां मुख्य रूप से रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, वेस्ट मैनेजमेंट, ग्रीन कंस्ट्रक्शन और सस्टेनेबल टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों से आएंगी. यह अनुमान दुनिया भर के कई देशों में काम करने वाली वर्कफोर्स सॉल्यूशन कंपनी NLB सर्विसेज ने जाहिर किया है.
ग्रीन सेक्टर में निवेश से बढ़ रही नौकरियों की रफ्तार
भारत में ग्रीन ट्रांसफॉर्मेशन को तेजी से अपनाया जा रहा है. कंपनियां पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों में भारी निवेश कर रही हैं, जिससे नौकरियों के नए अवसर बन रहे हैं. NLB सर्विसेज के मुताबिक, FY28 तक लगभग 72.9 लाख ग्रीन जॉब्स पैदा होंगी और 2047 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3.5 करोड़ तक पहुंच सकता है. NLB सर्विसेज के CEO सचिन अलग ने बताया, "पिछले 4-5 वर्षों में ग्रीन नौकरियां सीमित क्षेत्रों से निकलकर मुख्यधारा में आ गई हैं, खासकर रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर में. आज के ग्रीन वर्कफोर्स को सस्टेनेबिलिटी के साथ-साथ डिजिटल स्किल्स की भी जरूरत है. AI, IoT, ब्लॉकचेन, GIS और डेटा-ड्रिवन टूल्स का इस्तेमाल नए दौर की ग्रीन करियर की नींव रख रहा है."
AI, डेटा और ब्लॉकचेन जैसी स्किल्स होंगी जरूरी
ग्रीन सेक्टर में नौकरी करने वालों के लिए अब पारंपरिक डिग्रियों की बजाय डिजिटल और टेक्नोलॉजी स्किल्स अधिक मायने रखती हैं. कंपनियां अब स्किल-बेस्ड हायरिंग पर जोर दे रही हैं और ऐसे टैलेंट की तलाश कर रही हैं जो व्यावहारिक ज्ञान और टेक्निकल दक्षता रखते हों. AI, डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन और IoT जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस क्षेत्र में आम हो चुका है.
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छोटे शहरों में भी बढ़ेगा रोजगार
अब तक ग्रीन नौकरियों की ज्यादा मांग मेट्रो शहरों जैसे मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली में देखी गई है. लेकिन अब टियर-2 और टियर-3 शहरों जैसे जयपुर, इंदौर, विशाखापट्टनम, कोयंबटूर, भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में भी ग्रीन जॉब्स के अवसर बढ़ने लगे हैं. सचिन अलग के मुताबिक FY28 तक कुल नौकरियों में इन छोटे शहरों की हिस्सेदारी 35 से 40 प्रतिशत तक होगी.
महिलाओं की भागीदारी
फिलहाल भारत में ग्रीन सेक्टर की नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 11-12 प्रतिशत है. इसका कारण तकनीकी शिक्षा तक सीमित पहुंच, सामाजिक नियमों की अड़चनें और कार्यस्थलों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं. हालांकि कंपनियां अब महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चला रही हैं और इनक्लूसिव हायरिंग पॉलिसी अपना रही हैं. इससे आने वाले 5-6 वर्षों में महिलाओं की भागीदारी 12-15 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.
भारत का ग्रीन सेक्टर न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि रोजगार के लिहाज से भी एक सुनहरा अवसर बन रहा है. अगर नई जेनरेशन डिजिटल और ग्रीन स्किल्स में खुद को अपडेट करे तो आने वाले समय में उन्हें इस सेक्टर में करियर के काफी अच्छे ऑप्शन मिल सकते हैं.